Edited By Subhash Kapoor,Updated: 17 Mar, 2025 08:33 PM
पंजाब डैस्क (रमनदीप सोढी) : भारत में ब्लड शुगर एक गंभीर समस्या बन गई है। मौजूदा समय में में 101 मिलियन लोग शुगर से पीड़ित हैं और 136 मिलियन लोग प्री-डायबिटिज के शिकार है। अध्ययनों से पता चलता है कि एशियाई भारतीयों में अन्य आबादियों कीतुलना में प्रीडायबिटीज़ से टाइप 2 डायबिटीज़ में संक्रमण का खतरा अधिक होता है। बादाम के पोषण मूल्य को स्वस्थरक्त बनाए रखने के लिए एक उत्कृष्ट विकल्प के रूप में देखा जा रहा है। इसमें धीरे-धीरे पाचन वाला फाइबर, वनस्पतिप्रोटीन, अच्छे मोनोअनसैचुरेटेड वसा और जीरो शूगर होती है, जो इसे ब्लड शुगर को नियंत्रण रखने में सहायक बनाती है।इसी कारण वैज्ञानिक बादाम को एक महत्वपूर्ण खाद्य पदार्थ के रूप में एक अच्छा विकल्प मान रहे हैं और इस पर गहनशोध कर रहे हैं।
भारत के विभिन्न क्षेत्रों और विभिन्न आबादी के बीच किए गए कई अध्ययनों से पता चला है कि स्वस्थ आहार में बादामको शामिल करने से बल्ड शुगर में सुधार हो सकता है। अध्ययनों से यह भी पता कि रोजाना बादाम खाने से टाइप 2 शुगरवाले लोगों, प्रीडायबिटीज (जिसे बिगड़ा हुआ ग्लूकोज सहनशीलता भी कहा जाता है) वाले लोगों, अधिक वजन/मोटापेवाले लोगों और प्रीडायबिटीज वाले लोगों को लाभ होता है।
व्यस्कों और किशोरों में प्रीडायबिटीज़ पर शोध
अध्ययनों से पता चला है कि बादाम, स्वस्थ आहार का हिस्सा होने पर, भारत में प्री-डायबिटीज वाले लोगों के लिएफायदेमंद हो सकता है। प्रीडायबिटीज को सामान्य ब्लड शुगर के स्तर पर वापस लाने के लिए आहार संबंधी रणनीतियोंको चिकित्सा विज्ञान में "the holy grail of medicine" कहा जाता है। नई दिल्ली में राष्ट्रीय डायबिटीज ओबेसिटीऔर कोलेस्ट्रॉल फाउंडेशन के डॉ. अनूप मिश्रा और उनकी अनुसंधान टीम द्वारा हाल ही में किए गए दो अध्ययनों में पायागया कि नियमित भोजन से पहले दिन में तीन बार मुट्ठी भर बादाम खाने से प्रीडायबिटीज और अधिक वजन/मोटापे सेपीड़ित है, बल्ड शुगर को कंट्रोल करने के लिए न्यूनतम (तीन दिनों के भीतर) और अधिकतम (तीन महीनों के भीतर) दोनोंतरह से सुधार हुआ है। बादाम उपभोग पर एक महीने तक किए गए अध्ययन ने एक नई दिशा दिखाई है, जिसमें लगभगएक चौथाई (23.3%) प्रतिभागियों ने प्रीडायबिटीज या ग्लूकोज असहनशीलता को सामान्य ब्लड शुगर के स्तर मेंसफलतापूर्वक परिवर्तित कर लिया है।
मुंबई में 275 किशोरों और युवा वयस्कों पर किए गए एक अन्य अध्ययन में बादाम के सेवन से ब्लड शुगर, लिपिडस, इंसुलिन और कुछ सूजन संबंधी संकेतों पर पड़ने वाले प्रभावों को देखा गया। इस अध्ययन में बादाम समूह के प्रतिभागियोंने तीन महीने तक प्रतिदिन लगभग 56 ग्राम भुने हुए बादाम खाए। कैलोरी-रहित नाश्ता करने वाले प्रतिभागियों की तुलनामें बादाम खाने वालों में ब्लड शुगर का स्तर कम था, कुल कोलेस्ट्रॉल और हानिकारक एलडीएल कोलेस्ट्रॉल कम था, जबकि लाभकारी एचडीएल कोलेस्ट्रॉल का स्तर बना हुआ था।
टाइप 2 डायबिटीज
नई दिल्ली में किए गए एक अध्ययन में पाया गया कि बादाम के सेवन से टाइप 2 डायबिटीज (T2D) वाले व्यक्तियों मेंब्लड शुगर नियंत्रण और हृदय स्वास्थ्य दोनों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इस अध्ययन में लगभग 50 एशियाईभारतीय शामिल थे जो टाइप 2 डायबिटीज और उच्च कोलेस्ट्रॉल से पीड़ित थे। उन्होंने अपनी रोजाना कैलोरी का 20 प्रतिशत हिस्सा बिना भुने हुए साबुत बादाम शामिल किए हैं। इस परिवर्तन के परिणामस्वरूप उनके हीमोग्लोबिन A1c (जोलंबे समय तक ब्लड शुगर कंट्रोल का संकेत है) में सुधार हुआ। इसके अलावा टाइप 2 डायबिटीज से जुड़े कई हृदयजोखिम कारकों में भी सकारात्मक बदलाव देखे गए।
मोटापे से पीड़ित वयस्क
