Edited By Punjab Kesari,Updated: 23 Jan, 2018 10:31 AM
विगत दिनों विजीलैंस विभाग ने जिस प्रकार ट्रांसपोर्ट महकमे में छापे मार कर तहलका मचाया था और होशियारपुर के ए.आर.टी.ओ. प्यारा सिंह व उनके ड्राइवर को गिरफ्तार किया था, उसके बाद से ही जिला डी.टी.ओ. दफ्तर का कामकाज ठप्प पड़ा था, क्योंकि न तो कोई प्राइवेट...
जालंधर (बुलंद): विगत दिनों विजीलैंस विभाग ने जिस प्रकार ट्रांसपोर्ट महकमे में छापे मार कर तहलका मचाया था और होशियारपुर के ए.आर.टी.ओ. प्यारा सिंह व उनके ड्राइवर को गिरफ्तार किया था, उसके बाद से ही जिला डी.टी.ओ. दफ्तर का कामकाज ठप्प पड़ा था, क्योंकि न तो कोई प्राइवेट एजैंट और न ही कोई कारिंदा डी.टी.ओ. व आर.टी.ए. दफ्तर में आ रहा था। प्यारा सिंह को जमानत मिल गई और जो रिकार्ड विजीलैंस ने जालंधर व होशियारपुर से जब्त किया था, उसमें से कोई ऐसा मसाला निकल कर सामने नहीं आया जिससे और कोई बड़ा कर्मचारी पुलिस के हत्थे चढ़ता। ऐसे में लगातार विजीलैंस का खौफ ट्रांसपोर्ट महकमे में कम होता दिखाई दे रहा है।
इतना ही नहीं, सरकारी बाबुओं के प्राइवेट कारिंदे और प्राइवेट एजैंट दोबारा आर.टी.ए. दफ्तर में चहलकदमी करते दिखाई दे रहे हैं। वहीं प्राइवेट एजैंटों के दफ्तरों से अब सारा सरकारी ट्रांसपोर्ट विभाग का काम चलता देखा जा सकता है। मामले के बारे में सूत्रों की मानें तो लगातार राजनीतिक सिफारिशें और मालदार सरकारी बाबुओं से सैटिंगों से भी विजीलैंस कर्मचारी अछूते नहीं दिखाई दे रहे। यही कारण है कि मीडिया के बार-बार पूछने पर कि आखिर जब्त किए गए रिकार्ड और कम्प्यूटरों से क्या मिला, का यही जवाब मिलता है कि अभी जांच चल रही है।
उधर, न तो विजीलैंस ने उन कर्मचारियों के ठिकानों पर छापेमारी की, जिन पर बेनामी संपत्तियां व आय से अधिक पैसा कमाने के आरोप लगते रहे और न ही ऐसे मालदार बाबुओं पर कोई कार्रवाई होती दिखी, जो ट्रांसपोर्ट विभाग में रह कर मनमर्जी की सीटों पर तैनात रहे व खुलकर कमाई करते रहे। इतना ही नहीं, फैंसी नंबरों के गोरखधंधे के बारे में लगातार प्रकाशित होती खबरों के बावजूद इस सारे गोलमाल पर विजीलैंस ने कोई खास ध्यान नहीं दिया। वहीं कई कारिंदे और एजैंट दबे शब्दों में कहते सुने जाते हैं कि कुछ नहीं होना है, सरकार में अपनी पूरी सैटिंग है। ऐसे में विजीलैंस की कार्रवाई की ओर सभी सवालिया नजरें टिकाए हुए हैं।