Edited By Punjab Kesari,Updated: 28 Mar, 2018 08:47 AM
पंजाब विधानसभा के सत्र के दौरान मंगलवार को तीसरी बार फिर कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू व पूर्व अकाली मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया भिड़ गए। सिद्धू शून्यकाल के दौरान किसी मामले को लेकर बोल रहे थे तो बीच में मजीठिया ने टोका जिस पर सिद्धू गुस्सा हो गए।
चंडीगढ़ (भुल्लर): पंजाब विधानसभा के सत्र के दौरान मंगलवार को तीसरी बार फिर कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू व पूर्व अकाली मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया भिड़ गए। सिद्धू शून्यकाल के दौरान किसी मामले को लेकर बोल रहे थे तो बीच में मजीठिया ने टोका जिस पर सिद्धू गुस्सा हो गए।
वह सीट से उठकर तीखे शब्दों का इस्तेमाल करते हुए मजीठिया की ओर कई बार बढ़े परंतु साथी मंत्रियों व विधायकों ने बीच-बचाव करते हुए टकराव रोका। सिद्धू के साथ की सीट पर बैठे मंत्री मनप्रीत बादल व ब्रह्म महिंद्रा ने उन्हें बाजू से पकड़कर मजीठिया की सीट की ओर बढऩे से रोका। सुखजिंद्र सिंह रंधावा व इंद्रवीर सिंह बुलारिया समेत कई कांग्रेसी सदस्य भी सिद्धू के समर्थन में थे व उन्होंने भी मजीठिया को सामने आकर देखने की चुनौती दी।
उस समय सदन में कैप्टन अमरेंद्र सिंह भी उपस्थित थे परंतु वह ये सब कुछ चुपचाप देखते रहे। पूर्व मंत्री राणा गुरजीत व नेता विपक्ष सुखपाल सिंह खैहरा में भी तीखी तकरारबाजी हुई तथा दोनों ने एक-दूसरे को सदन में ललकारा। दोनों ने एक-दूसरे पर गंभीर आरोप भी लगाए तथा कई आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल भी किया परंतु स्पीकर द्वारा ऐसे कई शब्दों को कार्रवाई से निकाल दिया गया।
बहसबाजी उस समय शुरू हुई जब कांग्रेसी सदस्य सुख सरकारिया ने सत्तापक्ष के सभी सदस्यों के अवैध माइनिंग में शामिल होने के संबंध में सदन में रखे गए विचारों पर आपत्ति दर्ज करवाई। सिद्धू ने भी इस मामले को लेकर खैहरा पर तीखे प्रहार किए। राणा गुरजीत का अन्य कांग्रेसी सदस्यों ने भी खुलकर साथ दिया औैर काफी समय सदन में शोर-शराबे व भारी हंगामे का माहौल बना रहा। बात उस समय ज्यादा बढ़ी जब खैहरा ने जस्टिस नारंग की रिपोर्ट का उल्लेख करते हुए राणा गुरजीत पर अवैध माइङ्क्षनग के मामले को लेकर निशाना साधा।