Edited By Punjab Kesari,Updated: 29 Aug, 2017 12:18 PM
डेरा प्रमुख को दुष्कर्म के मामले में दोषी करार दिए जाने के बाद फैली हिंसा के कारण स्थानीय शहर व इसके साथ लगते कस्बा बिलासपुर की मार्कीट चौथे दिन भी बंद रही।
निहाल सिंह वाला/बिलासपुर(बावा/जगसीर): डेरा प्रमुख को दुष्कर्म के मामले में दोषी करार दिए जाने के बाद फैली हिंसा के कारण स्थानीय शहर व इसके साथ लगते कस्बा बिलासपुर की मार्कीट चौथे दिन भी बंद रही। बेशक दुकानदारों ने निहाल सिंह वाला में सुबह के समय अपनी दुकानें खोल लीं, लेकिन दोपहर को पुलिस द्वारा सभी दुकानें बंद करवाकर लोगों को घरों से बाहर न निकलने के आदेश दिए गए।
गत 25 अगस्त से पंजाब समेत कई राज्यों में हुई हिंसा के कारण बंद की गई मोबाइल इंटरनैट सेवाएं तथा कारोबार ठप्प होने से राज्य के लोगों में आतंकवाद के काले दिनों की याद ताजा हो गई है। मोबाइल डाटा बंद होने के कारण लोग सोशल मीडिया से दूर हो गए हैं जिस कारण लोगों में समाचार पढऩे तथा न्यूज चैनलों पर खबरें देखने के रुझान में भारी बढ़ौतरी हुई है। गांवों की चौपालें बुजुर्गों की रौनकों से वंचित हो गई हैं तथा लोग पुलिस की सख्ती के डर से घर से बाहर निकलने से डर रहे हैं। गांवों की दुकानें व व्यापारिक संस्थान पहली बार बंद हुए हैं। हलके के अंदर डेरा प्रेमियों की संख्या 18 हजार के करीब है।
पता चला है कि हलके से 400 के करीब प्रेमी विभिन्न गांवों से पंचकूला गए थे, जो कि एक दिन पहले वापस पहुंच गए हैं। गांव माछीके के गुरचरण सिंह, केवल सिंह व गुरमेल सिंह ने बताया कि गांव के बुजुर्ग जो कि चौपालों में बैठकर खुली हवा में अपने साथियों के साथ बातें करके तथा ताश खेलकर अपना टाइम व्यतीत करते थे। छोटे दुकानदारों तीर्थ सिंह, जगदीश चंद, अमन कुमार टोनी आदि ने बताया कि 4 दिन कारोबार ठप्प होने के कारण उनको दो समय की रोटी की ङ्क्षचता सता रही है। टैक्सी ड्राइवर लाली सिंह बिलासपुर, सुरजीत सिंह व लक्खा सिंह ने कहा कि आवाजाही ठप्प होने के कारण उनका कारोबार पूरी तरह से ठप्प हो गया है।