Edited By Punjab Kesari,Updated: 19 Aug, 2017 04:27 PM
देश की तीनों प्रमुख पैट्रोलियम कम्पनियां आगामी दिनों में पूरे भारतभर के करीब 58 हजार पैट्रोल पम्पों पर सी.एफ.एल. बल्ब, ट्यूब लाइट्स व पंखों
लुधियाना (खुराना): देश की तीनों प्रमुख पैट्रोलियम कम्पनियां आगामी दिनों में पूरे भारतभर के करीब 58 हजार पैट्रोल पम्पों पर सी.एफ.एल. बल्ब, ट्यूब लाइट्स व पंखों के साथ-साथ जैनरिक दवाइयों की बिक्री करने की योजना उतार रही हैं। इस मसौदे पर बाकायदा ऊर्जा मंत्रालय के पीयूष गोयल, पैट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान व तीनों पैट्रोलियम कम्पनियों आई.ओ.सी.एल., बी.पी.सी.एल. व आई.ओ.सी.एल. के आलाधिकारियों की आपसी सहमति के बाद एम.ओ.यू. भी साइन किया गया है। इसी सिलसिले में वीरवार देर शाम लुधियाना पहुंचे इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन के सी.डी.एम. सचिन शर्मा ने एक अहम बैठक जिले से संबंधित पैट्रो कारोबारियों से करके योजना को अमलीजामा पहनाने पर जोर दिया। शर्मा ने कहा कि असल में केन्द्र सरकार का इस योजना के पीछे का मकसद है देश में बिजली की फालतू होने वाली खपत को बचाना, जिसके लिए सरकार पैट्रोल पम्पों के मार्फत घर-घर तक सी.एफ.एल. बल्ब पहुंचाकर बिजली बचाने का संदेश पहुंचाएगी।
लगभग 10 गुना कम कीमत पर मिलेंगी दवाइयां
प्रत्येक परिवारों में तकरीबन रोजाना इस्तेमाल होने वाली जैनरिक दवाइयां भी आम जनता को पैट्रोल पम्पों से करीब 10 गुना कम कीमत पर मिलेंगी। दवा निर्माता कम्पनियां चाहे अलग-अलग रहेंगी लेकिन दवाइयों का साल्ट समान होने की बात सामने आ रही है। माहिरों की मानें तो ब्रांडेड कम्पनियां होने के कारण कुछ दवा कम्पनियां अपने प्रोडक्ट्स की बाजार से मुंह मांगी कीमत वसूल रही हैं लेकिन अब उक्त योजना के लागू होने से आम जनता को राहत मिलेगी।
1 महीने की उधारी पर मिलेंगे पैट्रो कारोबारियों को प्रोडक्ट्स
पैट्रो कारोबारियों को सरकार द्वारा योजना के अंतर्गत मुहैया करवाए जाने वाले सी.एफ.एल. बल्ब व बिजली के अन्य उपकरण, जैनरिक दवाइयां एक महीने की उधारी पर उपलब्ध करवाए जाएंगे, जिस पर कम्पनियों द्वारा एक फिक्स रूप से कारोबारियों को मार्जन राशि दी जाएगी, ताकि पैट्रोलियम डीलर सरकार की इस योजना को ज्यादा से ज्यादा सफल बनाने के लिए भरपूर प्रयास करें।
पैट्रोल पम्पों पर बढ़ेगी ग्राहकों की रौनक
केन्द्र सरकार की इस योजना के साथ ही लगभग सभी पैट्रोल पम्पों पर ग्राहकों की रौनक भी बढ़ जाएगी, जिसकी सबसे अधिक लाभ छोटे व ग्रामीण इलाकों में पड़ते पैट्रो पम्पों को मिलने का आसार है, जोकि पहले अधिकतर समय तक काम कम होने के कारण खाली दिखाई देते हैं।