Edited By Punjab Kesari,Updated: 18 Oct, 2017 12:17 PM
जी.एस.टी. को लेकर सरकार द्वारा किए गए संशोधनों के बावजूद अभी भी उद्योगपतियों व कारोबारियों को जी.एस.टी. में और राहत की दरकार है। लुधियाना के सी.ए. निपन बांसल का कहना है कि सरकार को अगली जी.एस.टी. की बैठक के दौरान व्यापारियों को राहत देने के लिए और...
लुधियाना: जी.एस.टी. को लेकर सरकार द्वारा किए गए संशोधनों के बावजूद अभी भी उद्योगपतियों व कारोबारियों को जी.एस.टी. में और राहत की दरकार है। लुधियाना के सी.ए. निपन बांसल का कहना है कि सरकार को अगली जी.एस.टी. की बैठक के दौरान व्यापारियों को राहत देने के लिए और भी बड़े फैसले करने चाहिएं।
बांसल ने कहा कि सरकार ने डेढ़ करोड़ रुपए तक की टर्नओवर वालों को पिछली बैठक के दौरान राहत दी है लेकिन राहत का यह दायरा 5 करोड़ तक बढ़ाया जाना चाहिए। इसके अलावा उन व्यापारियों व कारोबारियों के बारे में सोचा जाना चाहिए जो अपने से ज्यादा कारोबार करने वाले व्यक्ति के साथ कारोबार कर रहे हैं।उदाहरण के तौर पर यदि कोई व्यक्ति 3 महीने के बाद रिटर्न फाइल करता है तो उसका कैपिटल ज्यादा समय के लिए सरकार के पास फंस जाएगा और यदि ऐसे व्यक्ति ने किसी दूसरे ऐसे कारोबारी के साथ सौदा किया है जिसकी रिटर्न एक महीने के बाद दाखिल होनी है तो ऐसे में व्यापारियों को रिफंड में समस्या आएगी।
इस समस्या का समाधान अगली बैठक में होना चाहिए। सरकार ने छोटे उद्योगपतियों को क्रैडिट रेटिंग के लिए 75 फीसदी सबसिडी देने का प्रावधान रखा हुआ है यदि यह प्रावधान जी.एस.टी. के दायरे में आए कारोबारियों को साफ्टवेयर खरीदने के लिए भी रखा जाए तो सारे कारोबारी एक ही तरह के साफ्टवेयर का इस्तेमाल करेंगे, जिससे प्रोसैसिंग का काम तेज हो जाएगा। फिलहाल सारे व्यापारियों के पास अलग-अलग साफ्टवेयर हैं या छोटे दुकानदार एक्सल में शीट बनाकर रिटर्न के साथ दस्तावेज लगा रहे हैं। यदि साफ्टवेयर एक जैसा हो जाएगा तो सरकार को भी सहूलियत होगी।