Edited By Urmila,Updated: 08 Nov, 2022 01:19 PM

सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव जी का जन्म वर्ष 1469 में कत्तक की पूर्णिमा के दिन हुआ था।
अमृतसर ( गुरिंदर सागर): सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव जी का जन्म वर्ष 1469 में कत्तक की पूर्णिमा के दिन हुआ था जिसे दुनिया में रहने वाले सिख प्रकाश उत्सव या गुरुपर्व के रूप में मनाते हैं। इस बार 8 नवंबर यानि आज उनकी 553वीं जयंती मनाई जा रही है। श्री गुरु नानक देव जी का प्रकाश पर्व पर अमृतसर के श्री दरबार साहिब के साथ-साथ पाकिस्तान स्थित श्री ननकाना साहिब में भी बड़ी धूमधाम से मनाया जा हा है और श्री दरबार साहिब में संगत बड़ी गिनती में नतमस्तक होने पहुंची।
सिखों के पहले गुरु श्री गुरु नानक देव जी का प्रकाश पर्व समूची नानक नाम लेवा संगत द्वारा बड़ी श्रद्धा और हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है। जिसके चलते संगत अपने नजदीक गुरु घरों में नतमस्तक होने पहुंच रही हैं। पाकिस्तान स्थित गुरु नानक देव जी जन्म स्थान गुरुद्वारा ननकाना साहिब में भी संगत नतमस्तक होने पहुंची हुई हैं। पवित्र सरोवर में स्नान करके संगत द्वारा सरबत के भले की अरदास की जा रही है।

प्रकाश पर्व के अवसर पर श्री दरबार साहिब को भी सुंदर जलौ भी सजाए गए हैं जिसमें हीरे, मोती, जवाहरात, सोने-चांदी का सामान, सोने के दरवाजे, चांदी के पांच तसले आदि शामिल हैं। इसके अलावा महाराजा रणजीत सिंह के द्वारा नौ लक्खा हार, नीलम का मोर, सोने की छंब्बे, चन्दन का चावर साहिब, चांदी के दस्ते, बाटे और अन्य कीमती खजाना शामिल हैं। इस पावन दिवस के मौके पर एस.जी.पी.सी. द्वारा भी संगत के लिए विशेष प्रबंध किए गए। बड़ी गिनती में पहुंची संगत जहां श्री दरबार साहिब में माथा टेका वहीं उन्होंने अलौकिकआनंद लिया।



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