Edited By Punjab Kesari,Updated: 23 Oct, 2017 09:24 AM
शाहकोट उपमंडल से गुजरने वाले दरिया से एक अनुमान के अनुसार प्रतिदिन करीब लाखों रुपए की रेत की लूट हो रही है जिससे रेत माफिया मालामाल हो रहा है, वहीं आम लोग महंगे भाव में रेत खरीदने हेतु विवश हैं। आजकल रेत का भाव गेहूं के आटे के समान हो गया है।
शाहकोट(मरवाहा) : शाहकोट उपमंडल से गुजरने वाले दरिया से एक अनुमान के अनुसार प्रतिदिन करीब लाखों रुपए की रेत की लूट हो रही है जिससे रेत माफिया मालामाल हो रहा है, वहीं आम लोग महंगे भाव में रेत खरीदने हेतु विवश हैं। आजकल रेत का भाव गेहूं के आटे के समान हो गया है।
यहां यह बात उल्लेखनीय है कि शाहकोट उपमंडल का करीब 50 किलोमीटर का लम्बा इलाका सतलुज दरिया के किनारे पर स्थित है। सतलुज दरिया का यह हिस्सा रेत माफिया तथा उनके सियासी आकाओं के लिए सोने की खान से कम नहीं। जिस तरह अरब देशों में पैट्रोल, डीजल तथा गैस ने वहां के लोगों का जीवन बदल कर रख दिया उसी तरह अवैध रेत के खनन से रेत माफिया, उनके सियासी आका तथा कुछ अधिकारी 10 वर्षों में मालामाल हो गए।
कांग्रेस सरकार के 7 महीने बीत जाने के बाद भी रेत का अवैध खनन व कालाबाजारी नहीं हुई बंद
जनवरी 2017 में हुए पंजाब विधानसभा के चुनाव दौरान कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने लोगों से यह वायदा किया था कि कांग्रेस की सरकार बनने पर पहल के आधार पर रेत की कालाबाजारी तथा अवैध खनन को बंद करवाकर आम लोगों को सस्ते भाव में रेत उपलब्ध करवाई जाएगी जिसके पश्चात लोगों को सरकार से बहुत आशा थी लेकिन कांग्रेस सरकार के 7 महीने बीत जाने पर भी रेत का अवैध खनन तथा कालाबाजारी तो बंद नहीं हुई अपितु इसकी कीमतों में पहले से भी ज्यादा वृद्धि हो गई जिस कारण अब गरीब व्यक्ति को एक कमरा बनाना मुश्किल हो गया है। अवैध खनन से सतलुज दरिया में खड्डें बन गई हैं जो बरसात के मौसम में बांध टूटने का कारण बन सकती हैं।
प्रशासन की कार्यशैली पर लगा बड़ा प्रश्न चिन्ह
सरकार तथा प्रशासन के दावों के बावजूद यह अवैध रेत इतनी दूर तक खनन विभाग, पुलिस के अनेक थानों तथा नाकों पर मौजूद अधिकारियों व कर्मचारियों की आंखों में धूल झोंक कर कैसे अपनी मंजिल तक सुरक्षित पहुंच जाती है? यह प्रशासन की कार्यशैली पर बड़ा प्रश्र चिन्ह है। जब भी कोई शोर-शराबा होता है तो खनन विभाग तथा पुलिस किसी छोटे-मोटे व्यापारी को पकड़ कर अपनी पीठ थपथपाती नहीं थकती परंतु लाखों रुपए की रेत का अवैध खनन करने वाले रेत माफिया को हाथ नहीं लगाती।