Edited By Updated: 23 Apr, 2017 05:09 PM
आपने अक्सर मंडियों में बच्चों को बाल मज़दूरी करते देखा होगा मगर फाजिल्का की दाना मंडी का नजारा जरा हट के है।
फाजिल्काः आपने अक्सर मंडियों में बच्चों को बाल मज़दूरी करते देखा होगा मगर फाजिल्का की दाना मंडी का नजारा जरा हट के है। यहां आपको बच्चे काम करते नहीं, बल्कि पढ़ते हुए नजर आएंगे। जी हां, बाल मज़दूरी को खत्म करने के लिए सार्थक कदम उठाया है डी. सी. ईशा कालिया ने।
उन्होंने मंडी में ही स्कूल खोल दिया है। यहां सीजन के दौरान मंडी में काम करने वाले प्रवासी मज़दूरों के बच्चों को पढ़ाया जाता है। इस 'मंडी स्कूल' में बच्चों को हर सुविधा दी जाती है। इससे पहले मैडम ईशा फाजिल्का जिले में साडी रसोई भी खोल चुकी हैं, जहां ज़रूरतमंदों को 10 रुपए में पेट भर खाना मुहैया करवाया जाता है।