Edited By Punjab Kesari,Updated: 12 Sep, 2017 09:03 AM
ब्लू व्हेल गेम को लेकर पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट काफी सख्त नजर अा रहा है। इस मामले पर अाज हुई सुनवाई के बाद कोर्ट ने केंद्र तथा राज्य सरकारों के नोटिस जारी किया है।
चंडीगढ़ (बृजेन्द्र): ब्ल्यू व्हेल गेम पर रोक लगाने वाली जनहित याचिका पर सोमवार को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार समेत पंजाब-हरियाणा, चंडीगढ़ प्रशासन और दूरसंचार मंत्रालय को गेम की एक्सैसेबिलिटी पर स्टे संबंधी नोटिस जारी करते हुए जवाब तलब किया है। केस की अगली सुनवाई 20 सितम्बर को होगी।
एडवोकेट हितेश कपलिश ने दायर याचिका में मांग की है कि प्रतिवादी पक्ष को आदेश दिए जाएं कि गेम के एक्सैस पर पाबंदी लगाएं। इसके चलते दुनियाभर में युवा आत्महत्याएं कर रहे हैं और भारत में भी यह हो रहा है। वहीं मांग की गई है कि प्रतिवादी पक्ष ऐसा आदेश जारी करे जिसमें पिं्रट और इलैक्ट्रॉनिक मीडिया को इस गेम से जुड़ी घटनाओं की रिपोॄटग करने पर पाबंदी लगाई जाए जो खुद इस गेम की पब्लिसिटी बन रही है। याचिका में कहा गया है कि केंद्र सरकार ने इस गेम पर पाबंदी लगाने के लिए कोई ठोस कार्रवाई नहीं की है।
ब्ल्यू व्हेल गेम पर पाबंदी की मांग, सुप्रीम कोर्ट पहुंचा बुजुर्ग 15 सितम्बर को होगी सुनवाई
तमिलनाडु के एक व्यक्ति ने इंटरनैट से जुड़े आत्महत्या के लिए उकसाने वाले गेम ‘ब्ल्यू व्हेल चैलेंज’ पर पाबंदी की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। इस खेल को दुनियाभर में कई बच्चों की जान देने की वजह माना जा रहा है। प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूॢत ए.एम. खानविल्कर और न्यायमूॢत डी.वाई. चंद्रचूड़ की पीठ ने मदुरै के 73 वर्षीय अधिवक्ता एन.एस. पोन्नैया द्वारा दायर याचिका पर 15 सितम्बर को सुनवाई पर सहमति जताई। याचिका में कहा गया, ‘‘5 सितम्बर तक मीडिया की खबरों के अनुसार कम से कम 200 लोग ऑनलाइन ब्लू व्हेल गेम खेलते हुए खुदकुशी कर चुके हैं। इनमें ज्यादातर 13, 14 और 15 साल के किशोर हैं।’’ दिल्ली उच्च न्यायालय ने 22 अगस्त को फेसबुक, गूगल और याहू से उस याचिका पर जवाब मांगा था जिसमें ब्लू व्हेल चैलेंज के ङ्क्षलक हटाने के लिए निर्देश देने का अनुरोध किया गया था।