जालंधर नगर निगम हाउस की बैठक में मेयर ने अफसरों को दिखाए कड़े तेवर

Edited By Vaneet,Updated: 24 Jul, 2018 01:10 PM

jalandhar municipal corporation house meeting

जालंधर नगर निगम हाउस की बैठक आज हुई। बैठक में मेयर जगदीश राजा ने अफसरों के साथ सवाल जवाब शु किए।  ....

जालंधर(खुराना): जालंधर नगर निगम के पार्षद हाऊस की बैठक आज मेयर जगदीश राज राजा की अध्यक्षता में हुई जो पूरे 6 घंटे चली। इस दौरान ज्यादातर समय शहर के 80 पार्षदों ने अपने-अपने वार्ड की गलियों, नालियों व कूड़े की समस्या पर ही चर्चा की। हाऊस की बैठक में मुख्य रूप से पार्कों बारे पॉलिसी लाई गई थी जिसे पैंडिंग रख लिया गया। पार्षदों की जानकारी हेतु बैठक में आई पंजाब सरकार की नई विज्ञापन पॉलिसी पर भी कोई चर्चा नहीं हुई और उसे भी पैंडिंग रख लिया गया। बैठक दौरान नगर निगम के नए कमिश्रर दीपर्व लाकड़ा भी मौजूद रहे और उनका परिचय हर पार्षद से करवाया गया। सभी पार्षदों ने ध्वनिमत से उनका स्वागत किया। बैठक शुरू होने से पहले पूर्व पार्षद जसविन्द्र सिंह बिल्ला के देहांत पर शोक व्यक्त करने हेतु 2 मिनट का मौन धारण करके उन्हें श्रद्धांजलि दी गई। 
 

पार्षद हाऊस में फिर लहराई गई ‘पंजाब केसरी’ 
पार्षद हाऊस की पिछली बैठक दौरान सदन में पंजाब केसरी की प्रतियां लहराकर मुद्दा उछाला गया था और आज फिर पार्षद जगदीश समराय ने हाऊस में पंजाब केसरी की प्रति दिखाते हुए चिंता व्यक्त की कि उचित फैसला न लिए जाने के कारण स्वच्छ भारत मिशन के तहत प्राप्त होने वाली 17 करोड़ की ग्रांट लैप्स हो सकती है। मेयर तथा अन्य सभी पार्षदों ने इस पर चिंता व्यक्त की। मेयर जगदीश राजा ने डा. श्रीकृष्ण से मामले बारे पूछा जिन्होंने कहा कि चंडीगढ़ में कई प्रस्ताव पैंडिंग पड़े हैं जिन बारे अगर समय पर फैसला न किया गया तो ग्रांट लैप्स हो सकती है। मेयर ने इस मामले में जल्द कार्रवाई करने की बात कही। 

मालियों की वेतन वृद्धि बारे पत्र 3 साल हाऊस से छिपाया गया, सदन ने दी वार्निंग
नगर निगम की अफसरशाही का हाल यह है कि पंजाब सरकार ने 9 मार्च 2015 को एक पत्र जारी करके कच्चे मालियों का वेतन 1000 से बढ़ाकर 2000 कर दिया था। परंतु 3 साल से ज्यादा समय तक किसी को इस पत्र की भनक तक नहीं लगी और इसे पार्षद हाऊस से भी छिपाया गया। हाऊस में जब पत्र पढ़ा गया तो सभी पार्षदों ने हैरानी व्यक्त की। मेयर ने जब इस मामले में अधिकारियों की जिम्मेदारी फिक्स करने बारे फैसला लेने को कहा तो पूरे सदन ने इस बार अधिकारियों को वाॄनग देने का फैसला लिया। 

