Edited By Punjab Kesari,Updated: 07 Feb, 2018 05:41 PM
पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने कहा कि बिना ठोस योजनाबंदी के केन्द्र सरकार ने बजट में किसानों की आमदनी दुगनी करने के सपने दिखा दिए। उन्होंने कहा कि उनके द्वारा लोकसभा में पूछे गए सवाल के जवाब में केंद्रीय कृषि व किसान कल्याण...
जालंधर (धवन): पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने कहा कि बिना ठोस योजनाबंदी के केन्द्र सरकार ने बजट में किसानों की आमदनी दुगनी करने के सपने दिखा दिए। उन्होंने कहा कि उनके द्वारा लोकसभा में पूछे गए सवाल के जवाब में केंद्रीय कृषि व किसान कल्याण मंत्रालय के राज्य मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने जो जवाब दिए है वह अपने आप में केंद्र सरकार के दावों की पोल खोल रहा है।
उन्होंने कहा कि उन्होंने मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रामण्यम के उस कथन बारे पूछा गया था कि अनाज के अलावा और फसलों का उत्पादन करने वाले किसानों की असल आमदनी घट रही है। उनसे अनाज के अलावा अन्य फसलों की खेती करने वाले किसानों की गिनती तथा उनकी आमदनी दुगनी करने संबंधी सरकारी दावों की पूर्ति के लिए किए जा रहे यत्नों बारे जानकारी भी मांगी गई थी ।इन सवालों के जवाब में केंद्र सरकार ने माना कि अनाज वाली फसलों के अलावा अन्य फसलों संबंधी केंद्र सरकार के पास कोई विशेष ब्यौरा नहीं है। जाखड़ ने कहा कि जब अनाज वाली फसलों के बिना अन्य फसलों की खेती करने वाले किसानों संबंधी सही आंकड़े ही नहीं है तो फिर इस संबंधी किसी ठोस योजनाबंदी की आस केंद्र सरकार से कैसे की जा सकती है।
उन्होंने कहा कि एक तरफ प्रधानमंत्री किसानों के नाम पर सियासत करने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं तथा बार-बार दोहरा रहे हैं कि वर्ष 2022 तक किसानों की आमदनी को दुगना कर दिया जाएगा जबकि दूसरी तरफ केंद्र सरकार के पास तो अभी तक इस संबंधी कोई स्पष्ट नीति ही नहीं है।जाखड़ ने कहा कि किसानों की आमदनी दुगनी करने के लिए सरकार ने अभी तक बयानबाजी तक ही सीमित है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने इस संबंधी एक आंतरिक मंत्रालय कमेटी बनाई है जिसकी सिफारिशों संबंधी लोकमत मांगा गया है जबकि इस कमेटी के गठन को भी 2 साल का समय बीत चुका है। प्रदेश प्रधान ने कहा कि एन.डी.ए. सरकार केवल सपने बेचने का काम कर रही है। वास्तव में किसानों की भलाई के लिए कुछ भी नहीं किया जा रहा। उन्होंने कहा कि एक तरफ देश का किसान बहुत ही तरसयोग हालत में है तो दूसरी तरफ प्रधानमंत्री मोदी की सरकार देश के अन्नदाता किसानों की मुश्किलें हल करने की बजाय उसके लिए रोजाना मुश्किलें और बढ़ाई जा रही है।