हैदराबाद की फैक्ट्री में तैयार हो रही सिंथैटिक ड्रग्स पहुंच रही पंजाब में

Edited By swetha,Updated: 03 Mar, 2019 10:06 AM

synthetic drugs

पंजाब बार्डर पर नशा तस्करी पर रोक लगाने के लिए बी.एस.एफ. द्वारा की गई सख्ती के बाद नशे की सप्लाई कम हो गई और दूसरी तरफ डिमांड में बढ़ौतरी हो गई थी।

जालंधर(कमलेश): पंजाब बार्डर पर नशा तस्करी पर रोक लगाने के लिए बी.एस.एफ. द्वारा की गई सख्ती के बाद नशे की सप्लाई कम हो गई और दूसरी तरफ डिमांड में बढ़ौतरी हो गई थी। डिमांड का पता चलने पर दूसरे राज्यों में बैठे ड्रग्स के किंगपिन ने पंजाब में तस्करी का नया तरीका निकाल लिया।  सूत्रों की माने तो हैदराबाद की एक फैक्ट्री में सिंथैटिक ड्रग्स तैयार हो रही है, जिसको सड़क के रास्ते दिल्ली तक पहुंचाया जाता है। सूत्र यह भी बताते हैं कि दूसरे देशों से सी-रूट के जरिए भी ड्रग्स भारत में एंट्री हो रही है। 

किंगपिन पंजाब में ड्रग्स को पहुंचाने के लिए नाइजीरियन, जिनको प्रत्येक डिलीवरी के हिसाब से पैसे दिए जाते हैं, का सहारा ले रहे हैं। पिछले कुछ महीनों में जालंधर रूरल पुलिस ने ड्रग्स की बड़ी रिकवरी की है और ज्यादातर मामलों में नाइजीरियन ड्रग पैडलर्ज शामिल थे। काबू नाइजीरियन ड्रग पैडलर्ज से हुई इन्वैस्टीगेशन के आधार पर जालंधर रूरल पुलिस ने दिल्ली पुलिस के साथ मिलकर दिल्ली के इलाकों में भी रेड की और वहां से ड्रग्स पैडलर्ज को काबू भी किया, लेकिन पुलिस अब तक हैदराबाद में चल रही फैक्ट्री तक पहुंच पाने में कामयाब नहीं हो पाई है।

सिंथैटिक ड्रग्स कुछ ही दिनों में ले लेती है व्यक्ति की जान
संयुक्त राष्ट्र कार्यालय के अनुसार सिंथैटिक ड्रग्स वे पदार्थ हैं जो पूरी तरह से एक प्रयोगशाला में कैमिकल से बनाए जाते हैं। सिंथैटिक ड्रग्स लेने वाले व्यक्ति  भ्रम, अवसाद, नींद की समस्या, ड्रग्स की लालसा और मांसपेशियों में तनाव, दांतों के दब जाने, धुंधली दृष्टि, बेहोशी और ठंड लगने जैसे अवसादों से जूझ सकते हैं और कुछ ही दिनों में  उनकी जान चली जाती है।

कहां हो रही है चूक?
पंजाब में नशे की रोकथाम के लिए ही बी.एस.एफ. ने बार्डर पर सख्ती कर दी थी लेकिन इसके बाद भी पंजाब में ड्रग्स की एंट्री कहीं न कहीं चूक की ओर इशारा कर रही है। नाइजीरियन ड्रग पैडलर्ज के केस में देखा जाता है कि ज्यादातर नाइजीरियन स्टडी वीजा और टूरिस्ट वीजा पर भारत आते हैं और वीजा खत्म होने के बाद भी भारत में ही रुके रहते हैं। ऐसे ही नाइजीरियन ड्रग ट्रेड में जुड़ रहे हैं और इसी चीज पर रोकथाम न होना बड़ी चूक है।विदेशी छात्रों की एटैंडैंस पर होना चाहिए रैगुलर चैक
सूत्रों की माने तो विदेशी छात्रों की आपराधिक एक्टीविटीज पर रोक लगाने के लिए कालेजों और पुलिस दोनों को उनकी एटैंडैंस पर रैगुलर चैक रखना चाहिए। नाइजीरियन छात्रों को ड्रग्स से जुड़े हुए लोग अपने झांसे में ले लेते हैं और पैसे का लालच देकर उनसे ड्रग्स की तस्करी कराना शुरु कर देते हैं। ऐसे ही कुछ छात्र अपनी पढ़ाई बीच में छोड ड्रग ट्रेड में जुड़ जाते हैं।

नाइजीरियन से इन्वैस्टीगेशन में भाषा बनती है रोड़ा
नाइजीरियन से इन्वैस्टीगेशन में भाषा बहुत बड़ा रोड़ा बनती है। पुलिस सूत्रों का कहना है कि गिरफ्तार किए गए नाइजीरियन पैडलर्ज से कोई भी टिप लेना पुलिस के लिए मुश्किल कड़ी बन जाता है और इसके चलते किंगपिन तक पहुंचना पुलिस के लिए मुश्किल हो रहा है।

नाइजीरियन के पुलिस की नजर में आने के बाद बदला जा सकता है तरीका
पुलिस ड्रग्स की डिलीवरी के लिए प्रयोग किए जा रहे नाइजीरियन ट्रिक को समझ चुकी है और इसके चलते इस ट्रिक को चेंज भी किया जा सकता है। पुलिस को अब नजर रखनी होगी कि कहीं किसी दूसरे जरिए से तो ड्रग्स की डिलीवरी नहीं की जा रही।

पुलिस नाइजीरियन नैक्सस को खत्म करने के लिए तत्पर
एस.एस.पी. जालंधर रूरल नवजोत सिंह माहल का कहना है कि पुलिस ड्रग्स से जुड़े नाइजीरियन नैक्सस को खत्म करने के लिए तत्पर है। जालंधर रूरल पुलिस कई बार दिल्ली से भी तस्करों को कई बार गिरफ्त में ले चुकी है। अब जो तस्कर दिल्ली को अपना बसेरा बनाए बैठा हुआ था, इसके बारे में दिल्ली पुलिस को तुरंत पत्र लिख सूचित किया जाता है। दिल्ली पुलिस नैक्सस को खत्म करने में पूरी सहायता कर रही है।

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