Edited By Punjab Kesari,Updated: 23 Aug, 2017 01:12 PM
सिविल अस्पताल में मरीजों की सुविधाओं के लिए सैंट्रलाइज्ड ऑक्सीजन यूनिट बन कर तैयार है। नए सिलैंडरों के लिए सरकार को अनुरोध पत्र लिखा
लुधियाना(सहगल): सिविल अस्पताल में मरीजों की सुविधाओं के लिए सैंट्रलाइज्ड ऑक्सीजन यूनिट बन कर तैयार है। नए सिलैंडरों के लिए सरकार को अनुरोध पत्र लिखा जा चुका है परन्तु ऑक्सीजन यूनिट को चलाने के लिए तकनीकी स्टाफ की नियुक्ति नहीं की गई है जबकि इसके लिए 2 घंटे स्टाफ की तैनाती की जरूरत है। जो इस यूनिट की रोजाना देखभाल करने के लिए ऑक्सीजन की सप्लाई को चैक करे। इसके साथ ऑक्सजीन की खपत स्टाफ यानी कितनी ऑक्सीजन बाकी है या किसी और सामान की जरूरत है वह तकनीकी स्टाफ ने ही देखना है। हाल ही में अस्पताल के सीनियर मैडीकल अफसर डा. कुलविंद्र सिंह ने पंजाब हैल्थ सिस्टम कार्पोरेशन के एम.डी. को पत्र लिख कर स्टाफ की नियुक्ति की मांग की है। उत्तर प्रदेश के गोरखपुर स्थित बी.आर.डी. अस्पताल में ऑक्सीजन सप्लाई की कमी से हुई बच्चों की मौतों के मामले के संज्ञान में लेकर लिखे गए पत्र में कहा गया है कि उत्तर प्रदेश के उक्त अस्पताल में हुए हादसे के मद्देनजर तीनों शिफ्टों के अलावा लीव रिजर्व स्टाफ की भी जरूरत है।
गोरखपुर हादसे ने कर दिया अलर्ट
सरकारी अस्पतालों में डाक्टरों, स्टाफ, नर्सें व तकनीकी स्टाफ की कमी रहती ही है और ज्यादातर सरकारी अस्पतालों का काम जुगाड़ से चलता है परन्तु गोरखपुर हादसे से अलर्ट हुए स्वास्थ्य अधिकारी इस विषय पर कोई रिस्क नहीं लेना चाहते वर्ना जुगाड़ से यह यूनिट भी शुरू हो गया होता।
कैसे करेगा ऑक्सीजन यूनिट काम
सैंट्रलाइज्ड ऑक्सीजन यूनिट में 12 मैनीफोल्ड रखे गए हैं जिस पर 13 सिलैंडर एक साथ इकट्ठे काम करेंगे। इसकी क्षमता 46 लीटर या 7 क्यूसिक फीट होती है। यह 12 सिलैंडर एक साथ काम करेंगे जब ऑक्सीजन सिलैंडर का लगातार इस्तेमाल शुरू हुआ तो यह एक या 2 दिन ही चलेंगे। अगले 5 दिनों में इसका बैकअप रखने के लिए करीब 24 अन्य सिलैंडरों की जरूरत होगी, किसी तकनीकी खराबी आने पर 36 ऑक्सीजन सिलैंडरों की हरदम स्टॉक रखे जाने की जरूरत होगी। इन सिलैंडरों की कीमत 5 लाख 22 हजार रुपए बताई जाती है। इन सिलैंडरों की खरीद के लिए पंजाब हैल्थ सिस्टम कारपोरेशन को पहले ही लिखा जा चुका है।
ऑक्सीजन यूनिट तैयार
अस्पताल के सूत्रों ने बताया कि ऑक्सीजन यूनिट तैयार हो चुका है। सिलैंडरों की खरीद के लिए भी लिखा जा चुका है। अगर तकनीकी स्टाफ के बिना इस यूनिट को चलाया गया तो कभी भी असुखद हादसा हो सकता है। क्योंकि उक्त समाचार के आने से पहले तकनीकी स्टाफ के लिए नहीं कहा गया था।