Edited By Punjab Kesari,Updated: 20 Feb, 2018 12:23 PM
स्टील की स्थानीय मंडी गोबिंदगढ़ और लुधियाना में स्टील के दामों में हर दो घंटे बाद दामों में उछाल या गिराव मैसेज माफिया पर निर्भर है। यह माफिया के हाथ में है जब चाहे मार्किट ऊपर कर दे या नीचे गिरा दें। इस अस्थिरता का सबसे ज्यादा नुक्सान इंजीनियरिंग...
लुधियाना(धीमान): स्टील की स्थानीय मंडी गोबिंदगढ़ और लुधियाना में स्टील के दामों में हर दो घंटे बाद दामों में उछाल या गिराव मैसेज माफिया पर निर्भर है। यह माफिया के हाथ में है जब चाहे मार्किट ऊपर कर दे या नीचे गिरा दें। इस अस्थिरता का सबसे ज्यादा नुक्सान इंजीनियरिंग इंडस्ट्री हैंड टूल्स, साइकिल पार्ट्स, आटो पार्ट्स, सूइंग मशीन, हैवी प्रैस यानी हैमर को हो रहा है। लेकिन दूसरी ओर स्टील बनाने वाली स्थानीय कंपनियों की पांचों उंगलियां देसी घी में हैं।
स्टील से उत्पाद बनाने वाली इंजीनयरिंग कंपनियों को रोजाना रेट के घटने या बढऩे से अधिक नुक्सान है। वजह, माल की बुकिंग करने से पहले ही वह स्टील के मार्कीट भाव के मुताबिक फर्निशड गुड्स की कीमतों को जोड़ कर रेट अपने उपभोक्ता को देती हैं। लेकिन जब रेट बढ़ जाते हैं तो उन्हें काफी नुक्सान होता है। इस सारे खेल को खेलने के पीछे स्टील के मैसेज भेजने वाला माफिया है। यह माफिया रोजाना दिन में & से 4 बार रेटों को गिराता व उठाता है। शेयर बाजार व एम.सी.एक्स. एक्सचेंज की तरह यह कारोबार कर रहा है।
जबकि उक्त दोनों एक्सचेंज सरकार की ओर से मान्यता प्राप्त हैं। लेकिन स्टील के दामों के लिए मैसेज भेजने की बनी यह एक्सचेंज न तो किसी सरकार के पास रजिस्टर्ड है और न ही इन्होंने किसी सरकारी अदायरे से मैसेज भेजने की मान्यता ली है। यह एक्सचेंज सुबह 11 बजे स्टील व उसके कच्चे माल के उत्पादों के रेट खोलती है और शाम 5.30 बजे बंद करती है। इस मैसेज माफिया पर हाथ डालने से पुलिस भी घबराती है। मंडी गोबिंदगढ़ और लुधियाना की फर्नेस इकाइयों से संबंधित एसोसिएशनों ने पुलिस में भी शिकायत दर्ज की। उसके बाद यह केस अदालत में गया, फिर वहां से इस केस पर स्टे मिल गया। इसके बाद फिर माफिया ने मैसेज भेजने शुरू कर दिए।