93 बिल्डिंगों के अलावा 200 और अवैध बिल्डिंगों बारे केस हाईकोर्ट में दायर

Edited By Vatika,Updated: 17 May, 2019 09:17 AM

illegal building jalandhar

आर.टी.आई. कार्यकत्र्ता की शिकायत पर लोकल बाडीज मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने पिछले साल जालंधर की 93 अवैध बिल्डिंगों की सूची में से करीब 35 बिल्डिंगों पर अचानक छापेमारी की थी और तब सभी को हैरानी हुई थी कि जब सभी की सभी 35 बिल्डिंगें व कालोनियां अवैध...

जालंधर (खुराना): आर.टी.आई. कार्यकत्र्ता की शिकायत पर लोकल बाडीज मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने पिछले साल जालंधर की 93 अवैध बिल्डिंगों की सूची में से करीब 35 बिल्डिंगों पर अचानक छापेमारी की थी और तब सभी को हैरानी हुई थी कि जब सभी की सभी 35 बिल्डिंगें व कालोनियां अवैध पाई गईं। उसके बाद सिद्धू ने 93 बिल्डिंगों की जब जांच करवाई तो उनमें से 2-3 बिल्डिंगें ही नियमों के अनुरूप बनी पाई गईं। नवजोत सिद्धू ने पहले इन अवैध बिल्डिंगों की विजीलैंस जांच करवाने और सख्ती करने के जो-जो निर्देश दिए उन्हें जालंधर के कांग्रेसी राजनेताओं ने सफल नहीं होने दिया।

सिद्धू के दबाव में आकर निगम ने जिन 45 के करीब बिल्डिंगों को सील भी किया था, उनमें से ज्यादातर बिल्डिंगों की सील खोली जा चुकी है और 93 में से ज्यादातर बिल्डिंगें इस समय धड़ल्ले से काम कर रही हैं।इस स्थिति से परेशान होकर आर.टी.आई. कार्यकत्र्ता सिमरनजीत सिंह ने पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है जिस पर कल सुनवाई हुई और माननीय जज ने इसे अत्यंत गम्भीरता से लेते हुए लोकल बाडीज के सैक्रेटरी, जालंधर के डिप्टी कमिश्रर तथा जालंधर के निगम कमिश्रर को 17 मई को अदालत के सामने पेश होने के आदेश दिए हैं। माना जा रहा है कि तीनों अधिकारी कल हाईकोर्ट के सामने व्यक्तिगत रूप से पेश होंगे। दूसरी ओर जालंधर नगर निगम के बिल्डिंग विभाग के अधिकारी इस जनहित याचिका के आधार पर अपना जवाब तैयार करने में व्यस्त रहे, जो शुक्रवार को अदालत सामने रखा जा सकता है।

2 सालों में किसी शिकायत पर सुनवाई नहीं हुई
हाईकोर्ट में दायर याचिका में साफ लिखा गया है कि शिकायतकत्र्ता ने 2017 से लेकर 2019 तक अवैध बिल्डिंगों बारे लोकल बाडीज के अधिकारियों, डिप्टी कमिश्नर तथा निगम कमिश्रर आदि को सैंकड़ों लिखित शिकायतें कीं परंतु इन 2 साल में उन पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। अगर खानापूर्ति हेतु कार्रवाई की भी गई तो बाद में अवैध बिल्डिंग मालिकों को पूरा लाभ दिया गया। कांग्रेसी नेताओं ने अवैध बिल्डिंगों के मामले में निगम पर पूरा दबाव बनाया परंतु उन पर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। गौरतलब है कि यह याचिका मुख्य न्यायाधीश कृष्ण मुरारी व जस्टिस अरुण पल्ली की बैंच ने सुनी और जिस प्रकार तुरंत 3 बड़े अधिकारियों को हाईकोर्ट सामने पेश होने के निर्देश दिए उससे माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में जालंधर की अवैध बिल्डिंगों पर अदालत के आदेशों से बड़ी कार्रवाई हो सकती है।

 

