Edited By Punjab Kesari,Updated: 23 Oct, 2017 01:43 PM
केन्द्र सरकार की एक देश-एक टैक्स योजना को एक बड़ा झटका लगने की संभावनाएं एकाएक जोर पकडऩे लगी है, जिसका मुख्य कारण पैट्रोलियम पदार्थों को जी.एस.टी. (गुड्स एंड सर्विस टैक्स) के घेरे से बाहर रखे जाना बताया जा रहा हैं। इसका सीधा असर आम जनता को पड़ रही...
लुधियाना (खुराना): केन्द्र सरकार की एक देश-एक टैक्स योजना को एक बड़ा झटका लगने की संभावनाएं एकाएक जोर पकडऩे लगी है, जिसका मुख्य कारण पैट्रोलियम पदार्थों को जी.एस.टी. (गुड्स एंड सर्विस टैक्स) के घेरे से बाहर रखे जाना बताया जा रहा हैं। इसका सीधा असर आम जनता को पड़ रही महंगाई की मार के रूप में देखा जा सकता है।
पैट्रो पदार्थों की लगातार बढ़ रही कीमतों को लेकर गत दिनों मोदी सरकार को देश की जनता के विरोध का सामना करना पड़ रहा है जिसे लेकर केन्द्रीय पैट्रोलियम मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने देशवासियों को भरोसा दिलाया कि जल्द ही पैट्रोल व डीजल की कीमतों पर काबू पाने के लिए उचित कदम उठाए जाएंगे व इन्हें जी.एस.टी. योजना के घेरे में लाकर लोगों को बड़ी राहत दी जाएगी। उक्त मुद्दे को लेकर चाहे केन्द्र सरकार ने पैट्रो पदार्थों की कीमतों में करीब 2 रुपए प्रति लीटर की कटौती करते हुए राज्य सरकारों के पाले में गेंद फैंकते हुए आदेश जारी कर दिए कि वे अपने राज्यों में पैट्रोल व डीजल पर लगाए जा रहे वैट में कटौती कर लोगों को राहत प्रदान करें जिसे लेकर पंजाब के पड़ोसी राज्य हरियाणा, हिमाचल व चंडीगढ़ आदि में पैट्रोल व डीजल पर लगने वाले वैट में कटौती कर दी गई है।
लेकिन इसे लेकर पैट्रो पदार्थों की स्मगलिंग होने की चर्चा चरम सीमा पर आ पहुंची है क्योंकि पंजाब में वैट में कटौती न होने के कारण उक्त पड़ोसी राज्यों में पैट्रोल व डीजल की कीमतें पंजाब के मुकाबले काफी कम हो चुकी है। सूत्रों से मिली पैट्रो पदार्थों की हो रही स्मगलिंग की बात को सही मान लिया जाए तो यह राज्य के पैट्रोल पंप मालिकों के कारोबार पर गहरी चोट से कम नहीं आंका जाएगा।