भारत -पाक तल्ख रिश्तों का असर,अकसर खाली रहती हैं यह बस

Edited By Updated: 25 May, 2017 12:45 PM

the impact of indo pak relations  often it remains empty

भारत-पाक रिश्तों में मजबूती के लिए 2006 में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह द्वारा 40 सीटों वाली अमृतसर-ननकाना साहिब बस सेवा को हरी झंडी दिखाई गई थी। तब से लेकर अब तक भारत-पाक के बिगड़ते रिश्तों का असर इस बस सेवा पर भी पड़ा है। कभी वह समय था जब दोनों...

अमृतसरःभारत-पाक रिश्तों में मजबूती के लिए 2006 में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह द्वारा 40 सीटों वाली अमृतसर-ननकाना साहिब बस सेवा को हरी झंडी दिखाई गई थी। तब से लेकर अब तक भारत-पाक के बिगड़ते रिश्तों का असर इस बस सेवा पर भी पड़ा है। कभी वह समय था जब दोनों देशों के लोग इस बसों में सफर करने के लिए उत्सुक थे। पर अब यह बस लंबे समय से सवारियों के लिए तरस रही है।


इस बस को शुरू करने का मुख्य उद्देश्य दोनों देश के लोगों में आपसी सांझ को बढ़ावा देना था। भारत द्वारा इस को बस शुरू करने के बाद पाक ने दोस्ती बस को शुरू किया था। एक-दूसरे के देश आने-जाने के लिए आम नागरिकों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इसमें सबसे बड़ी समस्या वीजा न मिलना,दोनों देशों के बीच बिगड़ते संबंध तथा कई  अन्य कारण है।  सुरक्षा के मद्देनजर बस में एक यात्री न होने पर भी उसके साथ 10 सुरक्षा कर्मियों का पायलट वाहन चलता है।


 मई माह में पंज-आब में सिर्फ 2 यात्रियों ने अमृतसर से लाहौर तक का सफर तय  किया है। यहीं हाल भारत-पाक के बीच चलने वाली अन्य बसों का है। इस संबंधी पंजाब रोडवेज के अधिकारी का कहना है कि कभी वक्त तथा जब इन बसों के लिए टिकट वेटिंग में होती थी,पर अब हालात बिल्कुल उलट हैं। इस बसों से जुड़े 3 भारतीय चालकों में से 2 ने पाक में वीजे के लिए अप्लाई किया हुआ है। अभी तक वह अपने वीजे का इंतजार कर रहे हैं। 

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!