Edited By Punjab Kesari,Updated: 15 Jan, 2018 03:27 PM
एक तरफ राज्य सरकार द्वारा बेशक सरकारी अस्पतालों में मरीजों को सभी सुविधाएं देने के बड़े-बड़े दावे किए जा रहे हैं, लेकिन जिला स्तरीय अस्पतालों में मरीजों को पेश आ रही असुविधाएं इन दावों पर सवाल खड़े कर रही हैं। ‘पंजाब केसरी’ टीम ने जब सिविल अस्पताल...
मोगा (पवन ग्रोवर/ संदीप): एक तरफ राज्य सरकार द्वारा बेशक सरकारी अस्पतालों में मरीजों को सभी सुविधाएं देने के बड़े-बड़े दावे किए जा रहे हैं, लेकिन जिला स्तरीय अस्पतालों में मरीजों को पेश आ रही असुविधाएं इन दावों पर सवाल खड़े कर रही हैं। ‘पंजाब केसरी’ टीम ने जब सिविल अस्पताल का निरीक्षण किया तो जच्चा-बच्चा वार्ड में भर्ती जच्चाओं ने यहां के हालातों से अवगत करवाया तो सरकार के दावों की पोल परत-दर-परत सामने आती गई। अस्पताल के जच्चा-बच्चा वार्ड में मरीजों को सर्दी के मौसम में भी कंबल ही नहीं मिल रहे हैं।
ऐसे में मरीजों को अक्सर ही कंपकंपाते देखा जा सकता है। हैरानी की बात है कि यह मामला कई बार मरीजों की ओर से अस्पताल के स्टाफ के ध्यान में भी लाया गया, लेकिन उच्चाधिकारियों की ओर से की जाती कार्रवाई का असर कुछ ही दिन देखने को मिलता है। इसके बाद फिर स्थिति जस की तस हो जाती है। यही नहीं इस वार्ड में मरीजों के लिए जरूरत के अनुसार बैडों की कमी से महिलाओं को जमीन पर सोना पड़ता है। गांव चूहड़चक्क की एक महिला की रिश्तेदार बलजीत कौर ने अस्पताल प्रबंधकों की ओर से गर्म बिस्तर मुहैया न करवाने की बात बताते हुए कहा कि गर्म कंबल न मिलने के कारण मरीजों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। सर्दी को देखते हुए इस समस्या का हल शीघ्र करवाया जाए।
घरों से गर्म बिस्तर लाने को मजबूर परिजन
जच्चा-बच्चा वार्ड में दाखिल लगभग 90 प्रतिशत महिलाओं के पास सरकारी तौर पर सर्दी के मौसम से बचाव के लिए मिलने वाले कम्बल ही नहीं थे। लगभग सभी गर्भवतियों के परिजनों की ओर से कम्बल व गर्म बिस्तर का प्रबंध अपने स्तर पर घर से ही किया गया था। वार्ड में दाखिल गर्भवती गांव चूहड़चक्क निवासी सर्वजीत कौर की सास बलजीत कौर, दुन्नेके निवासी गगनदीप कौर की मां सुखजीत कौर, जिला फिरोजपुर के गांव हम्मदवाला निवासी सर्वजीत कौर व यहां मौजूद उसकी ननद कुलविन्द्र कौर ने बताया कि उन्हें यहां दाखिल होने के बावजूद अस्पताल स्टाफ ने गर्म कम्बल मुहैया नहीं करवाए। ऐसे में उन्हें दूर-दराज स्थित अपने घरों से गर्म बिस्तर लाने को मजबूर होना पड़ रहा है ताकि खुद और नवजात शिशु की ठंड से सुरक्षा कर सकें।