NRI की दुकान पर कब्जा करने का मामलाःशशि शर्मा व उसके गैंग पर दर्ज हुआ ठगी का केस

Edited By Anjna,Updated: 21 Feb, 2019 08:24 AM

fraud case

लोगों की प्रापर्टियों पर कब्जे करने वाले शशि शर्मा व उसके गैंग पर एन.आर.आई. थाने में ठगी का केस दर्ज कर लिया गया है। इस केस में शूज कम्पनी करोना के डायरैक्टर को भी नामजद किया है।

जालंधर (स.ह): लोगों की प्रापर्टियों पर कब्जे करने वाले शशि शर्मा व उसके गैंग पर एन.आर.आई. थाने में ठगी का केस दर्ज कर लिया गया है। इस केस में शूज कम्पनी करोना के डायरैक्टर को भी नामजद किया है। मामले में शशि शर्मा व उसके गैंग ने एन.आर.आई. अमनदीप सिंह बैंस की लाजपत नगर में स्थित दुकान पर कब्जा कर लिया था और बाद में दुकान हथियाने के लिए माननीय कोर्ट में ही जाली दस्तावेज पेश करके कोर्ट को भी गुमराह किया। मीडिया को भी मैनेज करके रखने वाले शशि शर्मा के काले कारनामों की पोल 'पंजाब केसरी ने बिना किसी दबाव के पहले से ही खोल दी थी। शशि व उसके गैंग के ठगी के स्टाइल को भी बेनकाब किया गया था और इस केस में भी शशि शर्मा ने उसी तरीके से एन.आर.आई. की दुकान को हथियाने की कोशिश की जिस तरीके बारे 'पंजाब केसरी खुलासा कर चुका है। 

केस हार रही शूज कम्पनी का हाथ थाम लिया था शशि ने
दरअसल इंगलैंड में रहते एन.आर.आई. अमनदीप सिंह बैंस ने काफी साल पहले लाजपत नगर स्थित अपनी दुकान को शूज कम्पनी करोना को किराए पर दिया था। किराया न देने के कारण दुकान किराए पर लेने वाली कम्पनी के खिलाफ कोर्ट में केस किया गया था। 7 साल पहले करोना कम्पनी केस हारनी लगी तो उसका हाथ शशि शर्मा ने थाम लिया और अपने गैंग को बीच में डालकर किराएदार बनाया तथा मालिक भी किसी और को बताकर जाली दस्तावेज कोर्ट में पेश कर दिए। 7 साल से एन.आर.आई. बैंस करोना ही नहीं बल्कि शशि शर्मा व उसके गैंग के साथ भी कोर्ट केस लड़ रहे थे लेकिन इसी बीच खुलासा हुआ कि शशि शर्मा व उसके गैंग ने जाली दस्तावेज कोर्ट में दिए हैं जिसके बाद एन.आर.आई. थाने में शशि शर्मा केयर ऑफ 770 मोता सिंह नगर, सतिंद्र पाल सिंह पुत्र तरलोचन सिंह निवासी एम.आई.जी. हाऊसिंग बोर्ड कालोनी, विजय उर्फ धर्मा पुत्र कर्मचंद निवासी दयोल नगर, विशाल चावला पुत्र हरि ओम चावला निवासी मॉडल हाऊस व करोना कम्पनी के अधिकारी अनिल कुमार के खिलाफ एफ.आई.आर. नंबर-5 थाना एन.आर.आई. में धारा-420, 120बी अधीन केस दर्ज कर लिया गया।

करीब 20 साल से चल रहा था केस, इस तरह किया अदालत को गुमराह
लाजपत नगर स्थित इस दुकान का करीब 20 साल 1999 से कोर्ट में केस चल रहा है। एन.आर.आई. अमनदीप सिंह बैंस की माता तेज कौर बैंस ने 1992 में करोना कम्पनी के साथ किरायानामा किया था। 1994 से किराया नहीं मिला तो 1999 में पीडि़ता ने कोर्ट केस कर दिया। 2006 में माननीय कोर्ट ने फैसला तेज कौर बैंस के हक में सुनाया। 2009 में तेज कौर बैंस की इंगलैंड में मौत हो गई और प्रापर्टी का वारिस उनका बेटा अमनदीप सिंह बैंस बन गया। किराया लेने करोना कम्पनी के खिलाफ याचिका दायर की तो कोर्ट ने 31-1-2014 तक का किराया 2 हफ्ते के भीतर जमा करवाने के आदेश दिए लेकिन कम्पनी ने पैसे जमा ही नहीं करवाए।

करोना ने एग्जीक्यूशन के चलते दुकान में पार्टिशन कर लिया। अदालत ने 17-12-2014 को कब्जा दिलाने के आदेश दिए लेकिन 31-3-2016 को मनजीत वालिया ने कोर्ट में याचिका दायर कर दी कि वह एन.आर.आई. की उस दुकान का किराएदार है जो 7-4-2014 को खारिज कर दी गई। फिर मनजीत सिंह वालिया ने माननीय जिला जज के पास 4-5-2017 को की गई अपील 2-11-2018 को वापस ले ली। दूसरी तरफ 13-4-2018 को राकेश कुमार निवासी बस्ती शेख ने इसी दुकान के लिए स्टे का मुकद्दमा अदालत में दायर कर दिया और खुद को किराएदार जबकि सतिन्द्र पाल सिंह को मालिक बताया। राकेश ने रैंट एग्रीमैंट (तिथि 11-4 2014) व कुछ रैंट रसीदें साल 2014 से लेकर 2018 तक पेश कीं, जो सतिन्द्र द्वारा जारी की गई थीं। जांच में पता लगा कि जिस समय रैंट एग्रीमैंट तैयार किया गया, तब राकेश जेल में था। राकेश द्वारा दिए गए दस्तावेज नकली निकले। इस सारी प्लानिंग के पीछे शशि शर्मा का हाथ था।  

जांच के लिए बुलाया लेकिन हाजिर नहीं हुआ शशि शर्मा
एन.आर.आई. ङ्क्षवग के अधिकारियों ने शशि शर्मा समेत सभी लोगों को जांच में शामिल होने और दस्तावेज पेश करने को कहा था लेकिन इनमें से कोई भी पुलिस की जांच में शामिल होने नहीं आया। शशि शर्मा ने इसी तरह कई लोगों की प्रापर्टी हड़पी हुई है और वह केस भी अभी माननीय अदालत में है। 

पुलिस अधिकारियों के संरक्षण में बचता आया शशि 
शशि खिलाफ यह पहला केस नहीं है। उसके खिलाफ कई आपराधिक केस भी दर्ज हैं लेकिन अक्सर वह अधिकारियों का चहेता होने के कारण बचता आया है। जिन अधिकारियों ने उस पर शिकंजा कसा, उन्हीं के खिलाफ शशि शर्मा ने कोई न कोई आरोप लगा कर फंसाने की कोशिश की जिसके डर से अधिकारी चुप बैठ जाते थे। कई उच्चाधिकारी शशि शर्मा के करीबी हैं। हाल में ही शशि शर्मा को दलबीर सिंह उर्फ दलबीरा व उसके साथियों ने बुरी तरह पीटा था क्योंकि शशि दलबीरा को डरा-धमका रहा था। दलबीरा ने आरोप लगाए थे कि शशि शर्मा अपने भाई शिब्बा के पूर्व पार्टनर को उसके साथ सट्टे का काम करने से रोकता था और शिब्बा के साथ ही पार्टनरशिप करने का दबाव बना रहा था।

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