Edited By Punjab Kesari,Updated: 22 Jan, 2018 07:52 AM
आर.टी.ए. कार्यालय के अंदर पुरानी सीरीज के नंबर लगाने का मामला दिन-प्रतिदिन पेचीदा होता जा रहा है। कुछ समय से पूरे शहर में हाट-टॉक बने इस गोरखधंधे में हर रोज नए खुलासे हो रहे हैं। ‘पंजाब केसरी’ की तरफ से पहले ही इस बात का खुलासा किया जा चुका है कि यह...
जालंधर (अमित): आर.टी.ए. कार्यालय के अंदर पुरानी सीरीज के नंबर लगाने का मामला दिन-प्रतिदिन पेचीदा होता जा रहा है। कुछ समय से पूरे शहर में हाट-टॉक बने इस गोरखधंधे में हर रोज नए खुलासे हो रहे हैं। ‘पंजाब केसरी’ की तरफ से पहले ही इस बात का खुलासा किया जा चुका है कि यह कोई छोटा घोटाला नहीं है बल्कि बहुत बड़ा है और इसमें सैंकड़ों की गिनती में ऐसी आर.सीज हैं, जो सारे नियम-कानून को ताक पर रखते हुए बनाई गई हैं।
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार इस मामले को रफा-दफा करने के लिए इसमें संलिप्त लोग एड़ी-चोटी का जोर लगा रहे हैं। इसे दबाने के लिए तरह-तरह के जुगाड़ भी लगाए जा रहे हैं। नीचे से लेकर ऊपर तक हाई-प्रोफाइल लोगों की मदद से इसे ठंडे बस्ते में डालकर दोषियों को बचाने की कवायद शुरू हो चुकी है। इसमें फंसे लोग यही चाहते हैं कि किसी भी कीमत पर मामले को जैसे-तैसे निपटा दिया जाए और इसके लिए अपने-अपने आकाओं की शरण में भी पहुंच चुके हैं। इतना ही नहीं विजीलैंस और अन्य विभागों की पकड़ से खुद को बचाने के लिए भी हाथ-पैर मारने का काम आरंभ हो चुका है। अगर इसकी गंभीरता से जांच न की गई तो पूर्व में सामने आए घोटालों की तरह इस मामले को भी बड़ी आसानी से दबा दिया जाएगा और किसी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो पाएगी।
बाहरी राज्यों की गाडिय़ों पर पुराने नंबर लगाकर कमाया जाता है मोटा मुनाफा
जानकारी के अनुसार, बाहरी राज्यों से महंगी गाडिय़ां खरीदकर उन पर पुरानी सीरीज के नंबर लगाकर काफी मोटा मुनाफा कमाया जा रहा है क्योंकि अगर बाहरी राज्य के नंबर के साथ गाड़ी बेची जाती है तो ग्राहक उसके सही दाम नहीं देता है और बहुत से रईस ऐसी सैकेंड हैंड लग्जरी गाड़ी खरीदने को तरजीह देते हैं, जिसके ऊपर पुरानी सीरीज का नंबर लगा होता है। इसी शौक का फायदा शहर के कुछ वाहन डीलर और राजनेता उठा रहे हैं और लाखों रुपए कमा रहे हैं।
केन्द्रीय राज्य मंत्री के नाम का भी खुलकर हुआ इस्तेमाल
मामले में जो नई बात सामने आई है, वह यह है कि आर.टी.ए. कार्यालय में एक्टिव केन्द्रीय राज्य मंत्री के एक पी.ए. की भूमिका भी इस मामले में सामने आ रही है। दफ्तर के सूत्रों की मानें तो शहर के बहुचॢचत भाजपा नेता के साथ मिलकर ही इस पूरे गोरखधंधे को अंजाम दिया जाता रहा है। केन्द्रीय मंत्री को इस मामले की जानकारी है या नहीं, यह कहना संभव नहीं है मगर इतना तय है कि पी.ए. ने केन्द्रीय मंत्री के नाम का खुलकर इस्तेमाल किया है और इसी वजह से भाजपा नेता अपनी पहचान वाले नैटवर्क में उनकी महंगी लग्जरी गाडिय़ों पर पुरानी सीरीज के नंबर लगवाने के लिए खासे मशहूर भी हैं।
नेता जी के घर पड़े हैं 6-7 पुराने स्कूटर
सूत्रों के अनुसार भाजपा के एक अन्य नेता जी के घर में 6-7 पुराने स्कूटर पड़े हुए हैं, जिनके ऊपर पुरानी सीरीज वाले नंबर लगे हुए हैं, जिन्हें इसी लिए खरीदा गया था ताकि उनके पुराने नंबरों को महंगी गाडिय़ों पर लगवाया जा सके।
चुनमुन माल के पास स्थित एजैंट को बचाने के लिए प्रयास हुए तेज
चुनमुन माल के पास स्थित एक दफ्तर में अपना साम्राज्य कायम करने वाले एजैंट जिसके द्वारा सबसे अधिक पुरानी सीरीज वाले नंबरों की आर.सी. बनवाने का आरोप लग रहा है, उसे बचाने के लिए भी प्रयास तेज हो चुके हैं। सूत्रों की मानें तो जिस निजी कारिंदे के साथ मिलकर इस पूरे गोरखधंधे को अंजाम दिया गया है, उसने अपने आकाओं के पास जाकर इसकी पूरी रूपरेखा भी तैयार कर ली है। अगर सब कुछ सही रहता है तो आने वाले कुछ दिनों में इस एजैंट को भी क्लीनचिट मिल सकती है। यहां बताने लायक है कि इसी एजैंट के ऊपर जाली मैनुअल आर.सीज जारी करने तक के गंभीर आरोप लग चुके हैं। जिसकी पुष्टि होने पर इसके खिलाफ आपराधिक मामला तक दर्ज हो सकता है और उसकी गिरफ्तारी तक हो सकती है।
पुराने नंबरों का कत्र्ताधत्र्ता निजी कारिंदा पहुंचा दफ्तर
पुराने नंबरों को गलत ढंग से जारी करवाने वाला निजी कारिंदा जो ऐसे नंबरों का इकलौता कत्र्ताधत्र्ता बना हुआ था, वह पिछले कुछ दिनों से विजीलैंस के भय से अंडरग्राऊंड हो रखा था। मगर अपने खिलाफ लगे आरोपों को गलत साबित करने के उद्देश्य से वह कुछ दिन पहले आर.टी.ए. दफ्तर पहुंचा और सभी कर्मचारियों से इस तरह मिला जैसे कुछ हुआ ही नहीं है और उसे किसी बात का पता ही नहीं है।