फर्जी सर्टीफिकेट से भर्ती हुई आंगनबाड़ी सुपरवाइजरों ने सरकार को लगाया 100 करोड़ का चूना

Edited By swetha,Updated: 24 Jun, 2019 12:05 PM

anganbari worker fake certificate

आई.सी.डी.एस. योजना अधीन सामाजिक सुरक्षा स्त्री बाल व विकास विभाग पंजाब द्वारा करीब सवा 4 साल पहले 286 आंगनबाड़ी वर्करों को पदोन्नति देकर आंगनबाड़ी सुपवाइजर बनाया गया था।

श्री मुक्तसर साहिब(तनेजा): आई.सी.डी.एस. योजना अधीन सामाजिक सुरक्षा स्त्री बाल व विकास विभाग पंजाब द्वारा करीब सवा 4 साल पहले 286 आंगनबाड़ी वर्करों को पदोन्नति देकर आंगनबाड़ी सुपवाइजर बनाया गया था। उस समय 3 दर्जन के करीब वर्कर ऐसी थीं जिनमें बी.ए., एम.ए. व उच्च योग्यता वाले कुछ अन्य सर्टीफिकेट पंजाब से बाहर अन्य राज्यों की यूनिवॢसटियों से लाकर दिए गए थे। ये सर्टीफिकेट शक के घेरे में आए हैं।

सरकार को चाहिए तो यह था कि तब ऐसे सर्टीफिकेटों की विभाग द्वारा जांच-पड़ताल की जाती और फिर ही सुपरवाइजरों को ज्वाइन करवाकर स्टेशन अलॉट किए जाते, लेकिन ऐसा हुआ कि संबंधित विभाग की मिलीभगत से उपरोक्त 3 दर्जन के लगभग सुपरवाइजरों को यह शर्त लगाकर ज्वाइन करवा लिया कि आपके सर्टीफिकेट की बाद में जांच-पड़ताल की जाएगी व यदि सर्टीफिकेट गलत पाए गए तो 420 का पर्चा दर्ज करवाया जाएगा व लिया हुआ वेतन भी वापस लिया जाएगा। उस समय जो आंगनबाड़ी वर्कर अपना हक रखती थीं व मैरिट लिस्ट में अगला नंबर उनका आता था, ने अदालत का दरवाजा भी खटखटाया था व विभाग के उच्चाधिकारियों को भी लिखकर दिया था कि गलत सर्टीफिकेट से लगने वाली सुपरवाइजरों की पड़ताल की जाए। पहले तो महकमा गहरी नींद ही सोया रहा परंतु अब करीब 6 माह पहले पड़ताल तो पूर्ण करवा ली व सर्टीफिकेट भी बाहरी यूनिवॢसटियों के गलत पाए गए हैं परंतु अब तक कार्रवाई किसी पर कोई नहीं की जबकि हर माह सुपरवाइजर को 50 से 60 हजार रुपए वेतन मिलता है। एक सुपरवाइजर ही लगभग 30 लाख रुपए सरकारी खजाने में से ले चुकी है व गलत सर्टीफिकेटों से सवा 4 साल पहले भर्ती हुई इन आंगनबाड़ी सुपरवाइजरों ने पंजाब सरकार को 100 करोड़ रुपए से अधिक का चूना लगा दिया है। 

विभाग की डायरैक्टर को दिया कार्रवाई करने के लिए मांग पत्र
संबंधित विभाग की डायरैक्टर गुरप्रीत कौर सुपरा को आल पंजाब आंगनबाड़ी मुलाजिम यूनियन ने मिलकर मांग पत्र दिया है व यूनियन की राष्ट्रीय प्रधान हरगोङ्क्षबद कौर ने पुरजोर मांग की है कि गलत ढंग से भर्ती हुई व अन्य वर्करों का हक मारने वाली सुपरवाइजरों के खिलाफ तुरंत बनती कार्रवाई करवाई जाए। उल्लेखनीय है कि संगठन द्वारा पहले भी विभाग के सचिव व डायरैक्टर को इस संबंध में मांग पत्र दिए गए थे परंतु डायरैक्टर बदल दी गई थी। अब नई आई डायरैक्टर ने संगठन को विश्वास दिलाया है कि यह गलत हुआ है व ऐसी सुपरवाइजरों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई करनी बनती है।

एडीशनल डायरैक्टर है फरार
इस दौरान यह भी पता चला है कि जब साल 2015 में इन 286 सुपरवाइजरों की भर्ती हुई थी तो तब विभाग का एडीशनल डायरैक्टर रजनीश कुमार था जो विवादों के घेरे में था व इस सारी भर्ती प्रक्रिया का काम उनके पास ही था परंतु अब विभाग का उक्त अधिकारी भी फरार बताया जा रहा है व किसी विदेश को उडारी मार गया है।

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