Edited By Punjab Kesari,Updated: 29 Aug, 2017 12:47 AM
देश में हरियाणा और पंजाब ही ऐसे राज्य हैं, जिनके पास अपनी कमांडो बटालियन....
पंचकूला/चंडीगढ़: देश में हरियाणा और पंजाब ही ऐसे राज्य हैं, जिनके पास अपनी कमांडो बटालियन है। इनकी सीधी भर्ती होती है। हरियाणा में लंबे समय से इस बटालियन के लिए जवान भर्ती ही नहीं किए गए। स्थिति यह है कि अब कमांडो की दो बटालियन को एक बटालियन में मर्ज कर दिया गया है। भर्ती न होने की वजह से अब डैपुटेशन पर ही जवान जुटाए जा रहे हैं।
इसका परिणाम यह निकला कि एक समय आतंकवादियों का मुकाबला करने वाली कमांडो बटालियन इस वक्त इतनी कमजोर हो गई कि राज्य के अंदर बिगड़ी कानून व्यवस्था को संभालने के लिए भी पर्याप्त नहीं है। कमांडो के उच्च सूत्रों के मुताबिक दो बार सरकार को कमांडो में भर्ती करने के लिए पत्र लिखा गया है। पहले एक-एक हजार जवान भर्ती करने का आग्रह किया गया था। पिछले दिनों भी छह सौ जवान भर्ती करने का आग्रह किया था लेकिन इस पत्र पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। गृह विभाग के सीनियर अधिकारी ने बताया कि कमांडो की भर्ती की जाएगी। इसके लिए इसी साल प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।
1988 में बनी थी बटालियन
1988 में तत्कालीन सी.एम. चौधरी बंसी लाल ने कमांडो बटालियन स्थापित की थी। करनाल के नेवल में सैंटर था। जवानों को विशेष प्रशिक्षण दिया जाता था। इसमें आंतरिक गड़बड़ी से लेकर बड़े हमले से निपटने के लिए विशेष तौर पर प्रशिक्षित किया जाता था।
इसलिए महत्वपूर्ण है बटालियन
गठन के पहले ही साल बटालियन ने दरियापुर कांड और गूहला चीका कांड में अपनी बहादुरी दिखाई। रामपाल की गिरफ्तारी के दौरान भी कमांडो दस्ते ने खासी बहादुरी दिखाई थी। कई खूंखार आतकवादियों को इस बटालियन के जवानों ने मार गिराया था। बाद में इस बटालियन में जिलों से जवानों को लाया जाने लगा।