Punjab की 13 सीटों पर चुने गए सांसद आखिर कौन? क्या है इनका राजनीतिक सफर

Edited By Kamini,Updated: 05 Jun, 2024 03:56 PM

who are the mps elected on 13 seats in punjab

जाब सहित पूरे देश में हुए लोकसभा चुनावों के नतीजे कल घोषित हो चुके हैं। पंजाब में कांग्रेस पार्टी ने 13 सीटों में से 7 सीटों पर अपनी जीत दर्ज की है। वहीं आम आदमी पार्टी ने 3 व शिरोमणि अकाली दल ने एक व आजाद उम्मीदवारों ने 2 सीटों पर जीत हासिल की है।

पंजाब डेस्क : पंजाब सहित पूरे देश में हुए लोकसभा चुनावों के नतीजे कल घोषित हो चुके हैं। पंजाब में कांग्रेस पार्टी ने 13 सीटों में से 7 सीटों पर अपनी जीत दर्ज की है। वहीं आम आदमी पार्टी ने 3 व शिरोमणि अकाली दल ने एक व आजाद उम्मीदवारों ने 2 सीटों पर जीत हासिल की है। आइए जानते हैं इन 13 सीटों पर कौन-कौन सांसद हैं और क्या है उनका राजनीतिक सफर-

पंजाब की 13 सीटों सांसद

1. लुधियाना - लुधियाना में कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग सांसद चुने गए है। 46 वर्षीय जन्मे राजा वड़िंग के पास 15.11 करोड़ की चल-अचल सम्पत्ति है। 2014-18 के बीच राजा वड़िंग यूथ कांग्रेस के प्रधान रहे। 2012 से 2022 के बीच श्री मुक्तसर साहिब की गिद्दड़बाहा सीट से 3 बार विधायक रहे। नवजोत सिद्धू के पंजाब कांग्रेस प्रधान पद से हटाए जाने के बाद वड़िंग को पंजाब प्रधान बनाया गया। कांग्रेस पार्टी ने रवनीत बिट्टू को हराने के लए राजा वड़िंग को चुनाव मैदान में उतारा था।

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2. गुरदासपुर- गुरदासपुर में भी कांग्रेस पार्टी का कब्जा रहा। इस सीट से सुखजिंदर सिंह रंधावा की जीत हुई। 65 वर्षीय सुखजिंदर रंधावा के पास 5.11 करोड़ चल-अचल सम्पत्ति है। संतोख सिंह 2 बार पंजाब कांग्रेस के प्रमुख रहे। 2022 में फतेहगढ़ चूड़ियां व 2012 में डेरा बाबा नानक से जीत हासिल की। वहीं 2019 में पंजाब के डिप्टी सी.एम. चुने गए और गुरदासपुर सीट से सांसद चुने गए हैं।

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3. जालंधर - जालंधर पर भी कांग्रेस पार्टी की जीत हुई है। चरणजीत सिंह चन्नी को यहां से सांसद चुना गया है। 58 वर्षीय चन्नी के पास 9.45 क रोड़ की चल-अचल सम्पत्ति है। चरणजीत चन्नी ने 2002 में खरड़ काउंसिल के अध्यक्ष चुने गए। 2007 में विधानसभा में पहुंचे और 2015-2016 विपक्ष नेता चुने गए।  2017 में चमकौर साहिब में तीसरी बार विधायक बने। 2021 में कैप्टन अमरिंदर सिंह द्वारा सी.एम. पद से इस्तीफा दे दिया और चरणजीत चन्नी को पंजाब सी.एम. पद पर नियुक्त किया गया। आपको बता दें कि 2007 में कांग्रेस पार्टी के तरफ से टिकट न मिलने पर चरणजीत चन्नी ने आजाद उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ा और कांग्रेस के उम्मीदवार को हराकर पहली बार विधानसभा पहुंचे थे। लेकिन इसके बाद उन्होंने ये सीट कांग्रेस को दे दी।

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4. फिरोजपुर- फिरोजपुर सीट से भी कांग्रेस पार्टी की जीत हुई है। इस सीट से शेर सिंह घुबाया सांसद चुने गए हैं। 56 वर्षीय शेर सिंह घुबाया के पास 8.58 करोड़ की चल-अचल सम्पत्ति है। घुबाया 2009 व 2014 में अकाली दल की तरफ से सांसद रहे। 2019 में अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल खुद फिरोजपुर सीट से मैदान में उतरे थे। पार्टी से नाराज हुोकर शेर सिंह घुबाया ने 2019 में कांग्रेस पार्टी ज्वाइन कर ली। इसके बाद वह 2019 में कांग्रेस पार्टी की तरफ से मैदान में उतार जहां से वह हार गए थे। लेकिन इस बार उन्होंने अकाली दल  को हराकर कांग्रेस को बड़ी जीत हासिल करवाई है। 

