SAD-BJP के बदलते रिश्ते : केंद्र सरकार का जवाब संसद में कोई सिख MP नहीं

Edited By Suraj Thakur,Updated: 02 Feb, 2019 08:08 PM

sad bjp changing relationship in punjab

केंद्र के महाराष्ट्र सरकार को दिए इस जवाब ने शिअद-भाजपा गठबंधन के रिश्तों में आग में घी डालने जैसा काम किया है।

चंडीगढ़। (सूरज ठाकुर) नांदेड़ स्थित तख्त श्री हजूर साहिब प्रबंधक कमेटी में महाराष्ट्र सरकार की बढ़ती दखलअंदाजी से शिरोमणि अकाली दल और भाजपा के रिश्तों में कड़वाहट पहले ही कम होने का नाम नहीं ले रही थी कि इसी बीच एक नए विवाद ने दोनों पार्टी के रिश्तों में पड़ी दरार को और गहरा कर दिया है। दरअसल केंद्र सरकार को 17 सदस्ययी गुरुद्वारा बोर्ड में मनोनीत करने के लिए दो सिख सांसदों के नाम महाराष्ट्र सरकार को भेजने थे, लेकिन केंद्र सरकार ने इसे नकारते हुए महाराष्ट्र सरकार को यह जवाब दे डाला कि संसद में सिख सांसद ही नहीं हैं। केंद्र सरकार के इस जवाब ने शिअद-भाजपा गठबंधन के रिश्तों में आग में घी डालने जैसा काम किया है।PunjabKesari
भूल सुधारने में जुटा मंत्रालय...
केंद्र सरकार के इस जवाब से अकाली दल के नेता खासे भड़के हुए हैं। सरकार के इस रवैये के प्रति शिरोमणि अकाली दल ने सख्त एतराज जताया है। बताया जा रहा है कि अकाली नेतओं की आक्रामकता को देखते हुए केंद्र सरकार का संबधित मंत्रालय भी अपनी भूल सुधारने में जुट गया है। शिअद सांसद प्रोफेसर चंदू माजरा ने मीडिया को दिए एक साक्षत्कार में इस बात का खुलासा किया है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने महाराष्ट्र सरकार को भेजा गया जवाब एतराज के काबिल है।PunjabKesari
संसदीय मामलों के मंत्रालय को लिखा पत्र...
उन्होंने कहा कि कहा कि इस बाबत संसदीय मामलों के मंत्रालय को एक शिकायत पत्र भी लिखा है। माजरा ने आरोप लगाते हुए कहा कि अब तो सरकार 17 सदस्ययी गुरुद्वारा बोर्ड में भी अपने सांसदों को बिठाने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि मामला सामने आने के बाद वह गुरूद्वारा बोर्ड में अपना और सांसद बलविन्दर भूंदड़ का नाम केंद्र की ओर से महाराष्ट्र सरकार को भिजवाने का प्रयत्न कर रहे हैं।PunjabKesari 
बजट पर बादलों की चुप्पी...
नांदेड़ स्थित तख्त श्री हजूर साहिब में पनपे इस विवाद को लेकर शिरामणि अकाली दल और केंद्र में अंदरखाते आमने सामने आ गए हैं। यहां तक कि शिअद के प्रधान सुखबीर बादल और पूर्व सीएम प्रकाश बादल ने केंद्र सरकार के अंतरिम बजट पर भी चुप्पी साध रखी है। हालांकि भाजपा के पंजाब प्रधान श्वेत मलिक SAD-BJP के रिश्तों को लेकर यह कहकर अपना पल्ला झाड़ चुके हैं, कि गठबंधन एक परिवार की तरह है और अन-बन चलती रहती है। श्वेत मलिक का कहना है कि विवाद को लेकर अभी तक पंजाब के पूर्व सीएम प्रकाश बादल का कोई भी बयान नहीं आया है, यदि कोई गिला-शिकवा होगा तो उनसे मिलकर सुलझा लिया जाएगा।PunjabKesari
ऐसे शुरू हुआ विवाद...
नांदेड़ साहिब में गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान पद के लिए नियमों में संशोधन करते हुए पिछले साल नोमिनेशन का अधिकार महाराष्ट्र सरकार ने अपने पास ले लिया था। शिअद ने इसका पूरजोर विरोध भी किया था। इस मामले को प्रकाश सिंह बादल, पार्टी प्रधान सुखबीर सिंह बादल समेत कई नेता भाजपा हाईकमान के समक्ष रख चुके हैं। शिअद का कहना है कि इससे धार्मिक संस्था को नुकसान होगा। मैनेजमेंट भी सही काम नहीं कर पाएगी।PunjabKesari
सिरसा ने किया था खुलकर विरोध...
शिअद के राष्ट्रीय प्रवक्ता, भाजपा-अकाली विधायक व डीएसजीएमसी के महासचिव मनजिंदर सिंह सिरसा ने केंद्र सरकार पर खुलकर हमला बोला था और कहा कि भाजपा सरकार की गुरूद्वारों में दखलअंदाजी बढ़ती जा रही है। सिरसा ने कहा कि इस तरह कि हिम्मत तो ब्रिटिशकाल में अंग्रजों ने भी नहीं की थी। उन्होंने कहा था कि भाजपा की राज्य सरकारों की इस दखलअंदाजी से शिरोमणि अकाली दल बहुत ही आहत है। अकाली विधायक ने आरोप लगाया था कि भाजपा सरकारों की ओर से अपने लोगों को गुरुद्वारा मैनेंजमेंट कमेटी में शामिल करवा प्रधान बनाने की कोशिश हो रही है।

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