Edited By Punjab Kesari,Updated: 28 Aug, 2017 01:49 PM
डेरा सज्जा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम को न्यायालय द्वारा बलात्कार के मामले में आरोपी साबित किए जाने के बाद लगे कर्फ्यू व अराजकता के
भटिंडा(विजय): डेरा सज्जा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम को न्यायालय द्वारा बलात्कार के मामले में आरोपी साबित किए जाने के बाद लगे कर्फ्यू व अराजकता के कारण सरकारी व निजी संस्थानों को 500 करोड़ से अधिक के नुक्सान की आशंका व्यक्त की जा रही है।
रेल विभाग को 100 करोड़ रुपए से अधिक का नुक्सान होने का अंदेशा
सभी सरकारी कार्यालय पंजाब सरकार के आदेश पर बंद करने पड़े, जिसे बिक्री कर विभाग सहित सभी प्रकार के आय स्रोत के विभागों को 25 अगस्त के बाद काफी नुक्सान हुआ। इसके साथ ही बैंकों में लेन-देन की रफ्तार बिल्कुल ढीली रही और उन्हें भी इसका खमियाजा भुगतना पड़ा। पंजाब में आने वाली 200 से अधिक ट्रेनों को रद्द किया गया, जबकि भटिंडा से 28 ट्रेनों को रद्द करना पड़ा, जिसे रेल विभाग को 100 करोड़ रुपए से अधिक का नुक्सान होने का अंदेशा है। अगर डेरा मुखी की सजा के बाद हालात सामान्य रहते हैं तो इस नुक्सान की भरपाई करने में कम से कम 2 महीने का समय लग सकता है, अगर हालात बिगड़ते हैं तो नुक्सान हजारों करोड़ में पहुंचने की आशंका है।
ट्रक यूनियन हुई बेहाल
कर्फ्यू के चलते भटिंडा के 800 से अधिक ट्रकों का चक्का जाम रहा। यूनियन के अध्यक्ष हरपाल बाजवा का कहना है कि रोजाना एक करोड़ से अधिक का नुक्सान ट्रक चालकों को सहना पड़ रहा है। यह क्रम गत 3 दिन से चला आ रहा है। उन्होंने पंजाब सरकार से मांग भी उठाई कि मुआवजे के दौरान उनका नुक्सान भी इसमें जोड़ा जाए।
हवाई यात्रा की पौ बारह
रेल व सड़क आवाजाई के ठप्प होने के बाद हवाई मार्ग की पौ बारह रही। कर्फ्यू के बाद शुक्रवार को चले जहाज में यात्रियों की भारी भीड़ थी व सभी सीटें फु ल थीं। एयरपोर्ट के मैनेजर ने बताया कि यात्रियों के पास एक ही साधन हवाई मार्ग बचा था जिसका उन्होंने खूब लुत्फ उठाया।
उद्योग हुए ठप्प
डेरा प्रमुख विवाद के बाद हुई हिंसा के बाद प्रशासन द्वारा शहर को कफ्र्यू ग्रस्त क्षेत्र घोषित करने के बाद उद्योगों पर ताले लग गए व कर्मचारी काम बीच में छोड़कर भाग निकले। चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष रमन वाट्स का कहना है कि सभी उद्योग बंद होने से रोजाना करोड़ों रुपयों का घाटा सहना पड़ रहा है। अगर कुदरती प्रकोप होता है तो सरकारें किसानों को मुआवजे के रूप में खूब पैसा देती है लेकिन जब इंडस्ट्री पर कोई आफत आए तो सरकार हाथ पीछे खींच लेती है। उन्होंने कहा कि एक अनुमान अनुसार गत 3 दिनों में इंडस्ट्री को 50 करोड़ रुपए का नुक्सान हुआ। इसमें कर्मचारियों का वेतन, बिजली के बिल, कज्जे माल का नुक्सान इत्यादि शामिल हैं।
बिक्री कर विभाग को भी सहना पड़ा घाटा
देशभर में जी.एस.टी. लागू होने के बाद पंजाब में दूसरे राज्यों से आने-जाने वाले सामान पर सरकार को जी.एस.टी. के रूप में रोजाना 10 करोड़ रुपए से अधिक की कमाई होती है। गत 3 दिनों के दौरान बिक्री कर विभाग को इसका नुक्सान उठाना पड़ा। यहीं नहीं शराब की फैक्टरियों व ठेकों से कम से कम 20 करोड़ रुपए की आय होती है जो कर्फ्यू के चलते नहीं हो पाई।