Edited By Punjab Kesari,Updated: 26 Jan, 2018 03:14 PM
राज्य सरकारें प्रदेश में बेहतर स्वास्थ्य सहूलियतें मुहैया करवाने के बड़े-बड़े दावे तो करती हैं लेकिन जमीनी हकीक त की ओर ध्यान दें तो ये दावे पूरी तरह से खोखले हैं। जिले में डाक्टरों व स्पैशलिस्टों के काफी पद खाली पड़े हैं। आलम यह है कि जिले के सिविल...
मोगा (संदीप): राज्य सरकारें प्रदेश में बेहतर स्वास्थ्य सहूलियतें मुहैया करवाने के बड़े-बड़े दावे तो करती हैं लेकिन जमीनी हकीक त की ओर ध्यान दें तो ये दावे पूरी तरह से खोखले हैं। जिले में डाक्टरों व स्पैशलिस्टों के काफी पद खाली पड़े हैं। आलम यह है कि जिले के सिविल अस्पताल के एमरजैंसी वार्ड में ही एमरजैंसी मैडीकल अफसरों के नाम पर 6 की जगह महज 1 ई.एम.ओ. की तैनाती है। एक फीमेल ई.एम.ओ. के छुट्टी पर होना बताया जा रहा है। अगर जिले की बात करें तो जिले में 97 डाक्टरों के पदों में से 48 खाली हैं और इनमें 26 पद स्पैशलिस्टों के हैं।
ओ.पी.डी. होती है प्रभावित
जिला स्तरीय अस्पताल के एमरजैंसी वार्ड में ई.एम.ओज की भारी कमी के चलते अस्पताल में तैनात स्पैशलिस्ट चिकित्सक इस वार्ड में ड्यूटी करने को मजबूर हैं। इस वार्ड में & शिफ्टों में डाक्टरों को ड्यूटी निभानी पड़ती है। मॉॄनग, ईवनिंनग व नाइट शिफ्ट। इस वार्ड में ड्यूटी निभाने वाले स्पैशलिस्ट की ओ.पी.डी. भी प्रभावित होती है। ऐसे में गांवों से आने वाले मरीजों को निराश होना पड़ता है।
उच्चाधिकारियों को करवाया हालात से अवगत : सिविल सर्जन
जिले के सिविल सर्जन डा. मनजीत सिंह का कहना है कि समय-समय पर चिकित्सकों की कमी के साथ-साथ दूसरी कमियों बारे भी लिखित तौर पर विभाग के उच्चाधिकारियों को हालात से अवगत करवाया जाता है। साथ ही पहल के आधार पर इस कमी को दूर करने के लिए विभाग को अपील की गई है।