निगम अफसरों ने पार्षद हाऊस को दिखाया ठेंगा 
निगम के अधिकारी पार्षदों व पार्षद हाऊस को कैसे ठेंगा दिखाते हैं, की मिसाल आज उस समय मिली जब पिछले हाऊस की प्रोसीडिंग पढ़ते समय सामने आया कि हाऊस द्वारा लिए गए फैसले के अनुसार न बिल्डिंग इंस्पैक्टर निर्मल जीत वर्मा को चार्जशीट किया गया और न ही एस.डी.ओ. सौरभ व शुभम को कारण बताओ नोटिस ही जारी किए गए। मेयर जगदीश राजा ने इस बातों का गम्भीर नोटिस लिया और कहा कि हाऊस को गुमराह करना पाप के समान है। 

27 साल में पहली बार पिछले हाऊस की प्रोसीडिंग पर हुई खुलकर चर्चा
पार्षद हाऊस की बैठक शुरू होने से पहले जब पिछली बैठक की कार्रवाई की पुष्टि करने का प्रस्ताव आया तो मेयर ने उस पर आपत्ति व्यक्त करते हुए सभी पार्षदों से आग्रह किया कि पहले पिछले हाऊस की प्रोसीडिंग पर चर्चा की जाए। मेयर का कहना था कि निगम के अधिकारी अक्सर पार्षद हाऊस को हल्के में लेते हैं और हाऊस में पास प्रस्तावों पर भी कोई एक्शन नहीं लेते। 1991 में जालंधर नगर निगम का गठन हुआ था और पिछले 27 सालों दौरान हाऊस की दर्जनों बैठकें हो चुकी हैं परन्तु कभी भी प्रोसीडिंग पर इतनी खुलकर चर्चा नहीं हुई। चर्चा के दौरान मेयर ने नगर निगम के अधिकारियों की खूब क्लास लगाई और उन्हें चेतावनी दी कि अब आगे से पार्षद हाऊस में पास हुए प्रस्तावों पर अवश्य एक्शन किया जाए वर्ना विभागीय कार्रवाई की जाएगी। इस चर्चा दौरान पार्षद रेरू ने कहा कि उनके वार्ड में नए ट्यूबवैल को 10 दिन में लगाने का वायदा हुआ था परन्तु काम महीने बाद भी शुरू नहीं हुआ। जैतेवाली से सीवर लाइन जोड़ी जानी थी। उस मामले में भी कुछ नहीं किया गया।

निगम द्वारा पास हुई कालोनी से किस्त लेने का भी प्रयास नहीं किया गया। मेयर ने इसके लिए अधिकारियों की खूब खिंचाई की। पार्षद सुशील कालिया का कहना था कि उनके पास स्ट्रीट लाइट का कोई पैट्रोलर नहीं जाता और न ही खराब ट्यूबवैलों को जल्दी ठीक करने के लिए स्टैंडबाई मोटर का प्रबंध किया जाता है। डा. जसलीन सेठी का कहना था कि उनका वार्ड अभी भी 3 जोनों में बंटा हुआ है। पिछले हाऊस में मामला उठाया था पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। प्रभदयाल भगत ने कहा कि न उनके वार्ड के सीवरों से गार निकली और न ही गढ़ा के सरकारी स्कूल की जमीन पर हुए कब्जों पर कोई कार्रवाई हुई। हाऊस में मामला उठने के बावजूद अवैध बिल्डिंग बनती रही और इंस्पैक्टर सुषमा दुग्गल ने कोई कार्रवाई नहीं की। इन आरोपों पर भी अधिकारी चुप रहे परन्तु बाद में ए.टी.पी. लखबीर सिंह ने सर्वे करने का कह कर मामले को शांत किया। पार्षद सुशील कालिया का कहना था कि उनके वार्ड में अभी तक पैचवर्क नहीं हुए और न ही टावर की अनुमति बारे कोई कार्रवाई की गई। पार्षद मिंटू जुनेजा ने कहा कि गढ़ा व साथ लगते & वार्डों के 9 सीवरमैन निगम ने अलॉट करने थे, जो अभी तक नहीं हुए। स्ट्रीट लाइटें भी ठीक नहीं हो रही और 3 महीने से लेबर कालोनी की समस्या दूर नहीं हो रही। पार्षद नीरजा जैन ने कहा कि पैट्रोल पम्प के पास मलबे को नहीं हटाया जा रहा है और डिच न होने का बहाना लगाया जा रहा है।