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5. पटियाला- पटियाला सीट से कांग्रेस उम्मीदवार डॉ. धर्मवीर गांधी सांसद चुने गए हैं। 73 वर्षीय गांधी के पास 8.53 करोड़ चल-अचल सम्पत्ति है।  2013 में धर्मवीर गांधी ने आम आदमी पार्टी ज्वाइन की थी। 2014 में लोकसभा चुनाव में परनीत कौर को हराया था। इसके बाद 2016 में आम आदमी पार्टी को छोड़ कर अपनी पार्टी का निर्माण किया था। इसके बाद 2024 में धर्मवीर गांधी ने कांग्रेस पार्टी ज्वाइन की और पटियाला सीट से जीत हासिल की। 

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6. अमृतसर- अमृतसर सीट से भी कांग्रेस पार्टी की जीत हुई है। इस सीट पर 2 बार सांसद रहे चुके गुरजीत औजला ने तीसरी बार जीत हासिल की है।  51 वर्षीय गुरजीत औजला के पास 4.16 करोड़ रुपए की चल-अचल सम्पत्ति है। औजला ने पार्षद के तौर पर राजनीतिक सफर शुरू किया था। 2017 में कैप्टन अमरिंदर सिंह के पंजाब सी.एम. बनते ही उन्होंने अमृतसर सीट छोड़ दी थी, जोकि गुरजीत औजला के लिए टर्निंग प्वाइंट साबित हुआ। दूसरा चुनाव उन्होंने 2019 में केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी को हराकर जीता। 2024 में भी गुरजीत औजला अमृतसर सीट से सांसद चुने गए। आपको बता दें कि गुरजीत औजला को सिंह इज किंग भी कहा जाता है।  2023 में संसद के अंदर 2 घुसपैठियों ने कलर बम फैंक दिया। इस दौरान सभी उनसे दूर भाग रहे थे लेकिन गुरजीत औजला ने घुसपैठियों पर धावा बोल दिया और कलर बम पकड़ कर संसद से बाहर फैंक दिया था। इस दौरान उनका बोला गया डायलॉग ''पंजाबी कभी भी किसी खतरे से नहीं भागता'' भी काफी चर्चित रहा।

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7. फतेहगढ़ साहिब- फतेहगढ़ साहिब सीट से भी कांग्रेस पार्टी की जीत हुई है। इस सीट से अमर सिंह लगातार दूसरी बार जीते हैं। 65 वर्षीय अमर सिंह के पास 3.28 करोड़ रुपए की चल-अचल सम्पत्ति है।  2013 में रिटायरमेंट के बाद कांग्रेस पार्टी में ज्वाइन की थी।  2017 में रायकोट से विधानसभा का चुनाव लड़ा जिसमें वह हार गए। इसके बाद 2019 में उन्होंने फतेहगढ़ साहिब सीट से चुनाव लड़ा जिसमें उन्हें जीत हासिल हुई। आपको बता दें कि अमर सिंह मध्यप्रदेश में स्थानीय मुख्यमंत्री के सचिव के तौर पर 10 साल तक जुड़े रहे हैं। 

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8. खडूर साहिब- खडूर साहिब से जेल में बैठे अमृतपाल पाल सिंह  जीत हासिल कर सांसद बने है।  31 वर्षीय अमृत पाल के पास 1000 रुपए चल-अचल सम्पत्ति है। आजाद उम्मीदवार के तौर पर लोकसभा चुनाव लड़ने वाले अमृतपाल 2012 से 2022 में विदेश में रहे। विदेश से लौटने के बाद वारिस पंजाब के प्रमुख घोषित किए गए। इसके बाद एनएसए लगाए जाने के बाद असम की डिब्रूगढ़ की जेल में 9 साथियों सहित बंद है। अमृतपाल ने जेल से लोकसभा चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। अमृतपाल के मात-पिता ने घर-घर जाकर वोट की अपील की थी। आपको बता दें कि अमृतपाल सिंह की पहचान भिंड़रावाल 2 के रूप में की जाती है। खालिस्तान का समर्थन करने वाले अमृतपाल ने गृहमंत्री अमित शाह को भी धमकी थी। अमृतपाल विदेश से पंजाबी गायक दीप सिद्धू की बरसी पर आया था। 

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9. फरीदकोट- फरीदकोट सीट से भी आजाद उम्मीदवार सरबजीत सिंह खालसा की जीत हुई है। 45 वर्षीय सरबजीत सिंह खालसा के पास 1.08 करोड़ की चल-अचल सम्पत्ति है। 2004 में सरबजीत ने बठिंडा से पहला लोकसभा चुनाव लड़ा था। इसके बाद 2007 में बरनाला की भदोड़ सीट से विधानसभा चुनाव लड़ा। तीसरी बार कोशिश करने पर सरबजीत सिंह खालसा की फरीदकोट से जीत हुई। आपको बता दें कि सरबजीत सिंह खालसा पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी पर गोलियां चलाने वाले बेअंत सिंह के बेटे है। 

