Edited By Punjab Kesari,Updated: 01 Mar, 2018 11:26 AM
रेलवे स्टेशन पर काम करने वाले लाल वर्दी कुलियों की देशव्यापी हड़ताल के दौरान कुलियों ने कामकाज ठप्प रखकर रोष स्वरूप धरना प्रदर्शन किया और अपनी मांगों को लेकर स्टेशन अधीक्षक को एक मांग पत्र सौंपा। उल्लेखनीय है कि लाल वर्दी कुली पिछले लंबे समय से...
जालन्धर(गुलशन): रेलवे स्टेशन पर काम करने वाले लाल वर्दी कुलियों की देशव्यापी हड़ताल के दौरान कुलियों ने कामकाज ठप्प रखकर रोष स्वरूप धरना प्रदर्शन किया और अपनी मांगों को लेकर स्टेशन अधीक्षक को एक मांग पत्र सौंपा। उल्लेखनीय है कि लाल वर्दी कुली पिछले लंबे समय से उन्हें ग्रुप-डी में शामिल करने की मांग कर रहे हैं लेकिन कोई भी सुनवाई न होने के कारण अब वे संघर्ष की राह पर उतर गए हैं। पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत रेलवे के सभी मंडलों के अधीन आते रेलवे स्टेशनों पर काम करने वाले कुलियों ने 27 फरवरी रात 12 से 28 फरवरी रात 12 बजे तक कोई काम नहीं किया। इस दौरान बड़े स्टेशनों पर यात्रियों को सामान उठाने के लिए कोई भी कुली नहीं मिला जिस कारण यात्रियों को काफी परेशानी झेलनी पड़ी। सिटी रेलवे स्टेशन पर काम करने वाले कुलियों ने भी स्टेशन के मुख्य द्वार के सामने टैंट लगाकर धरना प्रदर्शन किया व फिर कुली यूनियन के प्रधान कश्मीरी लाल के नेतृत्व में सरवन सिंह, अजय कुमार, मजीद खान, मनोज कुमार, सुनील कुमार, भुवनेश, भिकी प्रसाद, जमुना प्रसाद, राजेश कुमार, रमेश कुमार, बलराम, गुरबचन सिंह व रिंकू सहित कई अन्य कुलियों ने स्टेशन अधीक्षक आर.के. बहल को एक मांग पत्र सौंपा।
ग्रुप-डी के तहत 90 हजार वैकेंसी लेकिन कुलियों को नहीं दी जा रही पक्की नौकरी : यूनियन
कुली यूनियन के पदाधिकारियों ने कहा कि रेलवे विभाग ने ग्रुप-डी में भर्ती के लिए करीब 90 हजार वैकेंसी निकाली है जबकि वे ग्रुप-डी में शामिल होने की पिछले लंबे समय से मांग कर रहे हैं लेकिन उनकी ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा। साल 2008 में यू.पी.ए. सरकार के दौरान कुलियों को सरकारी नौकरी दी गई थी। 2009 में भी भर्ती प्रक्रिया शुरू की गई थी, इस दौरान उनके मैडीकल फिटनैस टैस्ट भी लिए गए। 40 किलो भार उठाकर 200 मीटर तक की दौड़ भी लगवाई गई लेकिन टैस्ट पास करने के बावजूद भी नौकरी नहीं दी गई। उन्होंने अपने-अपने क्षेत्रों के सांसदों के अलावा रेल मंत्री, रेलवे बोर्ड के चेयरमैन व रेलवे के कई अन्य उ‘चाधिकारियों को भी अपनी मांगें बताईं लेकिन कोई हल नहीं निकला। अगर अब भी उन्हें नौकरी नहीं दी गई तो वे बड़े स्तर पर संघर्ष करेंगे।
दिव्यांग यात्रियों की नि:शुल्क सहायता कर दिया इंसानियत का परिचय
हड़ताल के दौरान कुलियों ने अपना कामकाज पूरी तरह से ठप्प रखा लेकिन दिव्यांग यात्रियों की नि:शुल्क सहायता कर इंसानियत का भी परिचय दिया। हावड़ा मेल से जालंधर पहुंचे एक बुजुर्ग जोकि चलने-फिरने में असमर्थ था, को कुली यूनियन के प्रधान कश्मीरी लाल और बलराम रेहड़ी पर डालकर स्टेशन के बाहर लाए। इसके अलावा सुबह शताब्दी एक्सप्रैस में नई दिल्ली जाने वाली एक महिला को भी व्हीलचेयर पर बैठा कर ई-1 कोच तक पहुंचाया। कुलियों ने कहा कि किसी यात्री को परेशान करना उनकी मंशा नहीं है लेकिन वे अपने हकों की लड़ाई लड़ रहे हैं।