Edited By Updated: 23 Jan, 2017 08:13 AM
पंजाब विधानसभा चुनाव 2017 के अंदर कुछ लोग अपना उल्लू सीधा करने के लिए आम जनता को मूर्ख बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। भोली-
जालंधर(अमित): पंजाब विधानसभा चुनाव 2017 के अंदर कुछ लोग अपना उल्लू सीधा करने के लिए आम जनता को मूर्ख बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। भोली-भाली जनता को उनके सपनों का आशियाना दिलाने के नाम पर सरेआम ठगा जा रहा है और घर दिलाने का झांसा देकर उनसे अपने पक्ष में वोटों मांगी जा रही हैं।जानकारी के अनुसार कुछ राजनीतिक दलों से संंबंधित लोग अपना निजी हित पूरा करने के उद्देश्य से लोगों को बहला-फुसलाकर उनसे लगातार आवेदन जमा करवा रहे हैं और अपने पक्ष में वोट डालने के लिए दबाव बना रहे हैं, क्योंकि ऐसे लोगों का कहना है कि जैसे ही उनके उम्मीदवार जीतेंगे और उनकी पार्टी सत्ता में आएगी वैसे ही पहले से जमा उनके आवेदनों को तुरंत ओ.के. कर घर बनाने के लिए मुफ्त प्लाट दिलाया जाएगा।
क्या है मामला, कैसे आया सामने
जिला चुनाव अफसर-कम-डी.सी. कमल किशोर यादव ने बताया कि जिस दिन से प्रदेश में आदर्श आचार संहिता लागू हुई है उस दिन से लेकर आज तक उनके दफ्तर में लगभग 200 से अधिक आवेदन घर बनाने के लिए मुफ्त में प्लाट देने के लिए आ चुके हैं। डी.सी. ने कहा कि पहले तो इस बात को सामान्य मानकर आवेदनों को फाइल किया जाता रहा, मगर धीरे-धीरे जैसे आवेदनों की गिनती बढऩे लगी तो उन्हें संदेह हुआ और उन्होंने जब इस संबंधी जानकारी प्राप्त की तो पाया कि आम जनता के पास कुछ स्वार्थी किस्म के लोग पहुंच कर उन्हें भ्रमित करने का काम कर रहे हैं और उनसे डी.सी. के नाम पत्र लिखकर घर बनाने के लिए जगह की मांग करने के लिए आवेदन जमा करवाने के लिए कह रहे हैं।
सारे आवेदनों की भाषा और उसमें दिए गए कारण लगभग एक समान
डी.सी. ने कहा कि उनके पास आए सारे आवेदन लगभग एक जैसे ही हैं। सब में यही लिखा गया है कि पंजाब सरकार की बेघरों के लिए चल रही स्कीम के अधीन उन्हें पंचायती जमीन में से घर बनाने के लिए जगह प्रदान की जाए। इतना ही नहीं सारे आवेदनों में यही कहा गया है कि न तो उनकेपास कोई जायदाद है और न ही घर के लिए जमीन खरीदने के लिए उनके पास पैसा है।
सारे आवेदनों की होगी जांच : डी.सी.
डी.सी. कमल किशोर यादव ने कहा कि जिस प्रकार से कुछ ही दिनों में इस प्रकार के आवेदनों की बाढ़ आई है, उससे अपने आप में ही संदेह पैदा होता है, इसलिए इन सारे आवेदनों की गहन जांच करवाने का निर्णय लिया गया है। आवेदनकत्र्ताओं से इस बात की जानकारी प्राप्त की जाएगी कि उन्हें किसने आवेदन जमा करवाने के लिए कहा और कहीं प्लाट का लालच देकर वोट डालने जैसी कोई बात तो नहीं की गई। उन्होंने कहा कि किसी भी वोटर को किसी प्रकार का लालच देकर वोट डालने के लिए प्रेरित करना कानूनन अपराध है और अगर इस मामले में किसी राजनीतिक दल का कोई रोल सामने आता है तो भारतीय चुनाव आयोग के पास पूरी जानकारी भेजकर बनती कार्रवाई करने के लिए लिखा जाएगा।
बहुत पुरानी है स्कीम, पंचायतों के पास हैं सारे अधिकार
पंजाब सरकार की जिस स्कीम का हवाला देकर डी.सी. दफ्तर में लगातार आवेदन भेजे जा रहे हैं, वह काफी पुरानी स्कीम है और इसके लिए सारे अधिकार पंचायतों के पास ही मौजूद हैं। पंचायतों के पास मौजूद उनकी पंचायती जमीन पर पात्र उम्मीदवार जिनके पास अपना घर बनाने के लिए जगह नहीं है उनको एक प्रस्ताव पारित कर जगह अलाट कर सकती है। चुनावों से ठीक पहले इस प्रकार की स्कीम को नई स्कीम बताकर जनता को केवल गुमराह करने का काम ही किया जा रहा है।