Edited By Punjab Kesari,Updated: 09 Feb, 2018 09:55 AM
डी.ए.सी. के अंदर बने तहसील काम्पलैक्स में पिछले कई वर्षों से बैठकर बतौर वसीका नवीस, अष्टामफरोश, टाइपिस्ट, डिजीटल फोटोग्राफर, फोटोस्टेट मशीन आदि का कारोबार करने वाले कारोबारियों के चेहरे बुरी तरह से मुरझाए हुए हैं। लगभग हर किसी के मन में प्रदेश की...
जालंधर(अमित): डी.ए.सी. के अंदर बने तहसील काम्पलैक्स में पिछले कई वर्षों से बैठकर बतौर वसीका नवीस, अष्टामफरोश, टाइपिस्ट, डिजीटल फोटोग्राफर, फोटोस्टेट मशीन आदि का कारोबार करने वाले कारोबारियों के चेहरे बुरी तरह से मुरझाए हुए हैं। लगभग हर किसी के मन में प्रदेश की कांग्रेस सरकार के प्रति गहरे रोष की भावना व्याप्त है। हर किसी का प्रदेश के सी.एम. कैप्टन अमरेंद्र सिंह को यही कहना है कि अगर हालात ऐसे ही रहे तो उनके परिवारों का पालन-पोषण कैसे होगा।
तहसील में पिछले कुछ दिनों से वीरानी छाई हुई है क्योंकि बिना एन.ओ.सी. के रजिस्ट्रियों पर रोक लगाने का आदेश जारी किया गया है।हर कोई यही उम्मीद लगाकर बैठा है कि जल्दी ही सरकार नई पॉलिसी लेकर आए ताकि उनका कारोबार दोबारा से चालू हो सके। कामकाज बंद होने से तहसील में लगभग 1000 से ऊपर परिवार प्रभावित होंगे। तहसील में लगभग 300 बूथ बने हुए हैं जहां एक बूथ पर कम से कम 2 से 3 लोग काम कर रहे हैं। इसी तरह लगभग 100 लोग खुले में टेबल-कुर्सियां लगाकर बैठे हुए हैं। ये सभी तहसील में होने वाले कारोबार पर ही निर्भर हैं और अगर यहां काम घटता है तो उसका सीधा असर इनके ऊपर पड़ता है। तहसील में होने वाले कामकाज पर निर्भर कारोबारी इस आदेश से सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं। पंजाब केसरी टीम ने गुरुवार को तहसील का दौरा किया और कुछ लोगों की राय जानी ताकि इस बात का पता लगाया जा सके कि मौजूदा समय में तहसील के अंदर कैसे हालात बने हुए हैं।
पिछले लगभग 25 वर्षों से तहसील में अष्टाम बेचकर अपने परिवार का पेट भरने वाले करनवीर रेहान का कहना है कि पिछली अकाली-भाजपा सरकार द्वारा ई-स्टाम्प प्रक्रिया लागू करके छोटे-मोटे स्तर पर अष्टाम बेचने वाले कारोबारियों को मात्र 20,000 तक के स्टाम्प बेचने की ही मंजूरी दी गई थी। अब कांग्रेस सरकार ने एन.ओ.सी. के बिना रजिस्ट्री बंद करके रही-सही कसर भी पूरी कर दी है। वैसे ही कमाई केवल 40 प्रतिशत रह चुकी थी, जो कि शून्य होने वाली है।
-करनवीर रेहान, अष्टामफरोश
पिछले 35 वर्षों से तहसील में बतौर वसीका नवीस काम करने वाले जै शिव कपूर ने कहा कि उनके परिवार की 2 पीढिय़ां तहसील में काम कर रही हैं जिससे उनके परिवार का खर्चा चलता है। सरकार को जल्दी नई पॉलिसी लाकर लोगों को सुविधा प्रदान करनी चाहिए। चाहे कोई गरीब आदमी है या अमीर, इस आदेश से हर कोई बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। -जै शिव कपूर, वसीका नवीस
तहसील में बतौर वसीका नवीस काम करने वाले सुरिंद्र कुमार जैरथ ने कहा कि उनके जीवनकाल में प्रॉपर्टी बाजार का सबसे बुरा दौर चल रहा है। पिछले लगभग 10-12 वर्षों से रियल एस्टेट कारोबार में मंदी छाई हुई थी। कुछ दिन पहले लोगों में उम्मीद जगी थी कि शायद अब अ‘छा दौर आने वाला है मगर सरकार के इस आदेश ने उनकी उम्मीद पर पानी ही फेर दिया।
-सुरिंद्र कुमार जैरथ, वसीका नवीस