Edited By Updated: 16 Dec, 2016 10:20 AM
बेशक सुप्रीम कोर्ट ने नैशनल हाईवे व स्टेट हाईवे पर शराब की दुकानें बंद करने के लिए अगले साल 1 अप्रैल तक की डैडलाइन तय की है
चंडीगढ़ (अश्वनी): बेशक सुप्रीम कोर्ट ने नैशनल हाईवे व स्टेट हाईवे पर शराब की दुकानें बंद करने के लिए अगले साल 1 अप्रैल तक की डैडलाइन तय की है लेकिन इससे पंजाब में 2017-18 की प्रस्तावित एक्साइज पॉलिसी से सरकार को होने वाली कमाई पर आशंकाओं के बादल मंडराने लगे हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि पंजाब में बड़ी तादाद में शराब के ठेके नैशनल हाईवे व स्टेट हाईवे पर हैं। इससे पंजाब सरकार को प्रत्येक वर्ष करीब 1000 करोड़ रुपए की कमाई होती है। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद इस कमाई पर संकट के बादल मंडराना तय है।
नैशनल हाईवे-स्टेट हाईवे पर शराब के ठेकों पर सुप्रीम कोर्ट की सख्ती को देखते हुए ही सरकार ने इस वर्ष बीच का रास्ता निकालते हुए विधानसभा में एक बिल पास करवाया था। पंजाब एक्साइज (संशोधन) बिल, 2016 के नाम से पास किए गए इस बिल में सरकार ने कहा था कि 20 हजार या इससे ज्यादा आबादी वाले हाईवे के साथ सटे इलाके व जिन म्यूनिसिपल कार्पोरेशन, म्यूनिसिपल काऊंसिल, कमेटी, नोटीफाइड एरिया कमेटी, नगर काऊंसिल, कैंटोनमैंट बोर्ड या किसी भी अथॉरिटी से होकर हाईवे गुजरता है, वहां शराब के ठेके खोलने पर कोई प्रतिबंध नहीं होगा। साथ ही सरकार हाईवे के साथ सटे इलाकों में शराब के ठेकों की लोकेशन रैगुलेट करेगी।
पॉलिसी में संशोधन पर उठे थे सवाल
पॉलिसी में संशोधन पर कई सवाल भी उठे थे। सुप्रीम कोर्ट में नैशनल हाईवे व स्टेट हाईवे पर शराब के ठेकों के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे चंडीगढ़ की स्वयंसेवी संस्था अराइव सेफ सोसायटी के अध्यक्ष हरमन सिंह सिद्धू ने इस बिल के खिलाफ बोलते हुए कहा था कि इस बिल का एक-एक शब्द हाईकोर्ट में चुनौती देने लायक है, इसलिए वह बिल के खिलाफ जल्द ही कोर्ट में याचिका दायर करेंगे। स्वयंसेवी संस्था की ही याचिका पर अब सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश सुनाया है।