इंस्पैक्टर इंद्रजीत सिंह के बयानों पर दर्ज आइस तस्करी के केस में राजा कंदोला सहित 6 बरी

Edited By Vatika,Updated: 22 Aug, 2018 11:14 AM

inspector inderjit singh

जिला एवं सैशन जज माननीय एस.के. गर्ग की अदालत में आइस व हैरोइन तस्करी के मामले में रंजीत सिंह उर्फ राजा कंदोला व उसके साथी तस्कर मनजिंद्र सिंह, सुरिन्द्र कौर, श्वेता अरोड़ा, अरुण कुमार व वानिया खन्ना को आरोप साबित न होने पर बरी कर दिया, जबकि इन्हीं...

जालंधर(मृदुल, भारद्वाज, जतिन्द्र): जिला एवं सैशन जज माननीय एस.के. गर्ग की अदालत में आइस व हैरोइन तस्करी के मामले में रंजीत सिंह उर्फ राजा कंदोला व उसके साथी तस्कर मनजिंद्र सिंह, सुरिन्द्र कौर, श्वेता अरोड़ा, अरुण कुमार व वानिया खन्ना को आरोप साबित न होने पर बरी कर दिया, जबकि इन्हीं के साथ जुड़े तस्कर अमनदीप सिंह उर्फ चीमा को 3 साल की कैद के साथ 40 हजार रुपए जुर्माना व जुर्माना न देने पर 6 मास की अतिरिक्त सजा सुनाई है। दोषी सुखविन्द्र सिंह उर्फ लड्डू को 5 साल की सजा, 40 हजार रुपए जुर्माना व जुर्माना न देने पर 6 माह कैद की सजा सुनाई है। 

यह मामला 2 जून 2012 को थाना गढ़शंकर (जिला होशियारपुर) में बर्खास्त इंस्पैक्टर इंद्रजीत सिंह के बयानों पर केस दर्ज हुआ। केस में उस वक्त आई-20 कार व इंडिका कार में आए अमनदीप सिंह, हरजिन्द्र सिंह उर्फ राजिन्द्र जिनसे 50 ग्राम हैरोइन, बाइक पर आए जतिन्द्र कुमार से 200 ग्राम हैरोइन बरामद हुई थी। वहीं सुखविन्द्र सिंह, हरकमलजीत सिंह उर्फ रूपा को भी गिरफ्तार किया गया था। इन दोनों कारों से 34 किलो आइस बनाने वाला नशीला पदार्थ (एफ्टीमाइन) बरामद हुआ था जिसमें इंस्पैक्टर इंद्रजीत सिंह, सी.आई.ए. इंचार्ज अंग्रेज सिंह व सतीश बाठ भी थे। इस केस में मुख्य गवाही डी.एस.पी. हरप्रीत सिंह मंडेर ने की थी जिनकी हाजिरी में पकड़े गए आरोपियों की चैकिंग की गई थी। जांच में तार दिल्ली तक जुड़े थे मगर केस में पुलिस की कहानी आगे तक पूरी नहीं हो पाई। 
 

होशियारपुर से ई.डी. की ओर से चल रही जांच के दौरान केस जालंधर हुआ ट्रांसफर 
उल्लेखनीय है कि केस जिला होशियारपुर के गढ़शंकर में दर्ज हुआ था व होशियारपुर कोर्ट में मुकद्दमा चला, मगर जब हवाला के इनपुट मिले व ई.डी. द्वारा कार्रवाई की गई तो केस को जालंधर ट्रांसफर कर दिया गया। हालांकि इस केस में पुलिस द्वारा चालान 4 अगस्त 2012 को पेश किया गया, जबकि चालान टू कोर्ट 24 सितम्बर 2012 को किया गया। उस दौरान पुलिस की जांच में काफी फेरबदल भी हुआ। 

सरकार की ओर से 12 तो बचाव पक्ष ने पेश किए 14 गवाह 
राजा कंदोला पर दर्ज इस केस के कोर्ट में ट्रायल के दौरान सरकार की ओर से 12 गवाह पेश किए गए, जबकि बचाव पक्ष की ओर से 14 गवाह पेश किए गए जिनको कोर्ट ने माना, मगर पुलिस ओर से जांच में काफी जगह लापरवाहियों के बल पर ही राजा कंदोला व अन्य तस्करों को बरी किया गया है।
 

राजा कंदोला को पकडऩे वाला डिसमिस इंस्पैक्टर इंद्रजीत खुद भी पकड़ा गया नशे की खेप के साथ   
गौरतलब है कि साल 2012 में इंटरनैशनल आइस तस्करी के आरोप में पकड़े गए राजा कंदोला के पास से 200 करोड़ की आइस बरामद हुई थी जिसके बाद पुलिस अफसरों ने जांच में कई तस्करों को पकड़ा और छोड़ा था, मगर बाद में कैप्टन सरकार आने के बाद एस.टी.एफ. की ओर से खुद डिसमिस इंस्पैक्टर इंद्रजीत सिंह भी हैरोइन और ए.के.-47 के साथ पकड़ा गया था जिसको लेकर राज्य में पुलिस अधिकारियों समेत कई मुलाजिमों के भी नाम आए थे। 

ई.डी. राजा कंदोला और उसके साथी टोनी की करीब 8 करोड़ की सम्पत्ति कर चुकी है अटैच 
ई.डी. ने 6 अगस्त को राजा कंदोला के करीबी निशान सिंह टोनी और उसकी फैमिली के नाम पर 1 करोड़ 8 लाख की वैल्यू की जमीन और एक टोयटा करोला कार अटैच की थी। इससे पहले भी ई.डी. केस में 6.34 करोड़ की जायदाद अटैच कर चुकी है जिसमें राजा कंदोला का घर और उसके नाम पर जितनी जमीन है। ई.डी. ने उसके साथ-साथ दोस्तों के नाम पर खरीदी गई प्रॉपर्टी को भी अटैच कर चुकी है। ई.डी. कंदोला की पत्नी राजवंत कौर और बेटे बल्ली सिंह को भी मनी लॉङ्क्षन्ड्रग के आरोपों में गिरफ्तार कर चुकी है। हालांकि होशियारपुर कोर्ट की ओर से राजा कंदोला की कथित गर्लफ्रैंड वानिया खन्ना को 10 साल की जेल हुई थी, मगर जालंधर जिला सैशन जज की ओर से उसे बरी कर दिया गया। 
 

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