पार्षद श्वेता धीर ने कहा कि कबीर विहार टंकी के मामले में भी न तो कोई एक्शन किया गया और न ही वहां कोई मोटर लगाई गई। पार्षद उमा बेरी ने कहा कि मास्टर तारा सिंह नगर की स्ट्रीट लाइटों की शिकायत के बावजूद ठेकेदार को जुर्माना नहीं लगाया गया और न ही पानी सप्लाई के समय बिजली चले जाने की शिकायत पर ठोस कार्रवाई की गई। भाजपा पार्षद चंद्रजीत कौर संधा ने कहा कि क‘चा कोट में गलत लैवल वाला सीवर डाले जाने के मामले में भी सीवरेज बोर्ड को सिर्फ पत्र लिखा गया, कार्रवाई कोई नहीं हुई। वार्ड के पार्क का नाम रखने के प्रस्ताव पर भी एक्शन नहीं हुआ और न ही जिस टंकी को तोड़ा जाना था उस पर कोई कार्रवाई हुई। पार्षद जसपाल कौर भाटिया ने कहा कि 120 फुट रोड पर नया डम्प न बनाए जाने के कारण समस्या काफी गम्भीर है और वह क्षेत्र मिनी वरियाणा बनता जा रहा है। पार्षद निर्मलजीत निम्मा ने कहा कि टावर के मामले में पिछले हाऊस में मामला उठा पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। क्या निगम द्वारा सप्लाई पानी को फिल्टर करने की जरूरत है, का भी जवाब देना उचित नहीं समझा गया। 

पार्षद रोहन सहगल ने कहा कि उनके तथा साथ वाले वार्ड में पड़ती सड़क का नाम शहीद देवदत खुल्लर ही रखे जाने के मामले में भी अधिकारियों की ओर से कोई कार्रवाई नहीं हुई। मनदीप जस्सल ने कहा कि धन्नोवाली के सीवर की निकासी का अभी तक कोई हल नहीं हुआ और 15-15 दिन कूड़ा नहीं उठता। पिछले 10 सालों दौरान क्षेत्र में काटी गई अवैध कालोनियों की कोई रिपोर्ट नहीं दी गई और न ही जिन शोरूमों ने पार्किंग वाली जगह पर दुकानें खोल रखी हैं, उन पर कोई कार्रवाई हुई। पार्षद मनमोहन राजू ने कहा कि खाली प्लाटों में पड़े कूड़े कारण कोई चालान नहीं हुआ और न ही लोगों को जागरूक किया गया। पार्षद वीरेश मिंटू ने कहा कि टयूबवैल के बार-बार जल जाने तथा स्टैंडबाई मोटर का कोई हल नहीं निकाला गया और न ही ट्यूबवैलों को लिंक किया गया। डम्प मामले का भी हल नहीं हुआ। मेयर ने ट्यूबवैल मैंटीनैंस के ठेकेदारों को जुर्माना लगाए जाने के निर्देश जारी किए। पार्षद बंटी नीलकंठ ने कहा कि पुरानी सब्जी मंडी चौक से कपूरथला चौक तक कोई स्ट्रीट लाइट प्वाइंट नहीं लगाया गया और न ही इस सड़क पर पड़ते डम्प को बड़ा किया गया। त्रिकोणी पार्क को भी नहीं हटाया गया और न ही सरस्वती विहार को पक्का कर्मचारी दिया गया। संगत सिंह नगर की जमीनों के मामले में भी पार्षद हाऊस में मामला उठा पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। 

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