Edited By Punjab Kesari,Updated: 23 Jan, 2018 11:01 AM
पंजाब में मातृभाषा पंजाबी को लागू करवाने के लिए किए जा रहे नाममात्र प्रयासों को अपेक्षा अनुरूप सफलता मिलती हुई नहीं दिख रही। सरकारी कामकाज में पंजाबी को प्रोत्साहन देने के लिए अकाली-भाजपा सरकार ने सभी दफ्तरी पत्रों को पंजाबी में जारी करने के आदेश...
जालंधर(सुमित): पंजाब में मातृभाषा पंजाबी को लागू करवाने के लिए किए जा रहे नाममात्र प्रयासों को अपेक्षा अनुरूप सफलता मिलती हुई नहीं दिख रही। सरकारी कामकाज में पंजाबी को प्रोत्साहन देने के लिए अकाली-भाजपा सरकार ने सभी दफ्तरी पत्रों को पंजाबी में जारी करने के आदेश जारी किए थे। सरकार बदलते ही उक्त निर्देश हवा होते दिखाई दे रहे हैं।आजकल स्कूल शिक्षा सचिव को भी अंग्रेजी का खुमार चढ़ा हुआ है।
कार्यालय द्वारा कई पत्र अब पंजाबी की बजाय अंग्रेजी भाषा में ही जारी किए जा रहे हैं। इतना ही नहीं इनको आगे ऑनलाइन साइट पर भी ऐसे ही स्कैन कर डाल दिया जाता है। यहां शिक्षा सचिव को यह समझने की जरूरत है कि पंजाब के स्कूलों में काम करने वाले सभी अध्यापकों को पंजाबी आती है। अगर पंजाबी में पहले सभी पत्र जारी हो रहे थे तो अब पंजाबी को नजरअंदाज क्यों किया जा रहा है?वहीं देखने वाली बात यह है कि जिला शिक्षा अधिकारियों द्वारा भी अंग्रेजी में ही पत्र आगे स्कूल प्रिंसीपलों को ऑनलाइन भेजा गया है। अब देखने वाली बात यह है कि पंजाबी के नाम पर अपना नाम चमकाने वाली संस्थाएं इस मसले को कितनी गंभीरता से लेती हैं। अन्यथा सभी विभागों में पंजाबी को नजरअंदाज करना आम बात हो जाएगी।