Edited By Updated: 25 Oct, 2016 12:36 AM
एक तरफ रेल मंत्रालय आम यात्रियों को बेहतर सुविधाएं प्रदान करने के लिए ऐड़ी-चोटी का जोर लगा रहा है। इसके....
अमृतसर(जशन): एक तरफ रेल मंत्रालय आम यात्रियों को बेहतर सुविधाएं प्रदान करने के लिए ऐड़ी-चोटी का जोर लगा रहा है। इसके तहत वह आए दिन कई प्रकार की घोषणाएं भी करता है, परंतु अभी भी वर्तमान स्थिति किसी से छुपी नहीं है, अगर कहा जाए कि रेल प्रशासन अभी भी पक्षपात की नीति अपनाए हुए है तो गलत नहीं होगा।
रेलवे प्रशासन वी.आई.पी. व उच्चवर्गीय लोगों की पसंदीदा गाडिय़ों पर पूरी तरह से मेहरबान है और दूसरी ओर मध्यम व आम वर्ग की ट्रेनों की ओर वह काफी कम ध्यान देता है, जिससे उनकी दशा बिगड़ी हुई है। इसकी जिंदा-जागती उदाहरण आम लोगों द्वारा प्रयोग होने वाली जननायक व जनसाधारण जैसी रेल गाडिय़ां हैं। इस संबंध में रेल यात्री पंकज धीर, विनय पांडे, राधे श्याम, सोनल आहूजा, शाम लाल, विवेक हांडा व अन्य ने बताया कि रेल प्रशासन आम व मध्यम वर्ग के लोगों द्वारा प्रमुख तौर से प्रयोग होने वाली रेल गाडिय़ों का न तो सही प्रकार से रख-रखाव करता है और ना ही सफाई पर भी कोई ध्यान नहीं देता है।
अमृतसर रेलवे स्टेशन पर उक्त ट्रेनों की सफाई तक नहीं होती है, वहीं दूसरी तरफ वी.आई.पी. लोगों के लिए जानी जाती शताब्दी ट्रेन पर तो वह पूरी तरह से मेहरबान है। इस रेल गाड़ी का नियमित तौर से रख-रखाव करने के अलावा इसकी सफाई संबंधी भी पूरी चौकसी रखता है, क्योंकि इस रेल गाड़ी में सफर करने वाले यात्री उच्चवर्गीय व वी.वी.आई.पी. होते हैं, जो कुछ भी असुविधा होने पर सीधे रेल मंत्रालय में इसकी कम्प्लेंट कर देते हैं। वहीं मध्यम व आम वर्ग के लोगों की शिकायत को कोई भी रेलवे अधिकारी इतनी गंभीरता से नहीं लेता।
यात्रियों ने कहा कि जननायक, जनसाधाराण व अन्य रेलगाडिय़ों की सफाई व्यवस्था पूरी तरह से चरमराई हुई है। यहां के हालात ऐसे बन जाते हैं कि लोगों को बदबू भरे वातावरण में अपनी यात्रा करनी पड़ती है, जिससे उन्हें कई प्रकार की दिक्कतें होती हैं। उन्होंने रेलवे प्रशासन के अधिकारियों से मांग की है कि वे पक्षपात की नीति को छोड़ कर आम व मध्यम वर्ग के लोगों द्वारा प्रयोग की जाने वाली रेल गाडिय़ों में भी सफाई व अन्य सभी सुविधाएं प्रदान करें ताकि लोगों को समस्याओं से न जूझना पड़े।