Edited By Punjab Kesari,Updated: 08 Oct, 2017 07:55 AM
चाहे राज्य सरकार द्वारा किसानों को धान की पराली को आग लगाने संबंधी सख्त हिदायतें तथा पराली जलाने वाले किसानों पर सख्त कानूनी कार्रवाई करने का आदेश भी दिया गया है लेकिन पराली जलाने के मामले ने पंजाब में गंभीर रूप धारण कर लिया।
मोगा/समालसर (ग्रोवर): चाहे राज्य सरकार द्वारा किसानों को धान की पराली को आग लगाने संबंधी सख्त हिदायतें तथा पराली जलाने वाले किसानों पर सख्त कानूनी कार्रवाई करने का आदेश भी दिया गया है लेकिन पराली जलाने के मामले ने पंजाब में गंभीर रूप धारण कर लिया।
इस मामले को लेकर सरकार व किसान जत्थेबंदियां आमने-सामने होकर रह गई हैं। सरकार के फैसले से नाखुश किसान जत्थेबंदियों ने आज यहां भारतीय किसान यूनियन एकता उगराहां के इकाई समालसर के अध्यक्ष जसविंद्र सिंह नंबरदार की अध्यक्षता में भारी संख्या में जनसमूह करके कस्बा समालसर के वैरोके रोड स्थित किसान सुखमन्द्र सिंह के खेत में पड़ी धान की पराली को आग लगा दी तथा सरकार के फैसले के खिलाफ नारेबाजी भी की। किसान जत्थेबंदी द्वारा पराली को आग लगाने के बावजूद कोई भी अफसर मौके पर नहीं पहुंचा।
सरकार पराली की सांभ-संभाल के लिए हल निकाले : सरपंच
इस दौरान जगमेल सिंह उर्फ साहिब सरपंच, गुरदेव सिंह डेमरू तथा हरमंदर सिंह ने कहा कि अगर सरकार चाहती है कि किसान पराली न जलाएं तो सरकार को पराली की सांभ-संभाल के लिए सही हल निकालना चाहिए। जमीन में पराली दबाकर पराली को खत्म नहीं किया जा सकता, बल्कि अगली फसल बीजने के समय किसानों को भारी समस्या का सामना करना पड़ता है। किसान जत्थेबंदियों व किसानों द्वारा पराली को आग लगाने का प्रस्ताव पारित किया गया है क्योंकि पराली को आग लगाने के बिना किसान के पास और कोई रास्ता नहीं है।
क्या कहना है डी.एस.पी. का
इस संबंधी डी.एस.पी. सुखदीप सिंह बाघापुराना ने कहा कि वह थाना समालसर प्रभारी से बातचीत कर संबंधित किसानों के खिलाफ सरकार की हिदायतों अनुसार कार्रवाई करने को कहेंगे।