Edited By Punjab Kesari,Updated: 03 Feb, 2018 01:21 PM
टैक्निकल सॢवसेज यूनियन की ओर से जनवरी माह का वेतन न मिलने व अपनी लंबित मांगों को लेकर आज बाघापुराना, बधनी कलां व निहाल सिंह वाला में बिजली घरों के सामने रोष धरना लगाकर सरकार खिलाफ नारेबाजी की गई।
बाघापुराना/बधनी कलां/निहाल सिंह वाला: टैक्निकल सॢवसेज यूनियन की ओर से जनवरी माह का वेतन न मिलने व अपनी लंबित मांगों को लेकर आज बाघापुराना, बधनी कलां व निहाल सिंह वाला में बिजली घरों के सामने रोष धरना लगाकर सरकार खिलाफ नारेबाजी की गई।
बाघापुराना में टैक्निकल सॢवसेज यूनियन द्वारा लगाए रोष धरने को संबोधित करते सिटी सचिव गुरप्रीत सिंह बाघापुराना, डिवीजन अध्यक्ष कमलेश कुमार ने कहा कि पावरकॉम की मैनेजमैंट द्वारा बिजली कर्मियों का वेतन रोका गया है। मैनेजमैंट द्वारा बोर्ड की वित्तीय हालात दयनीय होने का बहाना बनाया जा रहा है, जबकि लाखों रुपए रोजाना बिलों के रूप में एकत्रित हो रहे हैं। जानबूझ कर पंजाब सरकार व मैनेजमैंट बिजली कर्मियों को परेशान कर रही है, जबकि वेतन पहले 27-28 तारीख तक मुलाजिमों के खाते में आ जाता था।
आज 2 तारीख हो जाने पर भी वेतन नहीं दिया गया। मैनेजमैंट द्वारा यह कदम निजीकरण का एक हिस्सा है। जैसे प्राइवेट फैक्टरियों में कर्मियों को परेशान किया जाता है तथा मनमर्जी से वेतन खाते में डाले जाते हैं। वही पालिसी पावर कार्पोरेशन में लागू करना सरकार व मैनेजमैंट चाहती है, जिसको बिजली मुलाजिम किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेगी। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर पावर कार्पोरेशन की मैनेजमैंट ने उनकीलंबित मांगों व वेतन को जारी न किया तो वे दफ्तर को बंद करके हड़ताल पर चले जाएंगे।
सरकार बदली, लेकिन नहीं बदली नीतियां
इसी तरह बधनी कलां में भी पावरकॉम की मैनेजमैंट के खिलाफ रोष धरना लगाकर नारेबाजी की गई। मुलाजिम नेता गुरमीत सिंह डाला, मक्खन सिंह, गुरचरण सिंह, सेवक सिंह, गुरमेल सिंह भट्टी ढुडीके, मुख्तयार सिंह लोपों, अमरजीत सिंह बोडे, कौर चंद व जरनैल सिंह आदि ने कहा कि पावरकाम की मैनेजमैंट व सरकार द्वारा लोगों को गुमराह करते पावरकॉम के घाटे की आड़ में बिजली दिनों-दिन बेहद महंगी की जा रही है तथा बिजली मुलाजिमों की छंटनी करके चल रहे बिजली प्रोजैक्ट बंद किए जा रहे हैं, जिसकी मिसाल थर्मल प्लांट बङ्क्षठडा व रोपड़ के 2 यूनिटों को पक्के तौर पर बंद करने से मिलती है। उन्होंने सरकार व पावरकॉम से मांग की कि थर्मल प्लांट बंद करने का फैसला तुरंत वापस लिया जाए, मुलाजिमों का लंबित वेतन जारी किया जाए।