Edited By Updated: 15 Feb, 2017 08:45 AM
पिछले कई दिनों से स्ट्रांग रूमों में रखी गई ई.वी.एम्ज की सुरक्षा को लेकर आम आदमी पार्टी द्वारा उठाए गए सवालों को लेकर जिला प्रशासन द्वारा चुनाव आयोग के पास अपनी तरफ से उठाए गए सारे कदमों की एक एक्शन टेकन रिपोर्ट भेजी गई है।
जालंधर(अमित): पिछले कई दिनों से स्ट्रांग रूमों में रखी गई ई.वी.एम्ज की सुरक्षा को लेकर आम आदमी पार्टी द्वारा उठाए गए सवालों को लेकर जिला प्रशासन द्वारा चुनाव आयोग के पास अपनी तरफ से उठाए गए सारे कदमों की एक एक्शन टेकन रिपोर्ट भेजी गई है। डी.सी. दफ्तर के सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार बकायदा फोटोग्राफ्स के साथ भेजी गई विस्तृत रिपोर्ट के अंदर प्रशासन ने स्ट्रांग रूमों में ई.वी.एम. की सुरक्षा व्यवस्था को पुख्ता बताया है।
डी.सी. ने लिया सुरक्षा प्रबंधों का जायजा
जिला चुनाव अफसर-कम-डी.सी. कमल किशोर यादव ने एक बार फिर से डी.एल.आर. दफ्तर में जाकर ई.वी.एम. की सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को आदेश जारी किए कि दूसरे और तीसरे सुरक्षा घेरे के अंदर मोबाइल फोन के प्रवेश पर पूर्ण पाबंदी लागू की जा रही है। डी.सी. ने दूसरे घेरे में प्रवेश करने से पहले पूरे रास्ते में बैरीकेड लगाने की हिदायतें जारी की जिनका पालन करते हुए तुरंत ही सारे रास्ते में बैरीकेड लगाकर रास्ता ब्लाक कर दिया गया। जैसे ही डी.सी. डी.एल.आर. दफ्तर पहुंचे वहां पर पहले से मौजूद आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार और समर्थकों ने डी.सी. से शिकायत लगाई कि जिस टैंट में उनके बैठने का प्रबंध किया गया है वहां पर काफी सर्दी लगती है, क्योंकि टैंट चारों तरफ से खुला है।
खासतौर पर रात के समय यहां रुकना काफी मुश्किल है। डी.सी. ने मौके पर ही आदेश जारी किया कि टैंट को चारों तरफ से जमीन से लेकर ऊपर तक कवर किया जाए, ताकि हवा और सर्दी से बचाव हो सके।
‘आप’ के ताला लगाने के अनुरोध को डी.सी. ने ठुकराया
आम आदमी पार्टी द्वारा स्ट्रांग रूम्स के बाहर अपने ताले लगाने और पेपर सील लगाने के अनुरोध को डी.सी. ने साफ तौर पर मना कर दिया। डी.सी. ने कहा कि हालांकि उनके पास उक्त अनुरोध लिखित नहीं आया है, मगर फिर भी मौजूदा समय में उक्त बात किसी भी सूरत में संभव ही नहीं है, क्योंकि स्ट्रांग रूम अब उनके नियंत्रण में नहीं हैं। सारे स्ट्रांग रूम 4 फरवरी की रात और 5 फरवरी की सुबह के बीच पैरा-मिलिट्री फोर्स के हवाले किए जा चुके हैं। इन स्ट्रांग रूम्स को खोलना या नया लॉक लगाने का सवाल ही पैदा नहीं होता, क्योंकि जिस जगह लॉक लगाए गए हैं वहां पर अन्य ताला लगाने की जगह ही नहीं है औरचुनाव आयोग की तरफ से ऐसी कोई हिदायत भी जारी नहीं की गई है, जिसके तहत कोई भी पार्टी अपना ताला लगा सके। इसके अलावा स्ट्रांग रूम्स को केवल दो ही स्थितियों में खोला जा सकता है।पहली स्थिति जब स्ट्रांग रूम्स के अंदर रखी ई.वी.एम. किसी वजह से खराब हो सकती हों या फिर दूसरी जब काऊंटिंग के लिए उन्हें बाहर निकाला जाना है। उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में चुनाव आयोग की तरफ से स्पष्ट निर्देश जारी किए गए हैं कि अगर किसी भी सूरत में स्ट्रांग रूम्स को खोला जाना है तो पहले चुनाव आयोग को सूचित कर उनकी अनुमति लेनी अनिवार्य है।