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10. होशियारपुर- होशियारपुर सीट भी आम आदमी पार्टी के झोली में आई है। इस सीट पर डॉ. राज कुमार चब्बेवाल की जीत हुई है।  52 वर्षीय राज कुमार चब्बेवाल के पास 20.72 चल-अचल सम्पत्ति है। 2017 में कांग्रेस टिकट पर पहली बार चुनाव लड़ा और होशियारपुर से विधायक बने। 2022 में कांग्रेस टिकट पर फिर जीत हासिल की। इसके बाद उन्हें कांग्रेस पार्टी ने उन्हें विधानसभा में विपक्ष के उप नेता के तौर पर जिम्मेदारी सौंपी। 2024 में कांग्रेस पार्टी छोड़ी आम आदमी पार्टी की टिकट पर चुनाव लड़ा। आपको बाते दें कि  5 मार्च को बजट सत्र के दौरान चब्बेवाल ने कर्जे के पोटली व ताला-चेन लेकर 'आप' के खिलाफ प्रदर्शन किया था। इसके 10 बाद ही उन्होंने आम आदमी पार्टी ज्वाइन कर ली।

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11. आनंदपुर साहिब- आनंदपुर साहिब से आम आदमी पार्टी की जीत हुई है। इस सीट से मलविंदर सिंह कंग सांसद चुने गए हैं।  45 वर्षीय मलविंदर सिंह कंग के पास 4.39 करोड़ रुपए चल-अचल सम्पत्ति है। मध्यप्रदेश के रहने वाला मलविंदर सिंह कंग 27 सालों से पंजाब में ही रह रहे हैं। आम आदमी पार्टी ने 2 साल पहले कंग को आनंदपुर साहिब निर्वाचन क्षेत्र का प्रभारी नियुक्त किया था और वह पार्टी के अच्छे प्रवक्ता भी है। 

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12. संगरूर- संगरूर सीट से आम आदमी पार्टी की जीत हुई है। इस सीट से कैबिनेट मंत्री गुरमीत सिंह मीत हेयर चुनाव मैदान में उतरे और जीत हासिल की। 32 वर्षीय मीत हेयर के पास 44.06 लाख की चल-अचल सम्पत्ति है। गुरमीत मीत हेयर 2017 में पहली बार आम आदमी पार्टी की टिकट में एमएलए बने। 2022 में इसी सीट से दूसरी बार विधायक चुने गए। बता दें 2019 में संगरूर सीट से सी.एम. भगवंत मान सांसद चुने गए थे। 

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13. बठिंडा- अकाली दल सिर्फ बठिंडा से अपनी जीत हासिल कर पाई है। इस सीट पर हरसिमरत कौर बादल जीत हासिल कर चौथी बार सांसद चुनी गई हैं।  52 वर्षीय हरसिमरत कौर बादल के पास 217  करोड़ की चल-अचल सम्पत्ति है। हरसिमरत कौर बादल बादल परिवार की बहू व मजीठिया परिवार की बेटी है। 2009 में बठंडा से पहली बार सांसद बनी। 2014 व 2019 में भी सांसद चुनी गई। आपको बता दें कि हरसिमरत कौर बादल को पंजाब में सबसे उम्मीदवार होने का खिताब मिला हुआ है। तीन कृषि कानून लागू होने के बाद ही उन्होंने अकाली दल का भाजपा के साथ गठजोड़ खत्म कर दिया। यही नहीं खाद्य एवं प्रसंस्करण मंत्री के पद से भी इस्तीफा दे दिया था। 

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आपको बता दें पहले पंजाब में बीजेपी व अकाली दल गठजोड़ में चुनाव लड़ते रहे हैं, लेकिन इस बार बीजेपी ने अकेली ही 13 सीटों पर चुनाव लड़ने बात कही थी। 2019 में तो बीजेपी ने 2 सीटों पर जीत हासिल कर ली थी लेकिन इस बार तो पंजाब में बीजेपी का सुपड़ा ही साफ हो गया। वहीं अगर बात करें आम आदमी पार्टी को तो 2019 में 'आप' के पास 1 सीट जोकि संगरूर से सी.एम. भगवंत मान जीते थे फिर 2022 में विधानसभा चुनावों के बाद संगरूर में उपचुनाव होने पर वहां अकाली दल ए के सिमरनजीत सिंह मान की हुई। इसके साथ जालंधर में उपचुनाव के दौरान 'आप' के झोली में फिर एक सीट आ गई। लेकिन इस बार 'आप' की 3 सीटों से जीत हुई है। वहीं अकाली एक सीट बचाने में कामयाब हो सकी है। 2019 में अकाली दल के पास 2 सीटें थी। 2019 में अपनी सरकार के समय कांग्रेस 8 सीटों से जीती थी और इस बार 7 सीटों पर जीत हासिल करने में कामयाब रही। वहीं इस चौकाने वाला नतीजा तो 2 सीटों खडूर साहिब व फरीदकोट से रहा जहां आजाद उम्मीदवारों की जीत हुई है।

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