Edited By Punjab Kesari,Updated: 22 Jan, 2018 05:17 PM
पिछले 3 माह से पत्नी व मासूम बच्चों को बहला-फुसला कर दिल्ली से लुधियाना भगा लाने वाले आरोपी के खिलाफ कार्रवाई को लेकर भटक रहे व्यक्ति की मदद करने वाले नौजवान व्यवसायी से रिश्वत की रकम को लेकर थाना प्रभारी द्वारा की मारपीट व हवालात में बंद करने का...
लुधियाना (पंकज): पिछले 3 माह से पत्नी व मासूम बच्चों को बहला-फुसला कर दिल्ली से लुधियाना भगा लाने वाले आरोपी के खिलाफ कार्रवाई को लेकर भटक रहे व्यक्ति की मदद करने वाले नौजवान व्यवसायी से रिश्वत की रकम को लेकर थाना प्रभारी द्वारा की मारपीट व हवालात में बंद करने का मामला गंभीर रूप लेता नजर आ रहा है। अधिकारियों ने स्थिति को सम्भालने का प्रयास तो किया परंतु मारपीट से व्यवसायी के कान को क्षति पहुंचने व हवालात में बंद करने से परेशान पीड़ित ने डी.जी.पी. व पुलिस कमिश्नर तक सारी सच्चाई पहुंचाने की बात कही है।
पंजाब केसरी को उक्त व्यवसासी ने बताया कि दिल्ली से एक व्यक्ति किसी की पत्नी व 2 बच्चों को फुसला कर लुधियाना ले आया था। पीड़ित पति अपनी पत्नी व बच्चों की तलाश में पिछले 3 माह से परिवार सहित महानगर में दर-दर भटकता फिर रहा था और परेशान होकर उसने एक बिजली कर्मी से अपना दुख सांझा किया, जिसने तरस खाकर उसे युवा व्यवसायी से मिलवाया।पीड़ित ने आरोप लगाया कि परिवार की मदद करने के तहत उसने एक थाना प्रभारी से सम्पर्क करके सारी घटना से अवगत करवाया। थाना प्रभारी मामला दिल्ली से संबंधित होने की बात कहकर आनाकानी करता रहा, परंतु फिर उसने कार्रवाई की एवज में 2.5 लाख रुपए रिश्वत की मांग की और 1 लाख रुपए एडवांस मांगे। शिकायतकत्र्ता के पास 97,500 रुपए ही इंतजाम हो पाए, जिन्हें उसने व्यवसायी को पकड़ा दिया गया।
बच्चे व पत्नी बरामद करने के बाद मांगे पूरे पैसे
थाना प्रभारी ने रकम बाद में लेने की बात कही और पीड़ित की पत्नी व बच्चों को बरामद कर लिया। इसकी सूचना मिलने पर वह थाने गया और प्रभारी ने उससे तय रिश्वत की रकम पीड़ित से लेकर देने को कहा, परंतु परिवार ने और रकम का इंतजाम न होने की बात कही। गुस्साए थाना प्रभारी ने या तो पूरी रकम लेकर देने अथवा व्यवसायी पर ही पुलिस के नाम रिश्वत वसूलने के आरोप में गिरफ्तार करने की धमकी दी। जब उसने प्रभारी को कहा कि पीड़ित परिवार द्वारा 97,500 रुपए की एडवांस रकम जो उसे पकड़ाई गई है, वह उसे ले ले। प्रभारी ने अपने सह-कर्मियों को उसे हवालात में बंद कर एफ.आई.आर. दर्ज करने का आदेश दिया। जब उसने इसका विरोध करते हुए सारी घटना अधिकारियों को बताने व पीड़ित परिवार को पेश करने की बात कही तो थाना प्रभारी ने उसे बुरी तरह से पीटना शुरू कर दिया, जिससे उसके कान का पर्दा फट गया। फिर भी उसे हथकड़ी लगाकर हवालात में बंद कर दिया गया।
अधिकारी की फटकार के बाद वापस की रकम, बाद में व्यवसायी को धमकाकर फिर वसूले पैसे
इस विवाद की खबर मिलने पर एक वरिष्ठ अधिकारी ने सभी को अपने दफ्तर में बुला लिया और सच्चाई जानने के बाद पीड़ित परिवार को जहां उक्त रकम वापस कर दी, वहीं उसे समझा कर शांत करके वापस घर भेजते हुए थाना प्रभारी को फटकार लगाई। परिवार ने बताया कि थाने पहुंचते ही प्रभारी ने अधिकारियों द्वारा वापस करवाई 97,500 रुपए की रकम धमकाते हुए फिर वसूल ली और चुपचाप दिल्ली निकल जाने के लिए धमकाया। इसकी बाकायदा रिकॉॄडग भी उसके पास है। इसलिए उसने सारी घटना से पुलिस कमिश्नर व डी.जी.पी. को अवगत करवाने का फैसला लेते हुए अपने कान का मैडीकल भी करवाया है।