Edited By Punjab Kesari,Updated: 29 Jun, 2017 02:07 AM
मोदी सरकार द्वारा नोटबंदी के बाद जी.एस.टी. का निर्णय पूर्णत: विकासकारी....
जालंधर(राहुल): मोदी सरकार द्वारा नोटबंदी के बाद जी.एस.टी. का निर्णय पूर्णत: विकासकारी व राष्ट्रहित में है। इससे जनसाधारण लाभांवित होगा और इसके माध्यम से काला बाजारियों पर अंकुश लगाया जा सकेगा। उक्त शब्द भाजपा पंजाब के उपाध्यक्ष राकेश राठौर ने कहे।
उन्होंने कहा कि जी.एस.टी. के माध्यम से जनसाधारण की जरूरतों का पूरी तरह ध्यान रखते हुए 81 प्रतिशत वस्तुओं पर जी.एस.टी. की दर 0 से 18 प्रतिशत तक है। खुला खाद्य अनाज, ताजी सब्जियां, बिना मार्का आटा, मैदा, बेसन, गुड़, दूध, अंडे, दही, लस्सी, पनीर, शहद, नमक, झाड़ू, बच्चों की पुस्तकें जैसी दैनिक उपयोग की वस्तुओं, शिक्षा व स्वास्थ्य सेवाओंं को जी.एस.टी. से मुक्त रखा गया है। इससे महंगाई पर भी अंकुश लगेगा। राठौर ने कहा कि निर्माता, सेवा प्रदाता, व्यापारी, जिनका वार्षिक कारोबार 20 लाख से कम है, को जी.एस.टी. से मुक्त रखा गया है और जिनका कारोबार 75 लाख तक का है, को कंपोजिशन के अंतर्गत व्यापारी को 1 प्रतिशत, निर्माता को 2 प्रतिशत व रेस्तरां को 5 प्रतिशत तक जी.एस.टी. देना होगा। जी.एस.टी. रिटर्नों के बारे में कहा कि 75 लाख तक का कारोबार करने वाले को जी.एस.टी.आर.-4 फार्म हर 3 महीने के बाद भरना होगा।
इसी तरह आयकर रिटर्न भरने के झंझटों को कम करने के उद्देश्य से आयकर रिटर्न के सात पेजों वाले फार्म को सहज बना कर एक पेज का किया गया है। इससे 2 करोड़ से भी अधिक करदाताओं जो इस सरलीकृत फार्म में आय की रिटर्न दाखिल करने के पात्र होंगे, को लाभ मिलेगा। राठौर ने कहा कि केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड और विभिन्न प्रदेशों के वित्त विभागों द्वारा जी.एस.टी. जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं ताकि राष्ट्रहित को समर्पित जी.एस.टी. को 1 जुलाई 2017 से सुचारू व कारगर ढंग से लागू किया जा सके। विभिन्न आयातकों, निर्यातकों, सीमा शुल्क ब्रोकर्स, फ्रेट फारवर्डर्स व अन्य हितधारकों के लिए विशेष संपर्क कार्यक्रमों का आयोजन कर आयात व इनपुट कर क्रैडिट व अन्य प्रोत्साहन योजनाओं के बारे में भी जागरूक किया जा रहा है।