Edited By Punjab Kesari,Updated: 07 Aug, 2017 01:39 PM
आई.ए.एस.लॉबी की शानदार फील्डिंग के चलते भ्रष्टाचार के खिलाफ शुरू किए गए मैच में स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू फिलहाल कैच आऊट हो चुके हैं।
चंडीगढ़ः आई.ए.एस.लॉबी की शानदार फील्डिंग के चलते भ्रष्टाचार के खिलाफ शुरू किए गए मैच में स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू फिलहाल कैच आऊट हो चुके हैं। सिद्धू के डेढ़ माह पहले जालंधर, अमृतसर व लुधियाना के पूर्व निगम कमिश्नरों को भ्रष्टाचार के मामले में चार्जशीट करने की सिफारिश की थी, लेकिन अभी तक उनकी सिफारिश पर सरकार ने गौर नहीं फरमाया है। आई.ए.एस. लॉबी की कूटनीति के चलते निलंबित सुपरिंटेंडेंट इंजीनियरों (एस.ई.) के निलंबन पर रोक लग गई है। अब आई.ए.एस. अफसरों के खिलाफ कार्रवाई से पहले सिद्धू के सामने कानून की दीवार है।
चार माह से स्थानीय निकाय विभाग की कमान संभालने के बाद सिद्धू ने कई बड़े फैसले लिए, लेकिन किसी भी फैसले का अभी तक जनता के सामने सार्थक परिणाम नहीं आ पाया है। इसके बाद भी सिद्धू खिलाड़ी की तरह लगातार कोशिश कर रहे हैं। भ्रष्टाचार के खिलाफ सिद्धू की ओर से छेड़ी गई जंग में चार एस.ई. का निलंबन व तीन निगम कमिश्नरों के खिलाफ कार्रवाई सबसे बड़ा एक्शन रहा।
विधानसभा चुनाव से पहले 500 करोड़ रुपए के विकास कार्यों के सिंगल टेंडर में धांधली के मामले में सिद्धू ने आई.ए.एस. अफसरों के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की थी। इसके बाद सिद्धू को आई.ए.एस. लॉबी ने अंदरखाते चेतावनी दी थी कि वह उनके पीछे न पड़ें, बल्कि अपने विभाग तक ही सीमित रहें।
डेढ माह पहले सिद्धू ने जालंधर, अमृतसर व लुधियाना के पूर्व निगम कमिश्नरों जी.एस. खैहरा, सोनाली गिरी व घनश्याम थोरी को चार्जशीट करने की सिफारिश की थी, लेकिन सिफारिश वाली फाइल ही गायब हो गई। सिद्धू ने दोबारा सरकार को तीनों आई.ए.एस. अफसरों को चार्जशीट करने की सिफारिश की, लेकिन उस पर भी सरकार ने गौर नहीं फरमाया। इससे पहले कि सरकार तीनों आई.ए.एस. के खिलाफ कार्रवाई करती, निलंबित सुपरिंटेंडेंट इंजीनियरों (एसई) के निलंबन पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी। सिद्धू पहले एसई के निलंबन को कानूनी रूप से सही ठहरा पाएंगे, तभी आई.ए.एस. अफसरों के खिलाफ कार्रवाई का रास्ता खुलेगा।
चीफ मिनिस्टर ऑफिस (सी.एम.ओ.) से सिद्धू को कई बार स्पीड धीमी रखने की सलाह दी जा चुकी है। इसके बाद भी सिद्धू स्पीड बढ़ाते ही जा रहे हैं। नगर निगमों व कौंसिलों की कार्यप्रणाली सही करने को लेकर सिद्धू लगातार फैसले ले रहे हैं। भ्रष्टाचार मिटाने के सरकार के वादे पर कोई और खरा उतर रहा हो या नहीं, लेकिन सिद्धू ने जंग छेड़ रखी है। सिद्धू कहते हैं कि सी.एम.ओ. से उन्हें स्पीड कम करने को कहा है, लेकिन वह वादों से पीछे हटने वाले नहीं हैं। वह भ्रष्टाचार के मामले में किसी कीमत पर समझौता नहीं करेंगे। चाहे बीच में कोई भी आए।