हाईकोर्ट को दी गई अवैध बिल्डिंगों की नई सूची
-नाज सिनेमा के सामने रवि ट्रेडर्स के निकट बनी बिल्डिंगें
-ज्योति नगर सब-वे के सामने बन रही बिल्डिंग
-मोहन विहार में काटी जा रही अवैध कालोनी
-फुटबाल चौक में बना गंगा आर्थोकेयर अस्पताल
-जमशेर रोड पर आफिसर कालोनी में हुआ 
-मर्शियल निर्माण
-माडल टाऊन की के.एफ.सी. वाली बिल्डिंग
-पठानकोट रोड जी.एम. एन्क्लेव के निकट कट रही कालोनी
-कालिया कालोनी में बना बल्ल अस्पताल
-माडल टाऊन यूनियन बैंक के पीछे अवैध निर्माण
-माडल टाऊन 536-एल बुटीक वाली बिल्डिंग
-संसारपुर में काटी जा रही अवैध कालोनी
-परागपुर में कट रहीं 3 अवैध कालोनियां
-भीमजी पैलेस वाले स्थान पर काटी गई अवैध कालोनी
-कलगीधर एवेन्यू मिट्ठापुर के निकट कटी कालोनी
-अड्डा टांडा भाटिया इलैक्ट्रीकल के पीछे बन रही बिल्डिंग
-नकोदर रोड पर इमैनुअल सुपर स्टोर
-421-आर माडल टाऊन में 73 एम.एल. ड्रिंकिंग बार वाली बिल्डिंग
-बी.एम.सी. चौक में विजय इलैक्ट्रीकल वाली बिल्डिंग
-रामा मंडी में न्यू तुलसी सैनीटेशन के पीछे बनी बिल्डिंग
-कादेशाह चौक में अवैध रूप से बनी दुकानें
-टैगोर नगर गली नं. 10 में बनी अवैध दुकानें
-सिविल लाइन्स क्षेत्र में बन रहे फ्लैट

 

कानूनी आदेशों पर भी नहीं करते कार्रवाई
शिकायतकत्र्ता ने बताया कि अवैध बिल्डिंगों के कई मालिक विभिन्न तर्क लेकर अदालतों की शरण में चले जाते हैं जहां निगमाधिकारी कोई पैरवी नहीं करते और सालों-साल मामला लटकता रहता है। 93 बिल्डिंगों वाली सूची में जुल्का टावर, लिकर अड्डा 5, ब्रयू मास्टर तथा कई अन्य कोर्ट में चले गए थे जहां से जो आदेश भी जारी होते हैं उन पर भी काफी काफी देर तक अमल नहीं होता।


इमामनासिर में फिर अवैध मार्कीट बननी शुरू
शिकायतकत्र्ता ने अपने वकील के माध्यम से अदालत को बताया कि उसकी शिकायत पर निगम ने इमामनासिर स्थित स्टेट बैंक की ब्रांच के पीछे अवैध रूप से बन रही मार्कीट का काम रुकवा दिया था और मेन गेट को सील कर दिया था परंतु अब वहां दोबारा काम शुरू हो गया है। वहां गेट बंद करके अंदर ही अंदर 40 के करीब दुकानें बनाए जाने की योजना है। जालंधर में इतने बड़े स्तर पर अवैध निर्माण चल रहे हैं परंतु निगमाधिकारी एकाध नोटिस जारी करके अवैध निर्माणों को पूरा होने देते हैं।


हाईकोर्ट के सामने है 250 से ज्यादा अवैध बिल्डिंगों की सूची
जनहित याचिका के माध्यम से हाईकोर्ट के सामने जहां पिछले साल चर्चा में रही 93 अवैध बिल्डिंगों की सूची रखी गई है वहीं इसमें और भी दर्जनों अवैध बिल्डिंगों के नाम जोड़े गए हैं, जिससे इनकी संख्या 250 से पार हो गई है। शिकायतकत्र्ता सिमरनजीत का कहना है कि अभी भी कई अवैध बिल्डिंगों पर काम चल रहा है। उनके नाम बाद में हाईकोर्ट को दी गई सूची में जोड़े जाएंगे।

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