चेन्नई स्थित मद्रास डायबिटीज रिसर्च फाउंडेशन के शोधकर्ताओं द्वारा किये गए अध्ययन में 352 एशियाई भारतीयशामिल थे। जो लोग अधिक वजन वाले थे या मोटापे से पीड़ित थे। उन्हें दो समहों में बांट दिया गया। पहले समूह को 12 सप्ताह तक 43 दिनों तक रोजाना बादाम खाने को कहा गया, जबकि दूसरे समूह को अपना सामान्य आहार (रोजानाआहार) खाने को कहा गया। 12 सप्ताह के बाद, बादाम खाने वाले समूह में इंसुलिन प्रतिरोध में कमी, अग्नाशय कीकार्यप्रणाली में सुधार, ब्लड शुगर के स्तर में सुधार और कोलेस्ट्रॉल के स्तर में सुधार देखा गया। जबकि दूसरे समूह मेंऐसा कोई परिवर्तन नहीं देखा गया।
इन अध्ययनों से पता चलता है कि बादाम का सेवन भारत में डायबिटीज को नियंत्रित करने और इंसुलिन प्रतिरोध में सुधारकरने में सहायक हो सकता है। यह एशियाई भारतीयों के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि वे तेजी सेप्रीडायबिटीज और डायबिटीज की ओर बढ़ रहे हैं। इसलिए, भारत में सार्वजनिक स्वास्थ्य में सुधार के लिए बादाम कीखपत बढ़ाना एक प्रभावी रणनीति हो सकती है।
प्राचीन आयुर्वेद में बादाम का महत्व
आयुर्वेद सिद्ध के अनुसार, बादाम का मुख्य कार्य शरीर के सभी कोशिकाओं, विशेष रूप से प्रजनन को मजबूत करना है। इसके अतिरिक्त, सिद्ध अभ्यास से यह अनुमान लगाया गया है कि बादाम मधुमेह और गैस्ट्रिक जलन जैसी अन्य जीवनशैली स्थितियों सहित पुरानी बीमारियों के कारण होने वाली दुर्बलता और कमजोरी पर चिकित्सीय प्रभाव डालते हैं। (13) आयुर्वेद और यूनानी दोनों के अनुसार, बादाम के सेवन से पुरुष बांझपन और यौन प्रदर्शन में कमी पर भी चिकित्सीय प्रभाव पड़ता है, जो आज की दुनिया में तेजी से बढ़ रही स्थिति है। बादाम शरीर के ऊतकों को चिकनाई/नमी प्रदान करता है, तंत्रिका तंत्र को सहारा देता है, ताकत, त्वचा के रंग, मांसपेशियों को बढ़ाता है और कफ को बाहर निकालने में मदद करता है। आयुर्वेद, सिद्ध और यूनानी ग्रंथों के अनुसार, बादाम त्वचा के स्वास्थ्य के लिए अच्छे हैं और त्वचा की चमक बढ़ा सकते हैं।
कैलिफ़ोर्निया बादाम: गुणवत्ता और पोषण का भरोसेमंद स्रोत
अल्मंड बोर्ड ऑफ कैलिफ़ोर्निया 7,600 बादाम किसानों और 101 प्रोसेसर्स का प्रतिनिधित्व करता है, जिनमें से अधिकांशतीसरी और चौथी पीढ़ी के किसान हैं। यह संगठन उच्च गुणवत्ता वाले बादाम के उत्पादन और सतत कृषि पद्धतियों केप्रति समर्पित है। कैलिफ़ोर्निया के बादाम वैश्विक गुणवत्ता मानकों पर खरे उतरते हैं और संभवतः दुनिया के सबसे सुरक्षितऔर संपूर्ण पोषण से भरपूर बादाम माने जाते हैं। अमेरिका के बाद, भारत कैलिफोर्निया बादाम का सबसे बड़ा बाजार है। 2023/24 के आंकड़ों पर नजर डालें तो अमेरिका से भारत में लगभग 400 मिलियन पाउंड बादाम का निर्यात किया गयाहै, जो पिछले साल से 21% ज्यादा है। वास्तव में भारत में बादाम को सबसे अच्छा भोजन माना जाता है और किसी अन्यभोजन को बादाम के बराबर दर्जा नहीं मिल सका है।
यहां बादाम की खेती में फसल की गुणवत्ता को सबसे अधिक महत्व दिया जाता है। अमेरिका का कृषि विभाग नियमित रूप से बादाम की पैकिंग से पहले उसकी जांच करता है, जिसमें बादाम की गुणवत्ता, उसमें मौजूद तत्वों और कीटनाशकों के प्रभाव की भी जांच की जाती है। कैलिफोर्निया की धरती पर पैदा हुआ बादाम यदि यूनाइटेड स्टेट्स डिपार्टमेंट ऑफ एग्रीकल्चर (USDA) की कसौटी पर खरा उतरता है, तो फिर ही उसे फार्म से आपकी प्लेट तक पहुंचने की मंजूरी मिलती है।
• 6 ग्राम प्रोटीन : मांसपेशियों को मजबूत करने और ऊर्जावान बनाए रखने में मददगार
• 4 ग्राम फाइबर : पाचन क्रिया को दुरुस्त रखने के लिए आवश्यक
• 9 ग्राम मोनोअनसैचुरेटेड फैट : हृदय स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद
* 7.3 मिलीग्राम विटामिन ई : त्वचा को चमकदार और झुर्रियों से बचाने में सहायक
• 210 मिलीग्राम पोटैशियम : मांसपेशियों और तंत्रिका तंत्र के कार्यों में सहायक
* 76 मिलिग्राम कैलशियम : हड्डियों और दातों को मजबूत करने वाला विटामिन
• 135 मिलीग्राम फॉस्फोरस : शरीर की उर्जा बनाए रखने के लिए आवश्यक
• 1 मिलीग्राम आयरन : हीमोग्लोबिन और ऑक्सीजन के स्तर को बनाए रखने में मददगार