हैड मुंशी रहा कुलदीप व डा. शर्मा पहुंचे हाईकोर्ट की शरण में

Edited By Punjab Kesari,Updated: 16 Feb, 2018 11:06 AM

head munshi kuldeep and dr sharma arrive in the high court shelter

बर्खास्त हैड मुंशी कुलदीप सिंह और अमन नगर वैल्फेयर सोसायटी के प्रधान डा. बिशन दास शर्मा पर नए भर्ती कांस्टेबल से पी.वी.आर. (पासपोर्ट वैरीफिकेशन रिपोर्ट) पर धोखे से साइन करवाने का मामला अधर में लटक गया है। हालांकि, दोनों आरोपियों ने फिलहाल हाईकोर्ट...

जालंधर(मृदुल शर्मा): बर्खास्त हैड मुंशी कुलदीप सिंह और अमन नगर वैल्फेयर सोसायटी के प्रधान डा. बिशन दास शर्मा पर नए भर्ती कांस्टेबल से पी.वी.आर. (पासपोर्ट वैरीफिकेशन रिपोर्ट) पर धोखे से साइन करवाने का मामला अधर में लटक गया है। हालांकि, दोनों आरोपियों ने फिलहाल हाईकोर्ट में जमानत याचिका दायर की है। वहीं दूसरी ओर पुलिस जांच में पता चला है कि कुलदीप सिंह पुलिस लाइन से भी पिछले कई महीनों से गैर-हाजिर है। 

जिक्र योग्य है कि पुलिस उनकी तलाश में छापेमारी कर रही है और खुद आरोपी हाईकोर्ट तक पहुंच गए हैं जिसको लेकर जांच अब तक अधर में लटकी है। थाना नं.-8 में दर्ज एफ.आई.आर. नं.-16 के मुताबिक साल 2013 में थाना नं.-8 में ही तैनात रहे हैड मुंशी कुलदीप सिंह ने कांस्टेबल दिलप्रीत कुमार को अमर गार्डन मकान नंबर-14 में रहते शिव कुमार पुत्र राज कुमार की पासपोर्ट इंक्वायरी पर ऑर्डर देकर साइन करवाए, जोकि बाद में इंदिरा गांधी इंटरनैशनल एयरपोर्ट पर फर्जी एड्रैस होने के चलते इमीग्रेशन पर पकड़ा गया। जब पूछताछ हुई तो सारा मामला सामने आया। 

बी.डी. शर्मा के घर कई बार पुलिस गई, मगर वह वहां नहीं मिला : आई.ओ. 
केस के इन्वैस्टीगेटिंग अफसर (आई.ओ.) किशोर कुमार ने बताया कि आरोपी बी.डी. शर्मा के घर पुलिस कई बार गई, मगर वह वहां नहीं मिला। उसकी तलाश में छापेमारी की जा रही है। पासपोर्ट दफ्तर से पी.वी.आर. रिपोर्ट में नामजद शिव कुमार का मांगा रिकॉर्ड ए.एस.आई. किशोर कुमार ने बताया कि इस वक्त केस की अहम कड़ी शिव कुमार के बारे में पता लगाया जा रहा है तथा पासपोर्ट दफ्तर से शिव कुमार का रिकॉर्ड मांगा गया है।

क्या था मामला

6 महीने पहले इंक्वायरी खुली तो कांस्टेबल दिलप्रीत का नाम जांच में सामने आया। खुद की नौकरी बचाने के लिए उसने सी.पी. पी.के. सिन्हा को शिकायत दी। इसके बाद केस ए.सी.पी. नॉर्थ नवनीत सिंह माहल को मार्क किया गया। डिपार्टमैंटल इंक्वायरी के दौरान बर्खास्त हैड मुंशी कुलदीप सिंह और डा. बी.डी. शर्मा आरोपी पाए गए, क्योंकि 10 नवम्बर, 2012 को दिलप्रीत कुमार भर्ती हुआ था और मार्च 2014 को थाना नं.-8 में उसने ड्यूटज् ४वाइन की। उस वक्त थाना नं.-8 के एस.एच.ओ. किशोर कुमार थे और मुंशी कुलदीप सिंह था। 

5 सितम्बर, 2014 को वह थाने में हाजिर था। उस समय डा. बी.डी. शर्मा और कुछ लोग उसके साथ खड़े थे। बी.डी. शर्मा ने उसके साथ खड़े व्यक्ति के बारे में बताया कि वह शिव कुमार है, जिसे लेकर पासपोर्ट वैरीफिकेशन रिपोर्ट आई थी। साथ में बैठे हैड मुंशी कुलदीप सिंह ने उससे कहा था कि उक्त व्यक्ति को वह पहले से जानते हैं। पासपोर्ट संबंधी प्रूफ उन्होंने चैक कर लिए हैं, जोकि सही हैं। हैड मुंशी कुलदीप सिंह ने कांस्टेबल को ऑर्डर दिया कि वह वैरीफिकेशन रिपोर्ट पर दस्तखत कर दे। इसके बाद शिव कुमार पी.वी.आर. रिपोर्ट पर गलत एड्रैस होने के चलते पकड़ा गया। इसको लेकर एफ.आई.आर. दर्ज की गई।
 

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