Edited By Vatika,Updated: 06 Oct, 2018 08:48 AM
गन्ना काश्तकारों प्रति प्राइवेट शूगर मिलों ने अडिय़ल रवैया अपनाया हुआ है। उनके द्वारा गन्ने का सर्वे व बाऊंड करने में आनाकानी की जा रही है जिससे गन्ना काश्तकारों में अफरा-तफरी पाई जा रही है। उनको यह चिंता सता रही है कि उनका गन्ना कहीं खेतों में ही न...
होशियारपुर (घुम्मण): गन्ना काश्तकारों प्रति प्राइवेट शूगर मिलों ने अडिय़ल रवैया अपनाया हुआ है। उनके द्वारा गन्ने का सर्वे व बाऊंड करने में आनाकानी की जा रही है जिससे गन्ना काश्तकारों में अफरा-तफरी पाई जा रही है। उनको यह चिंता सता रही है कि उनका गन्ना कहीं खेतों में ही न खड़ा रह जाए। दूसरी तरफ सरकार की खामोशी भी किसानों को सताने लगी है। किसानों द्वारा लगाया गया गन्ना अब उनको कड़वा लगने लगा है।
पंजाब में चल रही 7 प्राइवेट शूगर मिलें, जिनकी सामथ्र्य पंजाब की 9 सहकारी को-ऑप्रेटिव मिलों से कहीं ज्यादा है, पेराई करने में भी आगे रहती हैं। प्राइवेट मिलें लगभग 80 प्रतिशत गन्ने की पेराई करती हैं। प्राइवेट मिलों की तरफ से अगर अपने रवैये में तबदीली न लाई गई तो ऐसी स्थिति में किसानों की खुदकुशियों का दौर पुन: शुरू हो जाएगा। सरकार की खामोशी भी सवालिया घेरे में है कि वह गन्ना काश्तकारों की इस समस्या के लिए प्राइवेट मिलों को कोई हिदायत क्यों नहीं दे रही। अगर सरकार ने समय रहते खामोशी न तोड़ी तो पंजाब सरकार को किसानों के गुस्से का शिकार होना पड़ेगा। सिर पर आ रहे 2019 के लोकसभा चुनाव सरकार के गले की हड्डी बन सकते हैं। किसानों की नाराजगी इनका तख्ता पलट सकती है। बम्पर फसल को उठाने के लिए किसान 15 दिन पहले मिलें चलाने की मांग कर रहे हैं परंतु सरकार की तरफ से इस तरफ कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा।
बेलने वालों ने मचाई लूट
प्राइवेट मिलों की तरफ से अपनाए जा रहे रवैये कारण मिनी शूगर मिल कहलाते बेलने वाले भी अपने तेवर बदल चुके हैं। गन्ने का रेट, जो पिछले साल 310 रुपए क्विंटल था, आज उसे वे 220 रुपए में खरीद रहे हैं। किसानों को पिछले रेट से 90 रुपए कम दिए जा रहे हैं, जिसको लेकर किसानों में हाहाकार मची हुई है। किसान अगले साल गन्ने से मुंह मोड़ कर अन्य रिवायती फसलें अपनाने के लिए जहां मजबूर होंगे वहीं प्राइवेट शूगर मिलों को भी पिछले सालों की तरह बाहर से गन्ना मंगवाने के लिए मजबूर होना पड़ सकता है।
क्या कहते हैं सहायक केन कमिश्नर
इस संबंध में जब सहायक केन कमिश्नर पंजाब बलबीर चंद के साथ बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि नकोदर व भोगपुर शूगर मिलों की तरफ से गन्ने का सर्वे करके गन्ना बाऊंड किया जा रहा है। भोगपुर मिल के पास 50 लाख क्विंटल गन्ना सरप्लस है। ए.बी. शूगर मिल दसूहा को भी 2-3 पत्र भेजे जा चुके हैं कि किसानों का गन्ना बाऊंड किया जाए ताकि उनको किसी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े। उन्होंने कहा कि पिछले सप्ताह केन कमिश्नर पंजाब की तरफ से दसूहा शूगर मिल का दौरा किया गया था। उन्होंने शूगर मिल से सर्वे संबंधी रिपोर्ट जल्द मांगी है। उन्होंने कहा कि केन कमिश्नर की तरफ से जिन मिलों के पास गन्ना सरप्लस है, उनका गन्ना जल्द ही दूसरी मिलों को अलॉट किया जाएगा।