किसान आत्महत्या मामले में मनप्रीत बादल पर भी हो पर्चा दर्ज : सुखबीर बादल

Edited By Punjab Kesari,Updated: 27 Jul, 2017 10:12 AM

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शिरोमणि अकाली दल के प्रधान सुखबीर स्ंिाह बादल ने आज राज्य में किसान आत्महत्याओं के रुझान को नकेल डालने के लिए सभी किसानी कर्जों को तुरंत माफ किए जाने की मांग की है।

अमृतसर (पुरी): शिरोमणि अकाली दल के प्रधान सुखबीर सिंह बादल ने आज राज्य में किसान आत्महत्याओं के रुझान को नकेल डालने के लिए सभी किसानी कर्जों को तुरंत माफ किए जाने की मांग की है। इसके साथ ही उन्होंने कांग्रेस सरकार को कहा है कि वह किसान मेजर सिंह के परिवार को मुआवजा और नौकरी दे। 


विगत 4 महीनों में हुई 150 किसानों की आत्महत्याओं के बाद आत्महत्याओं के इस रुझान के लिए केवल कांग्रेस सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए बादल ने वित्तमंत्री मनप्रीत बादल को पूछा कि वह जवाब दें कि उसने कर्ज माफी के नाम पर किसानों के साथ धोखा क्यों किया? उन्होंने कहा कि कर्ज माफी का विचार मनप्रीत बादल की उपज है। मनप्रीत ने ही कांग्रेस के चुनाव मैनीफैस्टो में कर्ज माफी को शामिल करवाया था और यह भी कहा था कि वह वित्तमंत्री रह चुके होने के कारण जानता है कि इसको कैसे लागू किया जा सकता है, परंतु जब बजट में इसको लागू करने का समय आया तो उसने सिर्फ 1500 करोड़ रुपए का ऐलान करके अपना पल्ला झाड़ दिया। इतना ही नहीं, यह मामूली राशि भी अभी जारी नहीं की गई। ऐसा करना किसानों को धोखा देने के बराबर है, जिसके लिए उसके खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज किया जाना चाहिए। उन्होंने आत्महत्या करने वाले किसान मेजर सिंह के परिवार को मिलने के बाद ऐलान किया कि उन्होंने अकाली दल के सभी जिला प्रधानों को आत्महत्या पीड़ित परिवारों को मिलने का निर्देश दे दिया है। उन्होंने कहा कि जिला प्रधान इन परिवारों से शपथ-पत्र लेंगे कि क्या उनको वायदे मुताबिक 10 लाख रुपए का मुआवजा और एक सरकारी नौकरी दी गई है या नहीं? पीड़ित परिवार ने अकाली दल के प्रधान को बताया कि उन्होंने इस उम्मीद के साथ कांग्रेस पार्टी को वोट दी थी कि वायदे मुताबिक उन का कर्ज माफ हो जाएगा। 


उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार बनने बाद में कर्ज माफी के मुद्दे पर सरकार के रोज बदलते बयानों को पढ़ कर मेजर स्ंिाह निराश होना शुरू हो गया था। उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री द्वारा कर्ज माफी के लिए सिर्फ 1500 करोड़ रुपए रखने का जो भद्दा मजाक किया गया था, उस के साथ मेजर सिंह यकीन हो गया थी कि उस का कर्ज माफ नहीं होगा और दुखी हो कर उसने जान देने का फैसला कर लिया। सुखबीर बादल ने कहा कि यही मुख्य वजह थी जिस कारण अकाली दल ने यह मांग की थी कि वित्त मंत्री विरुद्ध मेजर सिंह को आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया जाए। उन्होंने कहा कि मुख्य मंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह द्वारा विधान सभा में मुकम्मल कर्ज माफी के लिए की वचनबद्धता को अमली जामा पहनाने में वित्त मंत्री बुरी तरह नाकाम रहा है। उन्होंने कहा कि इससे भी दुख की बात यह है कि किसानों के 1500 करोड़ रुपए माफ करने के वायदे को भी पूरा नहीं किया गया। इस संबंधी सरकार द्वारा अभी तक कोई नोटिफिकेशन जारी नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि जब तक कांग्रेस सरकार मुख्य मंत्री द्वारा किए मुकम्मल कर्ज माफी के वायदे को पूरा नहीं करती, अकाली दल चैन के साथ नहीं बैठेगा। उन्होंने कहा कि इस संबंधी पार्टी जल्द ही एक आंदोलन की रूपरेखा बनाएगी। उन्होंने इस मौके मेजर सिंह के सिर चढ़े सभी कर्जे को तुरंत माफ करने की मांग की। उन्होंने कहा कि मेजर सिंह के परिवार ने बताया है कि उस ने राष्ट्रीयकृत बैंकों, सहकारी बैंकों और आढ़तियों से कर्ज लिया था। बादल ने यह भी मांग की कि पीड़ित परिवार को 10 लाख रुपए का मुआवजा और आत्महत्या पीड़ित के बेटे को पुलिस इंस्पैक्टर की नौकरी दी जाए।


सुखबीर बादल ने कहा कि कितनी शर्मनाक बात है कि स्थानीय कांग्रेसी विधायक पीड़ित परिवार के साथ दुख सांझा करने के लिए भी नहीं आया। उन्होंने कहा कि भारत के इतिहास में पहली बार यह बात घटी है कि एक किसान ने अपने आत्महत्या नोट में लिखा है कि उस ने एक पार्टी को इस लिए वोट पाई थी, क्योंकि पार्टी ने कर्ज माफी का वायदा किया था। उन्होंने कहा कि मुझे परिवार ने बताया है कि एक डी.एस.पी. स्तर का अधिकारी उनके घर आया था और उस ने 3 लाख रुपए और एक सरकारी नौकरी की पेशकश की थी। बादल ने कहा कि एक डी.एस.पी. स्तर का अधिकारी, जिस को अपनी तैनाती बारे भी कोई भरोसा नहीं होता वह कैसे ऐसी पेशकश कर सकता है? उन्होंने कहा कि यह पेशकश शर्तिया मुख्य मंत्री के दफ्तार से आई होगी। बादल ने यह भी मांग की कि राज्य सरकार कर्ज माफी का वायदा पूरा करने के लिए किसानों की तरफ से भरे गए उन्हीं फार्मों का इस्तेमाल करे, जो कांग्रेस पार्टी द्वारा चुनावों से पहले भरवाए गए थे। उन्होंने कहा कि सरकार यह दावा कर रही है कि उस के पास किसानों के कर्जे वाले खातों के आंकड़े नहीं हैं, यह सरासर बहाना है। सरकार को तुरंत मुकम्मल कर्ज माफी के अमल को सिरे चढ़ाने के लिए किसानों की तरफ से भरे फार्मों का इस्तेमाल करना चाहिए।


पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया ने एक-एक किसान की मौत के लिए वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल को जिम्मेदार ठहराते उनके विरुद्ध किसानों को आत्महत्या की लिए उकसाने का पर्चा दर्ज करने की मांग की।  

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