Edited By Updated: 17 Jun, 2016 11:26 AM
जालंधर से होशियारपुर तक बनने वाले फोरलेन प्रोजैक्ट का काम शुरू होने से पहले ही 100 करोड़ से ज्यादा की धांधली का खुलासा हुआ है।
होशियारपुरः जालंधर से होशियारपुर तक बनने वाले फोरलेन प्रोजैक्ट का काम शुरू होने से पहले ही 100 करोड़ से ज्यादा की धांधली का खुलासा हुआ है। अकाली नेताओं और कई बड़े लोगों ने किसानों की जमीन कौड़ियों के दाम खरीदकर सरकार को करोड़ों रुपए में एक्वायर करवाई।
जमीन एक्वायर करने की पहली नोटिफिकेशन के बाद किसानों को यह कहकर डराया गया कि सरकार औने-पौने रेट पर जमीन खरीदेगी। इससे डरे किसानों ने अकाली नेताओं को जमीन बेच दी। स्कैंडल का खुलासा होशियारपुर के आर.टी.आई. एक्टिविस्ट राजीव वशिष्ठ ने किया है। नेताओं को फायदा पहुंचाने के लिए 86 करोड़ रुपए 1 किमी में ही खर्च कर दिए गए। अकाली नेताओं के अलावा भाजपा के एक बड़े नेता का नाम चल रहा है। नोटिफिकेशन के बाद अफसरों की मिलीभगत से नेताओं ने मामूली रेट पर जमीन खरीदी और कॉलोनियों का रूप देकर सरकार को 100 करोड़ से ज्यादा का चूना लगाया। सिर्फ उस जमीन का रेट बढ़ाया जिसे नेताओं ने खरीदा था। जिन किसानों ने मना किया उनका मार्कीट से भी कम रेट लगा।
धांधली पर होशियारपुर की डिप्टी कमिश्नर अनंदिता मित्रा ने कहा कि रेट तय करने में एस.डी.एम. ने कलैक्टर की भूमिका निभाई। कोई गड़बड़ी है तो केस नैशनल हाईवे अथाॅरिटी आर्बिटरेशन को भेज सकते हैं। जांच करवाकर रिपोर्ट आगे भेजी जाएगी।
गौरतलब है कि यू.पी.ए. सरकार ने 2013-14 में जालंधर से धर्मशाला तक नैशनल हाईवे नंबर-70 को फोरलेन करने को मंजूरी दी थी। पहले पड़ाव में जालंधर के गांव चूड़वाली से लेकर होशियारपुर के गांव नारी तक निर्माण तय हुआ था। प्रोजैक्ट पर 1 हजार करोड़ से ज्यादा का खर्च आना था। जमीन एक्वायर करने के लिए नोटिफिकेशन 24 जून 2015 को जारी हुई। दूसरा नोटिफिकेशन 2 नवंबर और तीसरा दिसंबर 2015 में जारी हुआ। तब एक्वायर की जाने वाली जमीन के मालिकों की लिस्ट में बड़े नेताओं के नाम पब्लिश नहीं किए गए।