Edited By Updated: 30 Aug, 2016 11:57 AM
पंजाब में चुनावों की आहट के चलते एक बार फिर से राज्य के करीब 30 लाख से अधिक उन गरीब परिवारों की हांडियों
लुधियाना (खुराना): पंजाब में चुनावों की आहट के चलते एक बार फिर से राज्य के करीब 30 लाख से अधिक उन गरीब परिवारों की हांडियों में सरकारी दाल पकने की महक उठेगी जोकि सरकार की आटा-दाल स्कीम से जुड़े हुए हैं। यहां उल्लेखनीय है कि पिछले करीब 3 वर्षों से सरकार ने इन लाखों परिवारों को दाल से दूर रखा हुआ है और दाल की जगह उन्हें डिपुओं पर काले चने ही दिए जा रहे हैं जिसे लाभपात्र परिवार मजबूरन लेने के लिए बेबस दिखाई देते हैं जबकि उनकी पहली पसंद दाल ही है।
बादल सरकार की यह योजना भी आटा-दाल योजना के नाम पर ही चर्चित है। उल्लेखनीय है कि विभाग द्वारा खपतकारों को दालें न देने को लेकर कई बार विवाद खड़ा होता रहा है जिसके चलते पनसप अधिकारियों को डिपो मालिकों व लाभपात्र परिवारों के निशाने पर रहते हुए आलोचना का शिकार होना पड़ा। इसी विवाद के चलते पनसप विभाग के अधिकारी खपतकारों को बार-बार आश्वासन देते रहे हैं कि जल्द ही विभाग द्वारा उन्हें दालें मुहैया करवाई जाएंगी।
दाल की कीमतों में 10 रुपए प्रति किलो का उछाल
अब अगर बात की जाए दाल की सरकारी कीमतों की तो इसके लिए लाभपात्र परिवारों को 20 रुपए के स्थान पर 30 रुपए प्रति किलो के हिसाब से चुकाने पड़ेंगे, क्योंकि सरकार द्वारा दाल की कीमतों में 10 रुपए प्रति किलो की बढ़ौतरी गत दिनों ही कर दी गई है। सरकारी गेहूं की कीमत भी 1 रुपए प्रति किलो रखी गई थी जिसे बढ़ाकर अब 2 रुपए प्रति किलो कर दिया गया है।
चने की जगह पक जाती थी महिलाएं
अब अगर बात की जाए डिपुओं पर मिलने वाले चने की तो अधिकतर मामलों में घंटों चूल्हे पर रखने के बाद भी ये सरकारी चने पकने के स्थान पर महिलाएं घंटों इंतजार करते-करते खुद पक जाती थीं। चने की क्वालिटी के बारे में पनसप विभाग के अधिकारी खुद मानते हैं कि इसकी क्वालिटी को लेकर अक्सर लोगों की शिकायतें सुनने को मिलती रहती हैं। अधिकारी ने बताया कि पिछले सीजन दौरान विभाग द्वारा काले चने की बड़ी खेप खपतकार परिवारों में वितरित करने की जगह संबंधित कम्पनी को वापस लौटाई है। उन्होंने कहा कि अब की बार दाल के टैंडर भरे गए थे जिसकी मंजूरी मिल चुकी है और लोगों को इस बार डिपुओं पर विभाग द्वारा दाल वितरित की जानी तय है।