पावर सरप्लस स्टेट में सस्ती बिजली को मोहताज सैकेंडरी स्टील इंडस्ट्री

Edited By Updated: 21 Jan, 2017 11:33 AM

cheap electric power surplus state obedient to the secondary steel industry

स्क्रैप को री-साइकिल कर इंजीनियरिंग सैक्टर के रॉ मैटीरियल में तबदील करने वाली पंजाब फर्नेस इंडस्ट्री एशिया की सबसे बड़ी सैकेंडरी स्टील इंडस्ट्री स्वरूप की पहचान रखती है।

लुधियाना(संदीप):  स्क्रैप को री-साइकिल कर इंजीनियरिंग सैक्टर के रॉ मैटीरियल में तबदील करने वाली पंजाब फर्नेस इंडस्ट्री एशिया की सबसे बड़ी सैकेंडरी स्टील इंडस्ट्री स्वरूप की पहचान रखती है। मंडी गोबिंदगढ़ एवं लुधियाना में स्थापित सैकेंडरी स्टील इंडस्ट्री में वर्तमान समय में 300 रोलिंग मिलों, 125 फर्नेस इकाइयों के अलावा 5 आर्क इकाइयों को मिलाकर लगभग 430 इकाइयां कार्यरत हैं। सालाना 35,000 करोड़ की टर्नओवर के साथ यह सैक्टर पावर इंटैंसिव इंडस्ट्री होने के बावजूद सामान्य इंडस्ट्री की अपेक्षा महंगी बिजली खरीदने को विवश है। इस सैक्टर के कारोबारियों से बातचीत करने पर उन्होंने कुछ ऐसे विचार व्यक्त किए।

पावर इंटैंसिव इंडस्ट्री को मिले सस्ती बिजली

बिजली इंडक्शन फर्नेस इकाइयों का अहम रॉ मैटीरियल है। पावर सरप्लस स्टेट में इस सैक्टर को सामान्य से 20 प्रतिशत महंगी बिजली मिलती है। सरकार द्वारा नई इकाइयों को 4.99 पैसे बिजली देने का तो प्रावधान है परंतु दयनीय हालत में पहुंच चुकी पुरानी इकाइयों की सुध-बुध लेने को कोई तैयार नहीं है। —संजय जैन लुधियाना स्टील रोलिंग मिल


एक्साइज ड्यूटी को वैटेबल करने की जरूरत

फर्नेस इकाइयों को 13 प्रतिशत इलैक्ट्री सिटी ड्यूटी समाप्त करते हुए राहत देने की जरूरत है अन्यथा इसे वैटेबल कर इंडस्ट्री को कम्पीटीटिव बनाया जा सकता है।—देव गुप्ता, जनरल सैक्रेटरी नार्थ इंडिया इंडक्शन फर्नेस एसो.

इन्फ्रा सैस को समाप्त करने की जरूरत
इन्फ्रा सैस के 5 प्रतिशत बोझ से फर्नेस इकाइयों पर अतिरिक्त बोझ पड़ रहा है। इसे समाप्त करते हुए एक्साइज ड्यूटी को भी पर्सैंटेज मापदंडों की जगह फिक्स करते हुए राहत दी जा सकती है क्योंकि पर्सैंटेज कैल्कुलेशन के अनुसार 1 रुपए प्रत्येक यूनिट बिजली का रेट बढऩे से इंडस्ट्री पर 18 पैसे का अतिरिक्त बोझ पड़ता है। —नरेश जैन, जगराओं कॉनकास्ट

बिजली पर समाप्त हो चुंगी टैक्स

राज्य में लगभग 10 वर्षों से चुंगी टैक्स समाप्त किया जा चुका है परंतु बिजली विभाग आज भी बिजली पर चुंगी टैक्स वसूलते हुए मनमानी 
कर रहा है।—हरप्रीत सिंह पैक इंडस्ट्रीज लि.

एडवांस टैक्स हो समाप्त
फर्नेस व रोलिंग मिलों का रॉ मैटीरियल स्क्रैप बाहरी राज्य से आता है। चुंगी पर लगने वाला 3.85 प्रतिशत एडवांस टैक्स समाप्त होना चाहिए। वहीं 1 करोड़ की स्क्रैप पर इकाइयों को 23 लाख रुपए विभागीय खाते में एडवांस टैक्स जमा करवाना पड़ता है जिसे बाद में देने पर भी सरकार का कोई नुक्सान नहीं परंतु इंडस्ट्री को अपनी कैपिटल की सर्कुलेशन में सहायता मिलेगी।—सुरेश जैन,जगराओं मल्टीमैटल्स

नाइट टैरिफ पर मिले 2 रुपए यूनिट की छूट
रात्रि में बिजली की खपत कम होने से फर्नेस इकाइयों को नाइट टैरिफ में 2 रुपए प्रति यूनिट की छूट देकर प्रोत्साहित किया जाए। पहले यह छूट 1.50 रुपए प्रति यूनिट थी जिसे वर्तमान में घटाकर 1 रुपए कर दिया गया है।—अमरजीत सिंह डंग, आत्म कॉनकास्ट

वास्तविक हो चुंगी पर टैक्स कैल्कुलेशन
सरकारी तंत्र चुंगी पर अपने मापदंडों के अनुसार टैक्स कैल्कुलेशन करते हैं जिससे मंदी के दौर में भी उच्च स्तरीय निर्धारित कीमतों पर टैक्स देना इंडस्ट्री का शोषण है परंतु दूसरी तरफ बाजार में स्क्रैप के भाव चढऩे पर यही कैल्कुलेशन बढ़े दामों अनुसार ली जाती है जिससे इंडस्ट्री के सस्ते रॉ मैटीरियल खरीदने का हनन हो रहा है।—अनिल सिंघानिया,सिंघानिया इंटरनैशनल लि.

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