Edited By Punjab Kesari,Updated: 31 Aug, 2017 10:18 AM
सरकार की तरफ से नीले कार्ड धारकों को दी जा रही 2 रुपए किलो गेहूं में विभाग के इंस्पैक्टरों के आशीर्वाद से किया घोटाला आज उस वक्त सामने आया
टांडा (जसविन्द्र): सरकार की तरफ से नीले कार्ड धारकों को दी जा रही 2 रुपए किलो गेहूं में विभाग के इंस्पैक्टरों के आशीर्वाद से किया घोटाला आज उस वक्त सामने आया जब एक गोदाम के अंदर गेहूं को ढेरी करके अच्छी और गंदी गेहूं कथित तौर पर मिला कर सरकारी बोरियों में दोबारा पैक करके इन्हें सरकारी डिपुओं में गरीबों के खाने के लिए सप्लाई किया जा रहा था।
इस सरकारी गोदाम अंदर चल रहे इस धंधे का भंडाफोड़ उस वक्त हुआ जब प्रैस की टीम को यहां चल रहे इस गेहूं मिक्सिंग घोटाले की खबर मिली।पनग्रेन के इस सरकारी गोदाम में करीब सवा लाख बोरी पंजाब सरकार की लगी हुई है जिसमें हजारों बोरियां अब तक खराब तथा गल-सड़ चुकी हैं। वहां उपस्थित चौकीदार से पता चला कि यह गोदाम इंस्पैक्टर सुशील कुमार की अगुवाई में काम कर रहा है तथा यह अच्छी-गंदी गेहूं मिलाने का कार्य भी हमें इंस्पैक्टर ने सौंपा है। इस संबंधी उनके पास कोई लिखित आर्डर को पूछा तो उन्होंने साफ इंकार कर दिया तथा जैसे ही पत्रकारों की टीम जांच के लिए आगे बढ़ी तो यह गली-सड़ी गेहूं को साफ गेहूं में मिलाने का कार्य कर रहे मजदूर कैमरे की आंख से बचते हुए दौड़ते नजर आए। इस दौरान देखा कि टांडा के कलोआ गांव के गोदाम में गेहूं मिक्स करने का काम पूर्ण सफाई से किया जा रहा था तथा मिक्स करने के बाद यह गेहूं दोबारा फिर पंजाब सरकार के नए बारदाने में भरा जा रहा था।
सरकारी गोदाम अंदर पंखे द्वारा की जा रही गेहूं की सफाई संबंधी चौकीदार ने अहम खुलासा करते हुए बताया कि पंजाब सरकार की तरफ से जो गेहूं की नई सरकारी बोरियां खरीदी जाती हैं उनमें बंबू लगाकर अच्छी गेहूं निकाल ली जाती है तथा उस बोरी ऊपर दोबारा पानी का छिड़काव करके उसका वजन दोबारा 30 किलो कर दिया जाता है तथा बढ़ी हुई गेहूं को गली गेहूं निकाल कर उसमें मिक्स कर दिया जाता है। इस धंधे के संबंध में जब इंस्पैक्टर सुशील कुमार से बात की तो उन्होंने पहले तो गेहूं न खराब होने की बात की किन्तु बाद में जब पूछा गया कि सरकारी गोदाम में पंखा तथा अन्य साधनों द्वारा गेहूं को मिक्स करके दोबारा बोरियों में भरने का मामला कैमरे में कैद है तो उन्होंने पत्रकारों के सवालों से बचना ही ठीक समझा।गरीब तथा जरूरतमंद लोगों को आटा-दाल स्कीम तहत दी जा रही इस गेहूं में हो रहे घोटाले संबंधी डी.एफ.एस.सी. श्रीमती रजनीश कौर को पूछा तो उन्होंने कहा कि उच्चाधिकारियों की टीम का गठन करके मामले की जांच की जाएगी तथा जल्द ही नुक्सान का अनुमान लगाकर संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। वर्णनीय है कि आखिर पंजाब सरकार की बोरियों में होती इस घपलेबाजी से इंसानी जिंदगियों से खिलवाड़ कब तक होता रहेगा तथा सरकार मिलीभुगत द्वारा यह खाली बारदाना आखिर किस अधिकारी या कर्मचारी के इशारे पर पूरा होगा। यह सवाल जनता के जहन में घर कर चुका है।