Edited By Punjab Kesari,Updated: 04 Apr, 2018 02:07 PM
केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल की तरफ से पंजाब में चुनावों से पहले बांटी गई ग्रांटे सिर्फ ‘राजनीतिक जुमला’ ही साबित हुई हैं। तलवंडी साबो के दर्जनों गांवों को मतदान से पहले संसदीय कोटे में से फंड में से ग्रांटे हरसिमरत कौर बादल द्वारा बांटी गई थी।...
जालंधर/बठिंडाः केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल की तरफ से पंजाब में चुनावों से पहले बांटी गई ग्रांटे सिर्फ ‘राजनीतिक जुमला’ ही साबित हुई हैं। तलवंडी साबो के दर्जनों गांवों को मतदान से पहले संसदीय कोटे में से फंड में से ग्रांटे हरसिमरत कौर बादल द्वारा बांटी गई थी। अब करीब 75 लाख रुपए के ग्रांट वापिस ले ली गई है।
उल्लेखनीय है कि ब्लाक तलवंडी साबो और संगत मंडी में दर्जनों गांवों में जनरल और दलित वर्ग की धर्मशाओं को 30 से 40 हजार रुपए के फंड दिए गए थे, जबकि संसदीय कोटा नियमों के अनुसार इतने कम फंड देने की इजाजत नहीं देता। करीब 75 लाख के फंड गांवों और शहरों से वापस ले लिए गए हैं।
वर्ष 2016 के सितम्बर, अक्तूबर और नवंबर माह में ग्रांटें जारी की गई थी। इनका प्रचार फरवरी -2017 की मतदान में शिरोमणी अकाली दल की तरफ से किया गया था। सांसदीय कोटे के फंड के वितरण संबंधी जो दिशा निर्देश हैं, उनके अनुसार कम से -कम एक लाख रुपए का अनुदान दिया जा सकता है।
इससे कम की अनुदान के साथ धर्मशालाओं का निर्माण संभव नहीं है। एयर फोर्स स्टेशन भिसियाना को दिए 15 लाख रुपए के फंड भी वापस आ गए हैं। इनके रास्ते में तकनीकी अड़चन आ गई। केंद्रीय मंत्री के संसदीय कोटे के साल 2017 -18 की पहली किश्त ढाई करोड़ आ चुकी है और 75 लाख के फंड वापस ले लिए गए हैं। इस कारण अब संसदीय कोटे के करीब सवा तीन करोड़ के फंड मौजूद हैं।