Edited By Punjab Kesari,Updated: 18 Sep, 2017 01:44 PM
बेशक सरकारी स्कूलों में कार्यरत अध्यापक स्कूलों में बड़ी मेहनत व लगन से पढ़ाई करवाने के समय-समय पर दावे करते हैं इसके बावजूद जहां इन अध्यापकों की ओर से की गई मेहनत पर स्कूलों में मूलभूत सुविधाएं, जिनमें अधिकतर स्कूलों की.......
मोगा (संदीप): बेशक सरकारी स्कूलों में कार्यरत अध्यापक स्कूलों में बड़ी मेहनत व लगन से पढ़ाई करवाने के समय-समय पर दावे करते हैं इसके बावजूद जहां इन अध्यापकों की ओर से की गई मेहनत पर स्कूलों में मूलभूत सुविधाएं, जिनमें अधिकतर स्कूलों की इमारतों का खस्ताहाल होना, कई स्कूलों में स्टाफ की भारी कमी होना आदि भारी पड़ रहा है, वहीं इनके साथ ही एक ओर बहुत बड़ा कारण है जो अध्यापकों की बच्चों को पढ़ाने में की गई मेहनत को बेकार कर रहा है और छात्रों की पढ़ाई पर भी ग्रहण है।
यह कारण है छात्रों की ओर से आमतौर पर इस्तेमाल की जाने वाली नोट बुक व कापियां जिन पर फिल्मी एक्टरों, पंजाबी गायकों व फिल्मों के सीन से जुड़ी तस्वीरें छपी अक्सर देखी जा सकती हैं, जो विद्यार्थियों की पढ़ाई से उनका ध्यान भटकाने की जिम्मेदार हैं।
विभिन्न कम्पनियों की ओर से अपनी ओर से छापी गई इन नोट बुकों व कापियों की बिक्री बढ़ाने व बच्चों को आकर्षित करने के लिए इनकी जिल्दों पर इस तरह की सामग्री छपवाई जाती हैं लेकिन इस ओर न तो शिक्षा विभाग का कोई ध्यान है और न ही अध्यापक इसके प्रति गंभीर दिखाई दे रहे हैं। 5वीं या इससे छोटी कक्षाओं में पढऩे वाले बच्चों से लेकर 10वीं कक्षा तक के छात्रों के पास फिल्मी एक्टरों, पंजाबी गायकों व फिल्मी डायलॉग लिखित यह कापियां आमतौर पर देखी जा सकती हैं।