Edited By Updated: 26 Sep, 2016 11:43 AM
देश में खाद्य वस्तुओं की कीमतों में एक बार बढ़ौतरी हो जाने के बाद उसके दामों में नरमी नहीं आती है, चाहे खाद्य पदार्थो की सप्लाई में कितना भी सुधार क्यों न हो जाए।
जालंधर (धवन): देश में खाद्य वस्तुओं की कीमतों में एक बार बढ़ौतरी हो जाने के बाद उसके दामों में नरमी नहीं आती है, चाहे खाद्य पदार्थो की सप्लाई में कितना भी सुधार क्यों न हो जाए। ऐसा ही एक उदाहरण ब्रैड का है। गेहूं की सप्लाई में भारी सुधार होने व गेहूं की कीमतों में नरमी आने के बावजूद ब्रैड के दामों में निर्माताओं ने कोई भी कमी लाने के लिए कदम नहीं उठाया है।
ब्रैड निर्माताओं ने 2 महीने पहले इसके दामों में बढ़ौतरी कर दी थी। 400 ग्राम ब्रैड की कीमत 20 से बढ़ाकर 25 रुपए कर दी गई थी। इसके पीछे तर्क यह दिया गया था कि गेहूं के दाम ऊंचे चल रहे हैं जिससे मैदा भी बाजार में महंगा बिक रहा है। अब गेहूं के दाम अंतर्राष्ट्रीय व राष्ट्रीय बाजार में नरम पड़े हैं परंतु पंजाब के ब्रैड निर्माताओं ने दामों को कम करने की दिशा में कोई कदम नहीं उठाया है। गेहूं के इस सीजन में बम्पर फसल होने के कारण गेहूं की सप्लाई में भारी सुधार आ चुका है। बाजार में मैदे की मांग भी घटी है, जिससे मैदे की कीमतों में कमी आ रही है। इसका असर ब्रैड की बढ़ती कीमतों पर पड़ना चाहिए था परंतु ब्रैड निर्माता दाम कम करने के लिए तैयार नहीं हैं।
इसी तरह से डीजल के दाम कम होने के कारण माल भाड़ा कम हुआ परंतु उसका असर भी ब्रैड के दामों पर पड़ता हुआ दिखाई नहीं दे रहा है। दूसरी तरफ बेकरी एसोसिएशन द्वारा अगले कुछ दिनों में अपनी बैठक बुलाने पर विचार किया जा रहा है ताकि ब्रैड के दामों को 25 से घटाकर 20 रुपए करने पर विचार किया जा सके। ब्रैड के ऊंचे दामों को देखते हुए सरकार ने भी कोई ठोस कदम नहीं उठाया है जिस कारण आम जनता को महंगाई के बोझ के नीचे दबना पड़ रहा है।